पूरी दुनिया में पहली बार ऐसा देखने में आ रहा है कि किसी घोटाले के आरोपियों को बचाने के लिए भारत के बहुत सारे पत्रकार पूरी तरह से मैदान में कूद पड़े हैं! अगस्ता वेस्टलैंड में इटली की अदालत द्वारा संदिग्ध ठहराए गए सिग्नोरा गांधी व उनके राजनीतिक सचिव अहमद पटेल के पक्ष में बैटिंग करने वाले पत्रकार कहीं वो तो नहीं हैं, जिन पर हेलीकाॅप्टर घोटाले में फंसी अगस्ता वेस्टलैंड से करोड़ों रुपए घूस लेने और उसके ही पैसे से इटली घूमने का आरोप है!
पहले the hindu व the telegraph ने और अब INDIA TODAY GROUP के India Today व Aaj Tak न्यूज चैनलों ने अगस्टा वेस्टलैंड में बिचैलिए क्रिश्चियन मिशेल के एक कथित पत्र के जरिए गांधी परिवार को बचाने का अभियान शुरू किया है! ताज्जुब देखिए कि इसमें द हिंदू का एक पत्रकार राजू संथानम ईडी के द्वारा पकड़ा जा चुका है और उससे ईडी पूछताछ कर चुकी है! सूत्र बताते हैं कि राजू ने पूछताछ में बताया है कि VVIP Agusta Westland choppers की कंपनी Finmeccanica वर्ष 2013 में भारतीय पत्रकारों के एक दल को इटली घुमाने के लिए ले गई थी, जिसमें वह शामिल था! उसने ईडी को इसमें शामिल करीब 20 बड़े पत्रकारों का नाम भी बताया है, जिनसे निकट भविष्य में पूछताछ की संभावना है!
ताज्जुब की बात देखिए कि जिस मिशेल को ‘आजतक’ न्यूज चैनल कथित बिचैलिया दिखा व लिख रहा है, उसी ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल ने इस पूरे दौरे का खर्च उठाया था! दस्तावेजों से यह खुलासा पहले ही हो चुका है कि मिशेल की कंपनी ने अगस्ता के साथ एक समझौता पत्र साइन किया था, जिसमें अगस्ता के पक्ष में रिपोर्टिंग करने और घोटाले को दबाने के लिए भारतीय मीडिया पर 45 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे!
(http://www.indiaspeaksdaily.com/agustawestland-chopper-manufacturer-finmeccanica-managing-the-indian-media-by-six-million-euros/) इसी खर्च में पत्रकारों को फ्री इटली टूर भी कराया गया था!
कुछ मीडिया हाउस की रिपोर्टिंग और बड़े पत्रकारों के ट्वीट देखने पर संदेह गहरा रहा है कि कहीं ये वो लोग तो नहीं हैं, जो क्रिश्चिन मिशेल के संपर्क में तब भी थे और आज भी हैं! मैं किसी पर उंगली नहीं उठा रहा हूं, केवल उनकी रिपोर्टिंग और ट्वीट को सामने रख रहा हूं, जो उन्हें खुद-ब-खुद संदिग्ध बनाते हैं कि कहीं ये पत्रकार भी क्रिश्चिन मिशेल की फंडिंग पर 2013 में इटली घूमने जाने वालों में शामिल तो नहीं थे!
4 मई व 6 मई 2016 को एक तरफ जहां, राज्यसभा व लोकसभा में अगस्ता वेस्टलैंड में भारत सरकार पूरे तथ्य संसद के समक्ष रख रही थी, तो दूसरी तरफ ‘आजतक’ न्यूज चैनल पूरे दिन यह खबर चला रहा था– “अगसता वेस्टलैंड में कथित बिचैलिए क्रिश्चियन मिशेल (यहां ध्यान देने की बात है कि भारत सरकार की एजेंसियों द्वारा जिस मिशेल के नाम गिरफतारी वारंट व रेड काॅर्नर नोटिस जारी है उसे आजतक ‘कथित’ लिख रहा है, भगोड़ा नहीं) ने मोदी सरकार और भारतीय जांच एजेंसियों पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। मिशेल ने इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल फॉर लॉ ऑफ द सी को लिखे एक खत में ये आरोप लगाया है कि उस पर गांधी परिवार यानी सोनिया गांधी और राहुल गांधी को फंसाने के लिए दवाब डाला गया। मिशेल का आरोप है कि मोदी सरकार ने उससे सौदेबाजी करने की कोशिश की।” (http://aajtak.intoday.in/story/indian-investigative-agencies-to-put-pressure-by-incriminate-the-gandhi-family-say-christen-michel-1-867309.html)
‘आजतक’ आगे दिखाता और वेब पर लिखता है- “गांधी परिवार को बदनाम करने के लिए दबाव! मिशेल की मानें तो उनसे कई लोगों ने संपर्क किया और इस बात की पेशकश की कि अगर वो गांधी फैमिली को बदनाम कर देता है तो उसके खिलाफ तमाम आरोप वापस ले लिए जाएंगे। मिशेल ने कोर्ट को भेजी वही चिट्ठी आजतक को भी भेजी है। मिशेल के मुताबिक सरकार ने जांच एजेंसियों के जरिये उन पर दबाव डालने की कोशिश की।”
गौर करने वाली बात यह है कि मिशेल की आधिकारिक चिट्ठी, जो इटली की अदालत के आदेश में लगा है, जिसमें सिग्नोरा गांधी, AP आदि का नाम है- को महत्व न तो राज्ससभा के उपसभापति कुरियन देने को तैयार दिखे और न ही ‘आजतक’ या अन्य संदिग्ध मीडिया हाउस! लेकिन भगोड़े अभियुक्त की एक संदिग्ध कथित चिट्ठी ‘आजतक’, ‘द हिंदू’ आदि के लिए महत्वपूर्ण बन गया है! आखिर क्यों?
