भारत सदियों से मच्छर जनित रोगों से जूझता आया है. पहले मलेरिया उसके बाद डेंगू और अब चिकनगुनिया! सरकारें अपने-अपने स्तर पर लगी हुई हैं लेकिन सारे दावे खोखले नजर आ रहे हैं.
चिकनगुनिया और इससे सम्बंधित बीमारियों के लगभग चालीस हजार मामले इस साल भारत में पाए गए हैं, जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. हम आपको यहाँ पर कुछ आजमाये हुए आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक तरीके बताने जा रहे हैं. हो सकता हैं इससे आपको इस बीमारी से लड़ने में मदद मिले और पीड़ा से राहत मिले!
तुलसी, गिलोय, नीम की फली, थोड़ी सोंठ और थोड़ी-सी कालीमिर्च मिलाकर बनाया गया मिश्रण (काढ़ा) इन बीमारियों में अचूक औषधि की भांति काम करता है. हाँ यह पीने में थोड़ा कड़वा होगा लेकिन थोड़ा सा गुड़ मिला लिया जाए तो तो इसका स्वाद भी पीने के अनुकूल हो जाता है.
दूसरा कारगर इलाज होम्योपैथी में है. होम्योपैथी की Ocimum 200 की दो बूंदें तीन बार देने से इस बीमारी में राहत मिलती है. चिकनगुनिया से डरें नहीं. ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें.