केजरीवाल सरकार अम्बेडकर और संविधान का उल्लंघन कर रही है आप के 21 एमएलए को संकट में डालने वाले वकील ने लिखी खुली चिट्ठी, आम आदमी पार्टी के 21 एमएलए को संसदीय सचिव बनाने पर संकट में डालने वाले वकील प्रशांत पटेल ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी अम्बेडकर और संविधान का उल्लंघन कर रही है। उन्होंने कहा है कि इस बारे में लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है कि अंबेडकर दिल्ली को विधानसभा दिलाना चाहते थे लेकिन यह गलत है। वकील प्रशांत पटेल ने कहा है कि अंबेडकर ने जब संविधान बनाया तो दिल्ली को चैप्टर-8 में रखा जो केंद्रशासित प्रदेशों के लिए था जबकि पूर्ण राज्यों को चैप्टर-6 में रखा गया था। आप सरकार अंबेडकर के इस फैसले का ही माखौल बना रही है। आप सरकार संविधान का भी उल्लंघन कर रही है जबकि इसके मंत्रिमंडल ने संविधान पर चलने की शपथ ली थी।
संविधान कहता है कि देश में 29 राज्य और 7 केंद्रशासित प्रदेश हैं लेकिन आप दिल्ली को पूर्ण राज्य मानकर काम कर रही है यानी वह 30 राज्य और 6 केंद्रशासित प्रदेश मानती है। संविधान कहता है कि एक साल में असेम्बली के 3 रेगुलर सेशन होने चाहिएं लेकिन आप सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों की निंदा करने के लिए बार-बार स्पेशल सेशन बुलाती है। बाबा साहेब ने संविधान में आईएएस, दानिक्स और अन्य अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार तय किया था लेकिन दिल्ली सरकार इस अधिकार को भी अपने पास मानती है। संविधान में कहा गया है कि अगर संविधान में कोई बदलाव करना है तो संसद उसे दो तिहाई बहुमत से बदल सकती है लेकिन केजरीवाल संशोधन के बिना ही दिल्ली में पुलिस और जमीन पर नियंत्रण चाहते हैं।
दो तिहाई बहुमत न तो यूपीए सरकार के पास था और न ही एनडीए सरकार के पास है। इसके अलावा अंबेडकर ने संविधान में तय किया था कि उपराज्यपाल ही दिल्ली का प्रशासक होगा लेकिन केजरीवाल सरकार इसे भी नहीं मान रही। प्रशांत पटेल ने कहा है कि मैं अंबेडकर का चाहने वाला हूं लेकिन दिल्ली सरकार के काम से मुझे दुख होता है
साभार: प्रशांत पटेल सोशल मीडिया