इसकी थोड़ी तलाश करते हैं! इंडिया टुडे न्यूज चैनल के संपादकों में से एक संपादक राहुल कंवल के पुराने ट्वीट दर्शाते हैं कि वह किस तरह से अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाॅप्टर डील के फेवर में थे! 14 फरवरी 2013 को राहुल कंवल ने एक ट्वीट कर एक जूनियर अधिकारी का बचाव करते हुए यह संकेत दिया था कि हेलीकाॅटर डील किसी भी हाल में निरस्त नहीं होना चाहिए!
@rahulkanwal ने अंग्रेजी में लिखा था- Frantic call from young officer.Pl ensure chopper deal doesn’t get canceled. Fallout of expose. Srs make money, jrs suffer on battlefield.
इस ट्वीट का तात्पर्य समझिए! मिस्टर राहुल कंवल कह रहे हैं कि एक युवा अधिकारी ने गुस्से से उन्हें काॅल किया। कृपया सुनिश्चित कीजिए कि हेलीकाॅटर डील निरस्त नहीं हो! वरिष्ठ अधिकारी पैसे बना रहे हैं और कनिष्ठ अधिकारी लड़ाई लड़ रहे हैं! यह बड़ा खुलासा है!
अब यहां समझिए,आखिर राहुल कंवल न तो रक्षा मंत्री हैं और न ही रक्षा सचिव, जिन्हें एक कनिष्ठ अधिकारी फोन कर यह कह रहा है कि प्लीज यह सुनिश्चित कीजिए कि हेलीकाॅप्टर डील किसी भी हाल में निरस्त न हो! दूसरी बात, हेलीकाॅप्टर वीवीआईपी के लिए खरीदा जा रहा था तो यह डील किसी जूनियर अधिकारी के लिए बैटलफिल्ड कैसे हो गया? क्या श्रीमान राहुल कंवल जी समझाएंगे?
तीन साल पहले टुडे ग्रुप के एक संपादक का यह ट्वीट 2016 में इंडिया टुडे व आजतक न्यूज चैनल के द्वारा राज्यसभा में सरकार के खुलासे से अधिक एक अभियुक्त के संदिग्ध पत्र को अहमियत देने की कहानी बयां करने के लिए काफी हैं!
इसी टुडे ग्रुप की पत्रिका इंडिया टुडे का कुछ समय के लिए एक संपादकों में से एक संपादक रह चुके और अभी भी उसके एक वेब के नियमित स्तंभकार, एनडीटीवी के एक टाॅक शो होस्ट व पूर्व में इंडियन एक्सप्रेस के संपादक रहे शेखर गुप्ता भी बेचैन हैं कि 2013 में क्रिश्चिियन मिशेल द्वारा पत्रकारों को पेड हाॅलीडे पर ले जाने की घटना का खुलासा क्यों हो गया? जिस दिन एक वेब ने इसका खुलासा किया कि अगस्ता के पैसे पर कुछ पत्रकार इटली टूर करने गए थे, उसी दिन @ShekharGupta ने ट्वीट किया- This is anti-media McCarthyism. Abs fine for journos to go on such trips if Ok’d by editors, disclosed in coverage.
इसका मतलब हथियार कंपनी और हथियार दलाल के पैसे पर पेड टूर को शेखर गुप्ता सही ठहरा रहे हैं और कह रहे हैं कि ऐसे खुलासे मीडिया विरोधी कदम है!
