देश के बैंकों से 11 हजार करोड़ ऋण लेकर विदेश भागने वाला शराब कारोबारी आज मोदी सरकार से सारे ऋण चुकाने के लिए अपनी संपत्ति बेचने की भीख मांग रहा है। यह है मोदी सरकार की कूबत, जिसने माल्या जैसे भगोड़ों को घूटने के बल रेंगने को मजबूर कर दिया। एक समय यूपीए सरकार का कार्यकाल था, जब माल्या का डंका बजता था। उसकी एक चिट्ठी पर वित्त मंत्री पी चिदंबरम एनओसी मांगने पर बैंक अधिकारियों को फटकार लगाता था। वही माल्या आज कर्नाटक हाईकोर्ट से अपनी 13,900 करोड़ रुपये की संपत्ति बेचने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
मुख्य बिंदु
* 11 हजार करोड़ लेकर देश से भागने वाला माल्या ने सारा कर्ज चुकाने को तैयार होने का दिया संदेश
* कर्नाटक हाईकोर्ट से कर्ज चुकाने के लिए 13,900 करोड़ रुपये की संपत्ति बेचने की मांगी अनुमति
विदेश में रहकर कल तक अकड़ दिखाने वाला भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या अब ट्वीट कर अपना सारा कर्ज लौटाने के लिए गिड़गिड़ा रहा है। हालांकि एक कहावत है कि चोर चोरी से जाता है लेकिन हेराफेरी से बाज नहीं आता। जिस प्रकार उसने देश की जांच एजेंसियों को अपराधी बताया है उससे तो लगता है कि वह किसी और हेराफेरी में लगा है।
उसने तीन ट्वीट कर अपने सारे कर्ज चुकाने तथा इसके लिए कर्नाटक हाईकोर्ट से 13,900 करोड़ रुपये की संपत्ति बेचने की अनुमति मांगने की बात लिखी है। लेकिन अपने एक ट्वीट में उसने सीबीआई और ईडी जैसी देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी पर अड़ंगा लगाने की आशंका जताई है। यहीं पर इसकी हेराफेरी झलकती है। दरअसल अब माल्या किसी तरह देश के सामने अपने को साफ और ऋण नहीं चुकाने देने के लिए इन जांच एजेंसियों को कसूरवार ठहराना चाहता है।
माल्या अच्छी तरह से जानता है कि वह भगोड़ा घोषित है। उसकी सारी संपत्ति एटैच हो चुकी है। जब संपत्ति एटैच हो चुकी है तो फिर उसकी संपत्ति रही कहां? जब तक वह भारतीय न्ययालय के सामने आत्मसमर्पण नहीं कर देता और आपराधिक मामले का सामना नहीं करता। जब तक अब बैंकों से लिए ऋण मामले का निपटारा नहीं हो जाता तब-तक वह एक पैसे की संपत्ति नहीं बेच सकता है। ऐसे में उसने अपने ट्वीट से लोगों को भरमाने का काम कर रह है। लेकिन वह नहीं जानता कि यह कांग्रेस नियंत्रित यूपीए की नहीं बल्कि मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है। उसकी सारी चालबाजी निकल जाएगी। अभी तो गिड़गिड़ाना शुरू किया है। देखते जाइये कि आगे क्या-क्या करता है…
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2-ये मोदी सरकार है, नीरव मोदी हो या मेहुल चौकसी हश्र सबका विजय माल्या जैसा ही होगा!
3- ये मोदी सरकार है, नीरव मोदी हो या मेहुल चौकसी हश्र सबका विजय माल्या जैसा ही होगा!
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