आज लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार को नीचा दिखाने की कोशिश में ऐसी गलती कर दी कि पुण्य प्रसून वाजपेयी जैसे ‘पीडी पत्रकारों’ की पोल खुल गयी कि वो कांग्रेस के पक्ष में फेक न्यूज का कारोबार चला रहे थे! मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा में एबीपी न्यूज से पुण्य प्रसून वाजपेयी को निकाले जाने का मुद्दा उठा दिया और उसमें पीएम को लपेटने की कोशिश की। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से कहा कि एक निजी चैनल में कौन किसे रख रहा है, कौन किसे निकाल रहा है, इसे यहां उठाने का क्या तुक है? क्या आपके पास कोई सबूत है कि इसमें सरकार का हाथ है? इस सवाल पर मल्लिकार्जुन खड़गे का मुंह देखने लायक था।
गौरतलब है कि लगातार फेक न्यूज करने के कारण एबीपी न्यूज ने अपने दो एंकर-पुण्य प्रसून वाजपेयी व अभिसार शर्मा और इनको प्रश्रय देने वाले प्रबंध संपादक मिलिंद खांडेकर को निकाल दिया है। पुण्य और अभिसार लगातार फेक न्यूज कर रहे थे, जिससे न केवल चैनल की बदनामी हो रही थी, बल्कि विज्ञापनदाताओं ने भी शाम 7 बजे से लेकर 10 बजे के बीच विज्ञापन से अपना हाथ खींचना शुरु कर दिया था। इससे आजिज प्रबंधकों ने पुण्य और अभिसार को पहले चेतावनी दी, और नहीं मानने पर निकालने का निर्णय ले लिया। इनको बचाने के लिए बीच में कूदे मिलिंद खांडेकर को भी जाना पड़ा।
पहले जान लीजिए कि पुण्य और अभिसार ने कौन-सी फेक न्यूज की थी?
पुण्य प्रसून और अभिसार शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप्र के मुख्यमंत्री योगी और भाजपा से बेइंतहां नफरत करने वाले पत्रकारों में शामिल हैं। इस नफरत में ये दोनों पत्रकारिता को तिलांजलि देते हुए पीएम मोदी, सीएम योगी और भाजपा को टारगेट करते हुए लगातार फेकन्यूज का करोबार चला रहे थे। ये एक ही नारा दे रहे थे कि पत्रकारिता का मतलब निष्पक्षता नहीं होती, बल्कि पत्रकारिता का मतलब सत्ता के खिलाफ खबर होती है। हालांकि 2004-14 के बीच सोनिया गांधी की मनमोहन सरकार के खिलाफ एक भी खबर न करने का रिकॉर्ड इन दोनों की ‘पेटिकोट पत्रकारिता’ की पोल खोलने के लिए काफी है। इतना ही नहीं, अभिसार शर्मा ने तो अपनी राजस्व अधिकारी बीबी सुमोना सेन के साथ मिलकर सरकारी खजाने को लूटने के आरोप से घिरा रहा है।
हाल में पुण्य प्रसून वाजपेयी ने प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करने के लिए एक फेक न्यूज चलाया था। छत्तीसगढ़ की एक महिला से पीएम ने बात की, जिसमें महिला ने कहा था कि धान की खेती में उसे घाटा होता था, लेकिन सीताफल से पल्प निकालने से उसकी आमदनी दोगुनी हो गयी। एबीपी न्यूज पर पुण्य प्रसून वाजपेयी ने इसे धान से जोड़ कर प्रधानमंत्री को झूठा साबित करने का प्रयास किया। इसके तत्काल बाद ही छत्तीसगढ़ की कृषक महिला चंद्रमणि कांसी ने एबीपी न्यूज और उसके एंकर पुण्य प्रसून वाजपेयी झूठा करार दिया है! चंद्रमणि कांसी ने बताया कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया था कि सीताफल के पल्प निकालने से उनकी आमदनी दोगुनी हुई है, और यही सच है। लेकिन ABP न्यूज वाले धान की खेती बताकर मेरे नाम से झूठ परोस रहे हैं। मेरी आमदनी धान से नहीं सीताफल की पल्प प्रोसेसिंग से दोगुनी हुई है, यही मैंने PM को बताया था और यही एएबीपी न्यूज वाले को बताया था।
कुछ ऐसा ही हाल अभिसार शर्मा का था। उसने उप्र की एक युवती संस्कृति की हत्या को उसके साथ बलात्कार से जोड़ दिया, जबकि उसके साथ बलात्कार हुआ ही नहीं था। उसके साथ बलात्कार की कोई पुष्टि न तो मेडिकल रिपोर्ट में हुई न ही ऐसा कोई एफआईआर ही दर्ज हुआ और न ही उसके परिवार ने ही ऐसा कोई आरोप लगाया था। परिवार ने अभिसार की रिपोर्ट को अपने परिवार के खिलाफ मानहानि मानते हुए उसके खिलाफ मामला दर्ज करा दिया, जिसके बाद उप्र पुलिस ने अभिसार को नोटिस भेजा। इन दोनों ने इसके बाद भी कई फेक न्यूज किए, लेकिन उपरोक्त दो पर इनसे जब प्रबंधकों ने जवाब मांगा तो इन्होंने कोई सबूत पेश नहीं किया।
खड़के सहित पूरी कांग्रेस देश को गुमराह करने के लिए उतर गयी!