सवाल है कि कोई बिना कारण किसी पत्रकार या संपादक को इटली आने-जाने, वहां फाइव स्टार होटल मे ठहरने, वहां घुमाने, वहां शाॅपिंग कराने, वहां महंगी दारू पिलाने आदि का कार्य क्यों करेगा? पत्रकारों और हथियार दलालों में फिर फर्क कहां रह जाता है? बिचैलिया पैसे लेकर हथियार कंपनी के लिए दलाली कर रहा है और पत्रकार पैसे व फ्री टूर के एवज में पेन-कैमरा लेकर उस दलाल के हित में दलाली कर रहा है! प्रकृति तो दोनों की दलाली ही है?
मुझे याद आता है कि एक बार इसी इंडिया टुडे में बड़े गर्व से शेखर गुप्ता ने अपने काॅलम में लिखा था कि यूपीए-वन की सरकार अमेरिका के साथ परमाणु करार करने के लिए संसद में बिल लाई थी और आडवाणी जी इसका विरोध कर रहे थे। फिर मिस्टर शेखर गुप्ता आडवाणीजी के पास पहुंचे और कहा कि आप क्यों इस करार का विरोध कर रहे हैं? तब आडवाणी ने उनसे कहा कि जानता हूं, इस करार के लिए मनमोहन सिंह से अधिक जल्दी आपको है!
शेखर गुप्ता ने इसे उस अहंकारवश लिखा था, जो कमोबेश हर पत्रकार को होता है कि वह सत्ता के कितने करीब है! शेखर गुप्ता का अहंकार यह दिखाना चाह रहा था कि वह तबके प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और विपक्ष के नेता आडवाणी, दोनों के कितने करीब थे!
लेकिन इस दिखावे की व्याख्या में शेखर गुप्ता यह भूल गए कि इससे उनकी सत्ता के गलियारे में मंडराने वाले एक बिचैलिए की छवि भी बन रही है, जो अपनी पत्रकारिता छोड़ परमाणु करार कराने के लिए बेचैन है! एक पत्रकार उस करार को लेकर संसद में हो रही बहस की रिपोर्टिंग करने गया था या फिर सरकार व विपक्ष में डीलिंग कराने! आश्चर्य देखिए, अगस्ता की तरह ही परमाणु करार भी एक डिफेंस डील से ही जुड़ा मसला था!
यही नहीं, जब सोनिया गांधी की ‘मनमोहनी सरकार’ घोटालों से घिरी थी तो यूपीए सरकार के पक्ष में संवेदना का माहौल बनाने के लिए भारतीय सेना द्वारा दिल्ली पर हमला करने की योजना की झूठी खबर भी इंडियन एक्सप्रेस में शेखर गुप्ता ने ही अपने नाम के साथ लिखी थी और वह भी एक डिफेंस से जुड़ा मसला ही था! तो क्यों न माना जाए कि डिफेंस के गलियारे में पत्रकार शेखर गुप्ता बेहद सक्रिय रहे हैं! और क्या पता इटली की टूर में भी एक बेहद सक्रिय डिफेंस जर्नलिस्ट के रूप में वो गए हों? आखिर उस टूर में गए पत्रकारों का बचाव करना, उन्हें संदिग्ध तो बनाता ही है!
द टेलीग्राफ बंगाल के आनंद बाजार पत्रिका ग्रुप का अखबार है, जो कोलकाता से निकलता है। पत्रकार अमीक सरकार का यह पूरा ग्रुप ही घोर वामपंथी है। दिल्ली सहित सभी ABP News भी यही ग्रुप संचालित करता है। इस ग्रुप की रिपोर्टिंग भी गांधी परिवार को बचाने और अगस्ता डील के दलाल के पक्ष में लगातार हो रही है!
हो सकता है कि पश्चिम बंगाल में वाम-कांग्रेस गठबंधन के हित में अमीक सरकार का यह ग्रुप कांग्रेस के ‘पवित्र परिवार’ के पक्ष में लाॅबिंग कर रहा हो, क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 500 करोड़ के जमीन घोटाले में एबीपी ग्रुप को पूरी तरह से एक्सपोज किया है! देखिए The Telegraph अगस्ता के पक्ष में कैसे ‘एजेंडाजर्नलिज्म’ कर रहा है- Agusta Westland had contended that the Indian government could not cancel the contract without hearing its case. The Telegraph यह भी लिखता है- Centre aims chopper gun at Sonia.
यह स्पष्ट होता जा रहा है कि जिस तरह से कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के 2जी, कोयला खदान आवंटन और काॅमनवेल्थ गेम्स घोटाले में कई मीडिया हाउस व पत्रकार साझीदार थे, उसी तरह अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में भी कांग्रेस-मीडिया गठबंधन ने साथ मिलकर काम किया है! जिसके लिए पत्रकारों ने बिचैलिए क्रिश्चियन मिशेल से 45 करोड़ रूपए डकारे हैं और आज भी उसी भगोड़े क्रिश्चिन मिशेल के कहने पर संदिग्ध पत्र दिखा-दिखा कर गांधी परिवार के पक्ष में देश की जनता में संवेदना उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं!
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