प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अपराध के आरोपी नेताओं पर सर्जिकल स्ट्राइक का मन बना लिया है! लोकसभा चुनाव से पूर्व 24 अप्रैल 2014 को अपने एक भाषण में नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह राजनीति को साफ करने के लिए अपराध के आरोपी नेताओं पर दर्ज मुकदमे को यथाशीघ्र निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाएंगे और चाहेंगे कि एक साल के भीतर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए! कालेधन पर कार्रवाई के बाद मोदी सरकार लॉ कमीशन की रिपोर्ट को लागू करने जा रही है। इस रिपोर्ट के लागू होते ही अपराधी नेताओं के चुनाव लड़ने और पार्टी बनाने पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लग जाएगा!
गौरतलब है कि कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान लॉ कमीशन ने 10 साल में चार रिपोर्ट दी थी, जिसमें अपराधी नेताओं के चुनाव लड़ने से रोकने की बात कही गई थी, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने इन रिपोर्टों को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। इसके अलावा चुनाव सुधार पर वेंकट चिलैया आयोग की रिपोर्ट को भी कांग्रेस सरकार ने रद्दी की टोकरी में फेंक दिया था। मोदी सरकार ने लॉ कमीशन की रिपोर्ट को हरी झंडी दिखा दी है। इस रिपोर्ट के लागू होते ही-
* अपराध के आरोपी जिन नेताओं पर पांच साल से अधिक की सजा के मामले में अदालत ने चार्ज फ्रेम कर दिया हो, उनके चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लग जाएगा।
* ऐसे नेताओं के मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजा जाएगा, जहां हर हाल में एक साल में निर्णय आने की व्यवस्था की जाएगी।
* यदि फास्ट ट्रैक कोर्ट ऐसे नेताओं को अपराधी ठहराती है तो उन पर चुनाव लड़ने, राजनीतिक पार्टी का निर्माण करने और राजनीतिक दल में पदाधिकारी बनने पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लग जाएगा।
अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा चुनाव सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट में इस बारे में 9 सितंबर 2016 को जनहित याचिका भी दायर किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पर जवाब देने को कहा था। केंद्र सरकार के कानून मंत्रालय ने अदालत सहित याचिकाकर्ता को पत्र लिखकर यह बताया है कि वह लॉ कमीशन की लेटेस्ट रिपोर्ट को लागू करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। सुप्रीम कोर्ट को दिए गए कानून मंत्रालय के आश्वासन को यदि माना जाए तो शीघ्र ही लॉ कमीशन की रिपोर्ट लागू हो सकती है, जिससे राजनीति का शुद्धिकरण हो जाएगा।