लोकसभा में कांग्रेस की ओर से विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक निजी न्यूज चैनल में फेक न्यूज के प्रति प्रबंधकों की कार्रवाई को प्रधानमंत्री मोदी से जोड़कर देश को गुमराह करने का प्रयास किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ की महिला का मुद्दा उठाया और यह दर्शाया कि जो भी मोदी सरकार के खिलाफ खबर करेगा, उसे ऐसा ही परिणाम भुगतना पड़ेगा। लोकसभा के बाहर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार के खिलाफ ट्वीटर वार छेड़ दिया। यानी हर तरह से कांग्रेस इन फेक न्यूज मेकरों के पक्ष में उतर गयी। इससे यह साबित हो गया कि ये फेक न्यूज मेकर कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता कर रहे थे। सोनिया-राहुल की सत्ता जाने के बाद से बेचैन ये पत्रकार कांग्रेस के इशारे पर फेक न्यूज का कारोबार चला रहे थे! यदि ऐसा नहीं था तो आखिर एक निजी न्यूज चैनल के अंदर की कार्रवाई को संसद से लेकर ट्वीटर तक पर उछालने की जरूरत कांग्रेस को क्यों महसूस हुई?
और यदि मान लें कि कांग्रेस पत्रकारिता व पत्रकारों की इतनी ही बड़ी हितैषी है तो जब न्यूज18 इंडिया से एक साथ 300 पत्रकारों और एनडीटीवी से 70 से अधिक कैमरामैन की एक साथ छंटनी कर दी गयी तो कांग्रेस ने संसद के अंदर इस मुद्दे को एक बार भी क्यों नहीं उठाया? कांग्रेस यहीं घिर गयी। उसे मतलब केवल न्यूज इंडस्ट्रीज में बैठे अपने ट्रोजन हॉर्स की सुरक्षा से है, न कि पत्रकार या पत्रकारिता से। यही कारण है कि वह सैकड़ों पत्रकारों की छंटनी पर नहीं, अपने चुनिंदा ट्रोजन हॉर्स पत्रकारों जैसे- पुण्य, अभिसार, मिलिंद आदि के लिए दुखी है, जो उसके इशारे पर पीएम मोदी व सरकार के खिलाफ फेकन्यूज चलाते थे!
सूचना प्रसारण राज्यमंत्री ने दिखाया कांग्रेस को आईना
सूचना प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्द्धन राठौड़ ने संसद के अंदर ही मल्लिकार्जुन खड़के से लेकर फेक न्यूज करने वालों तक को आईना दिखा दिया। राज्यवर्द्धन राठौड़ ने कहा, उस चैनल की कोई टीआरपी ही नहीं है। जनता उस चैनल को देखती ही नहीं। सूचना प्रसारण मंत्री ने कहा, फेक न्यूज दिखाने के बावजूद सरकार ने उस चैनल को कारण बताओ नोटिस भी जारी नहीं किया था। सरकार का इससे क्या लेना-देना? विपक्ष बस सरकार को बदनाम करने के लिए बेवजह के मुद्दे उठा रहा है।
असलियत जानिए
एबीपी न्यूज में शाम 7 बजे अभिसार का शो शुरु होता था और रात नौ बजे पुण्य का शो ‘मास्टरस्ट्रोक’ जो रात 10 बजे तक चलता था। चैनल से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अभिसार के शो से लेकर पुण्य प्रसून वाजपेयी के शो की टीआरपी सबसे कम थी। इतनी कम टीआरपी के कारण विज्ञापनदाता भी विज्ञापन से हाथ खींचने लगे थे। इन दोनों के शो के कारण चैनल को केवल कुछ महीनों में ही 100 से 150 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। यहां तक कि मुख्य विज्ञापनदाता पतंजलि ने तो करीब-करीब अपना सारा विज्ञापन खींचना शुरू कर दिया था। प्रबंधक बार-बार अभिसार और पुण्य को समझा रहे थे कि फेक न्यूज से बचें। इससे चैनल और विज्ञापनदाता, दोनों की विश्वसनीयता घटती है। लेकिन अंध मोदी विरोध में ये दोनों फेकन्यूज के कारोबार से बाज नहीं आ रहे थे।
अभिसार चैनल से बाहर जाकर फेसबुक लाइव और ट्वीटर के जरिए फेक न्यूज फैलाने लगा था। इससे भी चैनल की विश्वसनीयता पर असर पड़ रहा था। ऐसे में प्रबंधक ने उसके सोशल मीडिया उपयोग पर भी रोक लगा दिया। हर वक्त ट्वीट पर ट्वीट करने वाले अभिसार का जुलाई में एक भी ट्वीट न होना इसकी पुष्टि करता है कि चैनल ने उसके पर कतरने की तैयारी कर ली थी।
अभिसार शर्मा के भ्रष्टाचार और फेक न्यूज के खिलाफ इंडिया स्पीक्स ने लगतार खबरें प्रकाशित की, जिसे आप पढ़ सकते हैं-
ABP के एंकर अभिसार शर्मा के एक-एक झूठ का खुलासा, दस्तावेज के साथ!
फेक न्यूज मामले में एबीपी एंकर अभिसार शर्मा पर कसा शिकंजा! सरकार ने भेजा नोटिस!
वाराणसी हादसे को लेकर दांत निपोरते हुए पत्रकार अभिसार शर्मा ने फैलाया फेकन्यूज!
URL: Anchor Abhisar Sharma and punya prasoon vajpayee is kicked out from ABP News-1
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