“दूर देश से बोलने पर आवाज दूर तलक जाती है। मोदी जब विदेश के मंच से अपनों के बीच बोलते हैं तो दिल्ली में ज्यादा ताली बजती है।” वामपंथी पत्रकार, रवीश कुमार की आवाज में सुकून महसूस करने वाले राजनीति के खिलाडियों ने इस बार अमेरिका के दो टिकट देश के खिलाफ झूठ के प्रचार के लिए कटवाये। हावर्ड में मंच की व्यवस्था की गई। ताकि झूठ को ताकत मिल सके। वामपंथी पत्रकारिता से राजनीति में कूदे मनीष सिसोदिया, रविश कुमार को शायद नई ट्रेनिंग दिलाने हावर्ड ले गए थे!
झूठ के इस धंधे के तहत दिल्ली के उपमुख्यमंत्री,सिसोदिया ने हावर्ड के मंच से कहा “पूरे देश की शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है। हमने दिल्ली की तस्वीर बदल दी। शिक्षा पर बजट का 25 प्रतिशत किया। हमारे स्कूलों की तस्वीर यूं बदली कि प्राइवेट स्कूल उसके सामने निरीह लगने लगे। हावर्ड में दिल्ली सरकार यह झूठ तब बोल रही थी जब हफ्ते भर पहले दिल्ली में दसवीं के प्री बोर्ड का रिजल्ट आया था जिसमें 70 प्रतिशत छात्र फेल हो गए थे। कई स्कूलों में तो फेल छात्रों की संख्या 90 प्रतिशत पार थी।
शिक्षा निदेशालय के मुताबिक सरकारी स्कूलों के पास बजट नहीं है शिक्षकों के तीस हजार से ज्यादा पद खाली हैं। दिल्ली में शिक्षा की इस बदहाली के लिए शिक्षकों से जवाब तलब किया गया है। उधर सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार ने अपने बजट का 526 करोड़ विज्ञापन में खर्च किया। इसमें बड़ी संख्या दिल्ली के बाहर प्रचार के लिए खर्चे गए।
उधर आयकर और मनीलॉन्ड्रींग के आरोप में शिकंजे में कसे जा रहे एनडीटीवी के बड़बोले पत्रकार रवीश कुमार सरकार से यह कहते नजर आए कि भारत में अब कुछ भी बोलना संभव नहीं। भारत में डरी हुई मीडिया, लोकतंत्र को लाश बना रही है। लोग तलवार लेकर स्टूडियो में घुस रहे हैं, कल बंदुक लेकर घुसेंगे। कॉलेज में घुसकर शिक्षा मंत्री प्रोफेसर के हाथ में अपनी तरह का इतिहास पढाने को दे रहे हैं। भारत में लोग बस जलाकर पोस्टर फाड़कर इतिहास बदल रहे हैं। तीन साल में हमने जितने इतिहासकार पैदा किए उतनी तो युनीवर्सिटी में जगह भी नहीं। हम जैसों को सवाल नहीं करने दिया जा रहा है। वो कहते हैं मैं सरकार के बारे में नहीं बस मीडिया के बारे में बोलुंगा, नहीं तो लोग हमला करेंगे कि विदेश में जाकर देश के खिलाफ बोला। जबकि वे क्या बोले, किसके खिलाफ झूठ का प्रचार किया, आप अपने विवेक से तय कर सकते हैं।