CBI के अन्दर का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। केस को रफा-दफा कर ने के लिए करोड़ों रूपये रिश्वत लेने के मामले में सीबीआई ने अपने ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। राकेश अस्थाना की जब सीबीआई में नियुक्ति हुई थी उसी समय सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने विरोध किया था। उन्होंने लिखित में कहा था कि उनके खिलाफ कई मामलों की जांच चल रही है इसलिए उनकी नियुक्त सीबीआई में नहीं होनी चाहिए। लेकिन तब उनकी बात को नजरंदाज कर अस्थाना की नियुक्ति कर दी गई। जिस प्रकार सीबीआई में ईमानदार बनाम बेइमान अधिकारियों के बीच आंतरिक कलह चल रहा था उसका यह परिणाम तो अवश्यंभावी ही था। लेकिन यह तो महज एक पक्ष है जो अभी सामने आया है, लेकिन इसके कई पक्ष तो अभी तक बाहर आए ही नहीं। दरअसल केंद्रीय सत्ता पर भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में गुजरात कैडर के अधिकारियों के हावी होने के खेल का ही यह परिणाम है। पीएमओ में हावी गुजरात कैडर के अधिकारियों द्वारा अपनी-अपनी गोटी बिठाने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है।
मुख्य बिंदु
* सीबीआई ने अपने ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ दो करोड़ रिश्वत लेने के मामले में दायर की एफआईआर
* यह वही राकेश अस्थाना है जिनपर संदेसरा समूह से करीब आठ करोड़ रुपये लेने के मामले में चल रही है जांच
उसके बाद अस्थाना सीबीआई निदेशक बनने के लिए गोटी फिट करने लगे। इसी क्रम में दोनों शीर्ष अधिकारियों के बीच अहं का टकराव बढ़ता गया। इसी अहम के टकराव के कारण आज अस्थाना के खिलाफ मीट व्यापारी मोईन कुरैशी से दो करोड़ रुपये लेने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में रॉ के नंबर दो के अधिकारी सामंत कुमार गोयल को भी आरोपी बनाया गया है। इस मामले में एफआईआर 15 अक्टूबर को दर्ज की गई तथा 16 अक्टूबर को कुरैशी और अस्थाना के बीच बिचौलिया रहे मनोज को गिरफ्तार कर लिया गया।
CBI charges its own Special Director Rakesh Asthana as ACCUSED for accepting Rs.2 crore to settle case of meat exporter Moin Qureshi. RAW No: 2 officer Samant Kumar Goel also named in FIR for arranging this deal. FIR registered on Oct 15 &bribe transferor Manoj arrested on Oct 16
— J Gopikrishnan (@jgopikrishnan70) October 20, 2018
Ha ha ha…Crook Rakesh Asthana has engaged a PR firm to trend support in Twitter…many bot girls from Uzbek (might be C/o PC) is Tweeting for Asthana.
— J Gopikrishnan (@jgopikrishnan70) October 21, 2018
राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि 13 दिसंबर 2017 को दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया परिसर में रात के करीब साढ़े 9 बजे उन्हें 1.95 करोड़ रुपये दिए गए। राकेश अस्थाना के बारे में कहा जाता है कि उनका एक पीआर एजेंसी के साथ गठजोड़ है। वह पीआर एजेंसी उनके समर्थन में ट्वीट करवाती है। इसलिए उज्बेकिस्तान की कुछ लड़किया उनके समर्थन में ट्वीट करती रही है। इससे साफ हो जाता है कि अस्थाना अपने प्रति कितने सजग थे और उनकी मंशा क्या थी।
CBI files FIR against Spl Director Asthana for accepting Rs 2 cr bribe !
He is facing probes in 6 cases by the CBI, including accepting bribes from controversial Sandesara Group, and jailed journalist-cum-fixer Upendra Rai. @Swamy39 @jagdishShetty https://t.co/kKUSqmsQRc
— Mahesh Joshi (@MaheshJoshi_MJ) October 21, 2018
सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर भले ही अभी दर्ज हुई हो, लेकिन उनके खिलाफ कई मामलों की जांच तो कई माह पहले से ही चल रही है। अस्थाना को अभी छह मामलों की जांच का सामना करना पड़ रहा है। उनके खिलाफ संदेसरा समूह से घूस लेने के अलावा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेनामी दलाल बने पूर्व पत्रकार उपेंद्र राय के मामले में जांच चल रही है। मालूम हो कि अवैध तरीके से भारत भर के एयरपोर्ट के वीवीआईपी पास हासिल करने तथा व्यापारियों से फिरौती वसूलने के मामले में उपेंद्र राय अभी भी जेल की हवा खा रहे हैं।
सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा की ख्याति एक ईमानदार अधिकारी के रूप में है जबकि अस्थाना के खिलाफ कई मामले की जांच चल रहे हैं। इसके बाद भी सीबीआई में उनकी नियुक्त प्रश्न तो खड़ा करता ही है। हालांकि अस्थाना की संदेहास्पद भूमिका को लेकर पीगुरु वेबसाइट ने कई स्टोरी प्रकाशित की है। अस्थाना को चिदंबरम का प्यादा माना जाता है। तभी तो प्रवर्तन निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी राजेश्वर सिंह को परेशान करने के मामले में उनकी भूमिका सामने आ चुकी है। हालांकि आलोक वर्मा ने उनकी नियुक्त के समय ही लिखित रूप में विरोध दर्ज किया था लेकिन सीवीसी के क्लियरेंस के आधार पर उनकी नियुक्ति को हरी झंडी दिखा दी गई। इन दोनों शीर्ष अधिकारियों के बीच खटास तब और बढ़ गई जब आलोक वर्मा के विदेश दौरे पर जाने के दौरान ही बगैर उनकी अनुमति के कई अधिकारियों को सीबीआई में नियुक्ति कर दी गई।
अब जब दो शीर्ष अधिकारियों के अहम का टकराव कानूनी लड़ाई का रूप अख्तियार कर लिया है तो आने वाले समय में कई और राज उजागर होंगे। कुछ सही आरोप के रूप में तो कई छवि धूमिल करने की मंशा से प्रत्यारोप के रूप में। एक प्रत्यारोप तो अभी ही लगाए जा चुके हैं। जैसे ही राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारी यानि सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ ही दो करोड़ रुपये लेने के आरोप लगा दिया है। देखते हैं आगे और क्या-क्या मामले उजागर होते हैं?
URL: CBI files FIR against Spl Director Rakesh Asthana
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