जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को जड़ से खत्म करने को लेकर चलाए गए अभियान के तहत भारतीय सेना और सुरक्षाबलों ने एक और फैसला लिया है। अब आतंकवादियों को जहां मारा जाएगा वहीं उन्हें गाड़ भी दिया जाएगा। शुक्रवार को सुरक्षाबलों ने दक्षिणी कश्मीर के नौशेरा गांव में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू एंड कश्मीर (आईएसजेके) के प्रमुख दाऊद अहम सलाफी और उसके तीन साथी आतंकियों को मार गिराया। यह आतंकवादी सुरक्षाबलों की हिट लिस्ट में शामिल था। उसके खत्म होने के बाद सेना की ‘हिट लिस्ट’ में 21 और खूंखार आतंकवादी है।
सुरक्षाबल अब आतंकवादियों को बुरहान जैसे हीरो बनने का कोई मौका नहीं देगा। इस योजना से कांग्रेस, एनसी और पीडीपी जैसी राजनीतिक पार्टी तिलमिला ही नहीं गई है बल्कि खुलकर आतंकवादियों की हिमायत करने सामने आ गई है। कांग्रेस के नेता राशिद अल्बी ने कहा है कि ऐसा करना मानवता के खिलाफ होगा। वहीं एनसी नेता मुस्तफा कमाल का कहना है कि यह सेना और सुरक्षाबलों की ज्यादती होगी।
नरेंद्र मोदी सरकार पर कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि वह आतंकवादियों के खिलाफ जितना बोलती है उतनी सख्ती नहीं दिखाई है। मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जो आकंड़े दिए हैं उससे साफ हो जाता है कि आतंकवादियों के खिलाफ मनमोहन सरकार सख्त रही है या नरेंद्र मोदी की सरकार। 2012 से 14 के बीच जहां 250 आतंकवादी मारे गए वहीं 2015 से लेकर अभी तक 540 आतंकवादियों को ठिकाना लगा दिया गया है । ध्यान रहे है 2014 के मई में मोदी सरकार सत्ता में आ चुकी थी। इस से साफ हो जाता है कि कांग्रेस का आरोप हवा-हवाई होती है, उसका सच्चाई से दूर तक कोई रिश्ता नहीं होता है।
Number of terrorists killed in Jammu & Kashmir:
In 2012- 72
In 2013- 67
In 2014- 110
In 2015- 108
In 2016- 150
In 2017- 217
In 2018 (till May)- 75
This is the story of efforts made during UPA and NDA regimes to fight terrorism in J&K. pic.twitter.com/qrVWiY6y49
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 22, 2018
मालूम हो कि सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में सक्रिय ऐसे 21 खूंखार आतंकियों को अपने हिट लिस्ट में शामिल कर रखा है जिसके खिलाफ ऑल आउट अभियान चला रखा है। इन 21 मोस्ट वांटेड में हिजबुल मुजाहिदीन के 11, लश्कर-ए-तैयबा के 7, जैश-ए-मोहम्मद के 2 आतंकी शामिल हैं।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षाबलों ने अपना सारा ध्यान इन 21 खूंखार आतंकवादियों के खिलाफ खुफिया जानकारी हांसल करने में लगा रखा है। इन 21 में से छह आतंकियों को उच्चतम श्रेणी में रखा गई है। कहा जा रहा है कि जैसे इन आतंकियो का सफाया हुआ घाटी के हालात बदल जाएंगे। इनके सफाये के साथ आतंकवादियों की रीढ़ भी टूट जाएगी।
उच्चतम श्रेणी में रखे गए छह आतंकियों में हिजबुल मुजाहिद्दीन का रियाज अहमद नायकू, अल्ताफ अहमद डार, उमर मजीद गनी शामिल है। इसके साथ दो आतंकी लश्कर का मुस्ताक अहम और मीर है तथा एक आतंकी का नाम जकीर रशीद भट है। हिट लिस्ट में शामिल लश्कर के तीन आतंकी पाकिस्तानी हैं अबु मुसलिम, अबु ज़रगाम और मोहम्मद नवीद जद है।
हिजबुल के अन्य आतंकी मोहम्मद अशरफ खन (कोकेरनाग, अनंतनाग), मोहम्मद अब्बास शेख (कैमूह, कुलगाम), सैफुल्लाह मीर (मलंगपुर, पुलवामा), लतीफ अहमद डार (डोगीरपुर, अवंतीपुर), उमर फयाज लोन (त्राल), मनन वनी (कुपवाड़ा निवासी एएमयू रिसर्च स्कॉलर) औश्र जुनैद अशरफ सहरई (तहरीक ए हुर्रियत के प्रमुख अशरफ सहरई का बेटा) वहीं लश्कर ए तैयबा के अन्य आतंकियों में आजाद अहमद मसलिक (मलिकपुर, अनंतनाग), शकूर अहमद डार (तेंगपुरा, कुलगाम), रियाज अहमद डार (पुलवामा) शामिल हैं. जैश ए मोहम्मद के दो अन्य आतंकियों में जहीद अहमद वनी (करीमाबाद, पुलवामा) और मुदासिर अहमद खान (मीदपुर, अवंतीपुर) शामिल है।
URL: Army new strategy; dead bodies of terrorists To be buried at unknown places
Keywords: Terrorism in Kashmir, Indian Armed Forces, Modi Govt, terrorists dead bodies, Kashmir militants, Army new strategy, भारतीय सेना, कश्मीर आतंकवाद, मोदी सरकार, जम्मू कश्मीर,