यूनिफार्म सिविल कोड मामले के बाद भाजपा प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ट अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय को तीन तलाक, हलाला और बहु-विवाह मामले में भी पेटिशनर बनकर बहस करने की अनुमति मिल गयी है। इस मामले में उत्तराखंड की शायरा बानो और कई अन्य तलाकशुदा महिलाओं ने तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह को अवैध घोषित करने के लिये सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल किया है।
इंडिया स्पीक्स डेली से बात करते हुये अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि वह वन नेशन वन एजुकेशन वन कॉन्स्टिट्यूशन में विश्वास करते हैं और आशा करते हैं कि 2020 तक भारत में समान शिक्षा समान चिकित्सा और समान नागरिक संहिता लागू हो जायेगी।
ज्ञात हो कि इस मामले में देवबंद स्थित जमीयत-उलेमा-हिन्द और आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक़, हलाला, और बहुविवाह मामले में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय को को पक्षकार बनाये जाने का विरोध किया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनके विरोध को दरकिनार करते हुए अश्विनी उपाध्याय को बहस करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
सम्बंधित खबर:
सुप्रीम कोर्ट ने समान नागरिक संहिता मामले में भाजपा नेता को पक्षकार बनाया!