मजहब में अंधा व्यक्ति सिर्फ और सिर्फ जिहादी होता है, वह मौत देने के सिवाय कुछ सोच ही नहीं सकता है। वह सिर्फ नफरत और मौत ही बांट सकता है। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ऐसी घातक रासायनिक लैवोरेटरी का खुलासा हुआ है जसमें एक साथ 50 लाख लोगों को एक साथ मौत देने की क्षमता है। इस घातक रासायनिक लैबोरेटरी का संचालक एक ऐसा जिहादी है जो अमेरिका से नफरत करता है। इसका खुलासा रक्षा अनुसंधान एव विकास प्रतिष्ठान के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर राजस्व खुफिया निदेशालय ने किया है। यह खुलासा एक सप्ताह से चले अभियान के तहत हुआ है। खास बात है कि इस खतरनाक लैबोरेटरी का संचालन करने वाला कोई आतंकी नहीं बल्कि पीएचडी डिग्री धारी एक जिहादी कर रहा था। इससे साफ हो जाता है कि जिहाद का सबंध शिक्षा से तो बिल्कुल नहीं है। इसलिए अगर शिक्षा की आड़ में लेकर कोई जिहादी और माओवादियों की पैरवी करता है तो उससे बड़ा मूर्ख कोई और नहीं हो सकता है।
मुख्य बिंदु
* इंदौर के इस खतरनाक रासायनिक लैबोरेटरी को चला रहा था अमेरिका से नफरत करने वाला वाला पीएचडी जिहादी
* रक्षा अनुसंधान एव विकास प्रतिष्ठान के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर राजस्व खुफिया निदेशालय ने किया खुलासा
Chemical Jihad to kill 5m people . Jihadi is a PhD. Even high education can't moderate Jihadis hardened by the Text. Education be damned. Text is final & real
Indore: ‘Doomsday chemical’ seized, ‘US-hating’ scholar arrested | India News – Times of India https://t.co/SfKIO07Y5Z
— S Gurumurthy (@sgurumurthy) 30 September 2018
तभी तो राजनीति और अर्थनीति के जानकार एस गुरुमूर्ति ने कहा है कि 50 लाख लोगों को एक साथ मारने के लिए रासायनिक जिहाद चलाने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद एक पीएचडी धारक है। यहां तक कि उच्च शिक्षा भी जिहादियों को संयत या नरम नहीं कर सकता क्योंकि वह टेक्स्ट से भी ज्यादा कठोर होता है। शिक्षा भी इसके लिए अभिशाप बन जाती है क्योंकि लिखी हुई चीज इसके लिए अंतिम और असली होती है।
इंदौर के रासायनिक लैबोरेटरी में जो फेंटानिल रसायन बरामद हुआ है वह भारत में पहली बार मिला है। इस प्रकार के जहरीली रासायन पदार्थ मिलने से देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है। इस केमिकल की क्षमता फेंटानिल हेरोइन से सौ गुना ज्यादा है।
डीआरआई का कहना है कि भारत में पहली बार किसी कानून प्रर्वतन एजेंसी ने फेंटानिल बरामद किया है। हालांकि डीआरआई ने तो इतने खतरनाक ड्रग को भारत में बनाने के प्रयास को विफल कर दिया है लेकिन इससे वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है। इस खतरनाख लैबोरेटरी से 9 किलो सिंथेटिक ओपियोइड यानी फेंटानिल बरामद किया गया है। जानकारी के अनुसार इस केमिकल का इस्तेमाल रासायनिक युद्ध में किया जाए तो यह बहुत बड़ी संख्या में लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है। इस मामले में मैक्सिकों के एक नागरिक को भी गिरफ्तार किया गया है। जब्त किए गए केमिकल की कीमत करीब 110 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
URL: Chemical Jihad- Doomsday chemical’ seized, ‘US-hating’ scholar arrested
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