कांग्रेस ने 15 सितंबर को भ्रष्टाचारी तथा बैंकों के कर्जदारों की ऐसी सूची बनाई जो देश से भाग चुके हैं। कांग्रेस ने 23 लोगों की सूची बनाई। लेकिन ऐन वक्त पर उनमें से चार का नाम हटा दिया और केवल १९ भगोड़ों की सूची जारी की! आखिर वो चार भगोड़े़ कौन हैं, जिनको कांग्रेस बचाना चाहती है, और क्यों? पढ़िए उन चारों के नाम और उनके कांग्रेसी आका को उजागर करती यह रिपोर्ट…
जब भी कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाती है तुरंत ही ऐसे साक्ष्य सामने आ जाते हैं कि वह खुद भी फंस जाती है। तभी तो अब कहा जाने लगा है कि जहां और जब भी भ्रष्टाचार का मामला सामने आए बिना किसी जांच के ये समझ लेना चाहिए कि इसमें कांग्रेस का हाथ होगा। कांग्रेस ने 15 सितंबर को भ्रष्टाचारी तथा बैंकों के कर्जदारों की ऐसी सूची बनाई जो देश से भाग चुके हैं। कांग्रेस ने 23 लोगों की सूची बनाई प्रेस कॉन्फेंस कर मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन 23 भ्रष्टाचारियों को देश से भगाने का आरोप मोदी सरकार पर लगाया। लेकिन वहां मौजूद पत्रकारों को भगोड़ों की जो सूची सौंपी गई उसमें 23 की जगह 19 भगोड़ों के नाम दर्ज थे। अब सवाल उठता है कि वे चार भगोड़े कौन थे? कांग्रेस ने उनका नाम क्यों छिपाया?
मुख्य बिंदु
* कांग्रेस ने अहमद पटेल के साथ नितिन-चेतन संदेसरा तथा वाड्रा से जुड़े संजय भंड़ारी के जुड़ाव का छिपाया
* भ्रष्टाचार मामले में नितिन, चेतन संदेसरा तथा दीप्ति संदेसरा के प्रत्यर्पण के में जुटी है सीबीआई और ईडी
दरअसल जिन चार भगोड़ों का नाम छिपाया गया है उसका सीधा लिंक यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल से है। इसलिए कांग्रेस उन चार लोगों का नाम अपनी सूची से हटा दी। जिन चार लोगों का नाम सूची से हटाया गया है उनमें नितिन और जतिन संदेसरा तथा सोनिया के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के आदमी संजय भंडारी का था। इन तीनों का आंध्र प्रदेश बैंक से पांच हजार करोड़ रुपये घोटाला मामले में अहमद पटेल से सीधा संपर्क है। इस मामले में ईडी पहले ही आरोपियों की संपत्ती सीज कर चुकी है। इस घोटाल मामले में सीबीआई तथा ईडी पहले से ही इन लोगों के खिलाफ जांच कर रही है।
गौरतलब हो कि आंध्र बैंक घोटाला बाहर आने के बाद से ही ये लोग देश छोड़कर दुबई में रह रहे हैं। नितिन संदेसरा तथा उसकी पत्नी दीप्ति संदेसरा के साथ चेतन संदेसरा का दुबई से प्रत्यर्पण कराने में सीबीआई तथा ईडी के अधिकारी प्रयास कर रहे हैं। इस मामले में अहमद पटेल के दामाद इरफान पटेल तथा बेटा फैजल पटेल के खिलाफ सीबीआई तथा ईडी अवैध लेनदेन का आरोप में मामला दर्ज कर चुकी है। इसी मामले में साल 2011 में स्टर्लिंग बायोटेक कंपनी से 3.8 करोड़ रुपये लेने के आरोप में सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पकड़े गए थे। यह घटना उस समय की है जब वे गुजरात के सूरत में पुलिस कमिश्नर के पद पर तैनात थे। और उनका बेटा अंकुश अस्थाना उसी कंपनी में काम करता जिन्हें सैलरी के रूप में काफी पैसा दिया जा रहा था। संदेसरा समूह ने अस्थाना को दिए गए रुपये का खुलासा करते हुए कहा कि उन्हें यह पैसा अहमद पटेल के नजदीक होने के कारण दिया गया था। साथ ही संदेसरा समूह ने यह भी खुलासा किया कि उस समय अस्थाना का संबंध पटेल होने के साथ ही भाजपा नेताओं के साथ संबंध उसके अच्छे थे। उन्होंने कहा कि उस समय गुजरात कैडर के कई ऐसे अधिकारी थे जो दो नाव की सवारी कर रहे थे।
कांग्रेस की जारी सूची में जिस चौथे व्यक्ति का नाम हटाया गया था वह कोई और नहीं बल्कि रॉबर्ट वाड्रा के आदमी संजीव भंडारी है। यह वहीं व्यक्ति है जो जिसके लिए राफेल डील में काम दिलाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लॉबिंग की थी। एक मामले में पूछताछ के दौरान भंडारी स्वयं ने यह स्वीकार किया था कि उसका वाड्रा के साथ गहरा संबंध है। इतना ही इस पूछताछ के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ था कि ब्रिटेन के पॉश इलाके में वाड्रा का जो बेनामी फ्लैट मिले हैं वे भंडारी के नाम पर ही है।
इसलिए कहा जाता है कि कांग्रेस जब कभी मोदी सरकार को फंसाने के लिए आगे आती है वह खुद फंसकर बैकफुट पर चली जाती है।
URL: By leaving out the corrupt associated with Ahmed Patel and Robert Vadra, Congress has scored a self goal
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