साल 2007 में सोनिया गांधी के नियंत्रण वाली डॉ मनमोहन सिंह सरकार ने देश की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर राम सेतु को आरडीएक्स लगाकर पूरी तरह ध्वस्त करने की योजना बना चुकी थी। मगर भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमनियन स्वामी ने कांग्रेस की राम सेतु तोड़ने की योजना पर पानी फेर दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर न सिर्फ सरकार की योजनाओं को धराशाई कर दिया बल्कि सुप्रीम कोर्ट से राम सेतु तोड़ने पर स्टे भी ले लिया। एक बार तो स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तक को राम सेतु के खिलाफ फैसला देने पर केस करने की बात कह दी थी। राम सेतु के मामले पर अपने एक साक्षात्कार में स्वामी ने कहा है कि राम सेतु तोड़ने के पीछे दो लोग लगे थे। एक सोनिया गांधी और दूसरा एम करुणानिधि।
मुख्य बिंदु
* करुणानिधि ने मुसलमानों से कहा था जैसे हिंदुओं ने बाबरी मसजिद तोड़ी वैसे ही मैं राम सेतु तोड़ के दूंगा
* सुब्रमनियन स्वामी नहीं होते तो सोनिया गांधी नियंत्रित यूपीए सरकार तुड़वा चुकी होती राम सेतु
स्वामी ने कहा है कि एम करुणानिधि ने अपने राज्य के मुसलमानों से कहा था कि तुम मुझे वोट दो तो जिस प्रकार हिंदुओं ने तुम्हारी बाबरी मसजिद तोड़ी है वैसे ही हम राम सेतु तोड़ कर तुम्हें देंगे। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी का उस समय करुणानिधि के साथ सांठगांठ थी। वैसे भी सोनिया गांधी हमेशा से ही हिंदुओं की आस्था से जुड़े विषयों को नष्ट करना चाहती है। ताकि हिंदुओं के मन में हीन भावना पैदा हो कि देखो तुम लोग कितने नपुंसक हो। स्वामी ने कहा कि मुझ पर धार्मिक कारणों से राम सेतु बचाने का आरोप लगाया गया। जबकि सुप्रीम कोर्ट में मेरी याचिका इसका साक्ष्य है कि राम सेतु को धार्मिक कारणों से ज्यादा आर्थिक कारणों की वजह से बचाया है। अगर ऐसा नहीं होता तो इस परियोजना के कारण सरकार को लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हो जाता। स्वामी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में मैंने वैकल्पिक योजना देकर राम सेतु को बचाया है। और सुप्रीम कोर्ट हमारी दलील से सहमत था तभी तो राम सेतु को तोड़ने से मना कर दिया।
स्वामी ने कहा कि दरअसल धार्मिक कारण से राम सेतु तोड़ने का निर्णय सोनिया गांधी और करुणानिधि ने लिया था। स्वामी ने कहा कि सोनिया गांधी क्रिश्चियन है इसलिए वह हमेशा से हिंदू आस्थाओं से जुड़ी चीजो को नष्ट करना चाहती है। वहीं करुणानिधि को तो राम से ही नफरत है। वह हमेशा हिंदू धर्म और राम का परिहास करता रहा है। उसी ने कहा था कि नासा से आए वैज्ञानिकों ने तो उसे एडम्स ब्रिज कहा है तो फिर यह कैसे राम सेतु हो गया? स्वामी ने कहा कि जब उसने राम और हिंदू धर्म का परिहास किया तभी हमने भी फैसला कर लिया कि मुझे इस सेतु के लिए लड़ना है। स्वामी ने कहा है कि राम सेतु तोड़ने की योजना वैसे 1857 से ही बन रही है लेकिन हर बार विफल हुई है, अब तो आगे भी विफल ही होती रहेगी।
गौरतलब हो कि कांग्रेस द्वारा राम सेतु तोड़ने के फैसले के खिलाफ धर्माचार्यों ने पहले भी प्रयास किया था। चार शंकराचार्यों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन उनकी याचिका न सिर्फ निरस्त कर दी गई बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने उन लोगों की निंदा भी की। तभी 2007 में संघ के संघचालक सुदर्शन जी और विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष अशोक सिंघल जी ने स्वामी को इस मसले को उठाने को कहा। शुरू में तो स्वामी इस मसले को उठाने को तैयार भी नहीं थे। लेकिन बाद में वे तैयार हुए, तो फिर उसे अंजाम तक पहुंचा कर दम लिया।
हिंदुत्व पूरी दुनिया का सबसे प्राचीनतम धर्मों में से एक रहा है। इतने पुराने धर्म होने के बावजूद विज्ञान की दृष्टि से भी हिंदुत्व ने खुद को बेहतर साबित किया है। लेकिन इस तथ्य को भारत के कुछ बुद्धिजीवियों समेत देश के लोगों ने इस तथ्य को अस्वीकार करता रहा है। देश के ही कुछ बुद्धिजीवि ऐसे हैं जो देश और अपने ही धर्म की छवि खराब करने का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देते।
तभी तो इन बुद्धिजीवियों ने सालों से इस बहस में राम सेतु की वैधता को ही मुख्य बिंदु बना रखा है। यह वही सेतु है जिसे राम के निर्देश पर बानर सेना ने बनाया था। प्राचीन समय में भारत से श्रीलंका को जोड़ने वाले इस सेतु को दुनिया का सबसे पुराना भू-सेतु माना जाता है। हाल ही में अमेरिका के अंतरिक्ष संगठन नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) से आए वैज्ञानिकों के एक दल ने भी प्राचीन काले में बने राम सेतु के अस्तित्व को स्वीकार किया है। लेकिन कांग्रेस के नेता इस तथ्य को नकारते रहे हैं। उनका कहना है कि प्राचीन इतिहास में कभी कोई राम हुए ही नहीं तो फिर राम सेतु का कहां से प्रश्न आता है।
तभी तो सोनिया गांधी की नियंत्रित वाली मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार ने इस सेतु के संपूर्ण रूप से ध्वस्त करने की योजना बना ली थी। कांग्रेस उस धार्मिक धरोहर राम सेतु को तोड़ भी चुकी होती, अगर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठन नेता सुब्रमनियन स्वामी इस मुद्दे को अपने हाथ में नहीं लिए होते। उन्होंने कांग्रेस की हर योजना को विफल करते हुए राम सेतु को टूटने से बचा लिया।
URL: Congress government and Sonia Gandhi was about to break ram setu
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