सोशल मीडिया मेरे हिसाब से खबरों को वायरल करने का आज तक का सबसे प्रबल माध्यम है। लेकिन मत भूलिए cambridge analytica इसी सोशल मीडिया के नकारात्मक पहलू का जीता जागता सबूत भी है। अमेरिका से लेकर भारत तक इसने अपनी शशक्त भूमिका को दर्शा भी दिया है। जानते हैं कैसे?
आप शायद भूल रहे हैं बीते दिनों दो खबरें वायरल हुईं सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर कि ‘अटल बिहारी बाजपेई की मृत्यु और चुनाव को पारदर्शी बनाने वाले टी एन शेषन की मौत!’ बिना सोचे, समझे, जाने खबर को प्रसारित करने वाले तथाकथित राष्ट्रवादी लोगों ने खबर के पीछे की सच्चाई न समझी न समझने की कोशिश ही की। बस सोशल मीडिया में पहले कौन ब्रेकिंग न्यूज़ डालता है की दौड़ में शामिल हो गए! किसी जीवित व्यक्ति को हम मार सकते हैं वह भी बिना किसी प्रमाण के तो सोच कर देखिये हमारी सोच को कोई कैसे हाई जैक नहीं कर लेगा? ये मत भूलिए आपके सामने वाला प्रतिद्वंदी कोई आम नहीं है, वह अमेरिका में ‘ए प्लस ग्रेड’ लेकर अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर चुका है।
अब समझिए चूक कहां हुई और रास्ता कहां से निकला?
दरअसल दो कम आवाज के शोर के पीछे वे बड़ा धमाका करने वाले थे, जिसको किसी ने सुनने की कोशिश नहीं की। कम आवाज को नजरअंदाज करने की हमारी आदत के कारण एटीएम में पैसे नहीं हैं के रूप में आज बड़ा धमाका कर दिया गया है और हम निकल पड़े हैं एटीएम के आगे लाइन में खड़े हो अपना टाइम वेस्ट करने के लिए तथा उनकी योजना में भागीदार होने, जैसे कल से ही घर में अकाल पड़ने वाला है।
कम आवाज के धमाकों के पीछे की मानसिकता को समझिए!
वे भारत के लोगों की मानसिकता को समझना चाहते थे दो फ्यूज धमाकों के साथ! और हमने उन फ्यूज धमाकों को एटम बम का शोर बताकर हर ग्रुप में फोड़ दिया वह भी बिना सोचे समझे। प्रतिक्रिया समय, त्वरित कार्यवाही का सारा गणित समझ कर ही एटीएम में कैश कम है का जो धमाका उन्होंने किया है उसमें उलझ कर हम एटीएम के आगे कतार बढ़ाने में लग गए।
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कुछ हो न हो कांग्रेस ने सालों के शासन में कतार में खड़ा होने का हुनर अच्छे से सिखाया है हमें। वर्षों से चली आ रही सड़ी गली परंपरा के वाशिंदों को अच्छे वातावरण में बसाने की ईमानदार कोशिश को आप भला ही ठेंगा दिखाएं लेकिन जब यह ईमानदार कोशिश आपकी निष्क्रियता के कारण शिथिल हो जाएगी तो आत्मग्लानि की आग में जलने के सिवाय आपके पास कुछ बचेगा भी नहीं।
आज मैं इसलिए कह रहा हूं कि “कान के कच्चे मत बनिए अपनी अक्ल लगाइए।”
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