आगामी आम चुनाव-2019 को जीतने के लिए कांग्रेस हर वह तरीका अपना रही है, जो अनैतिक है। पहले एक विदेशी कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के जरिए कांग्रेस ने भारतीयों के फेसबुक के डाटा की चोरी की, भारत के चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया, लेकिन जब कैंब्रिज एनालिटिका का भेद खुल गया तो अब उसने दूसरा तरीका अपना लिया है।
सोनिया गांधी-राहुल गांधी के मालिकाना हक वाला नेशनल हेराल्ड अखबार भारतीयों के WhatsApp का डाटा अवैध तरीके से जर्मनी भेज रही है! कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड ने जर्मनी की एक कंपनी से समझौता किया है, जो भारतीयों का डाटा सीधे तौर पर जर्मनी स्थित अपने सर्वर को भेज रहा है, जो बेहद चिंताजनक बात है। आपने नेशनल हेराल्ड की खबर को अपने व्हाट्सअप पर हासिल करने के लिए इसे सब्सक्राइब किया नहीं कि आपके फोन और आपके WhatsApp की सारी जानकारी जर्मनी की उस कंपनी के पास चली जाएगी, जो बाद में मनचाहे तरीके से उस डाटा का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र होगा! भारतीयों के विश्वास को तोड़कर कांग्रेस अपने मुखपत्र के जरिए जर्मनी की एक थर्ड पार्टी कंपनी के जरिए डाटा एक तरह से चुरा रही है! संभवतः 2019 के आम चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने भारतीयों के WhatsApp डाटा को कलेक्ट कर उसे अपने हिसाब से उपयोग में लाने के लिए पत्रकारिता की आड़ में यह सब खेल रचा हो?
कांग्रेस के मुख पत्र ‘नेशनल हेराल्ड’ के जरिए भारतीयों के डाटा कलेक्शन का खेल कांग्रेस ने बड़ी ही सावधानी और चतुराई से खेला है। नेशनल हेराल्ड में डेली न्यूज सब्सक्रिप्शन के लिए फेसबुक मैसेंजर और व्हाट्सअप का विकल्प उपलब्ध करा रखा है। यदि आप न्यूज व्हाट्सअप पर पाने के लिए इसे सब्सक्राइब करते हैं तो प्रतिदिन नेशनल हेराल्ड की न्यूज आपके WhatsApp पर आएगी। इंडिया स्पीक्स डेली की ओर से मैंने जब इसे सब्सक्राइब किया तो पाया कि यह हमें जर्मनी के एक नंबर से जोड़ रहा है। वह नंबर है- +4915792452499. यह जर्मनी का व्हाट्सअप नंबर है।
दरअसल नेशनल हेराल्ड ने whatsbroadcast नामक जर्मनी की मैसेंजर कंपनी की सेवाएं नेशनल हेराल्ड के लिए ली हैं। जर्मनी की यह कंपनी मार्केटिंग आटोमेशन सर्विस प्रोवाइड करती है। यह कंपनी नेशनल हेरालड की ओर से सब्सक्राइवर को जर्मनी के नंबर से जोड़ देती है। नेशनल हेराल्ड को सब्सक्राइव करते ही आपके व्हाट्सअप और मोबाइल का सारा डेटा जर्मनी की एक थर्ड पार्टी कंपनी के पास चला जाता है। है। यह थर्ड पार्टी कंपनी और नेशनल हेराल्ड अब जैसे चाहे आपके सारे डाटा को उपयोग में ला सकता है। यह साफ-साफ धोखाधड़ी है। यह एक विदेशी कंपनी के हाथ में भारतीयों के डाटा को बेचने जैसा है।
इस बारे में मैंने कई विशेषज्ञों से बात की और सबने यही कहा कि नेशनल हेराल्ड की यह प्रक्रिया पूरी तरह से अनैतिक है। लोग नेशनल हेराल्ड को भारतीय न्यूज वेबसाइट समझ सब्सक्राइव कर रहे हैं, और वह लोगों के विश्वास का खून करते हुए उनका डाटा जर्मनी की कंपनी को प्रोवाइड करा रहा है। https://www.whatsbroadcast.com/ की शाखा और सर्वर जर्मनी के अलावा आस्ट्रिया और स्वीट्रलैंड में भी है। जर्मनी में इसका मुख्यालय म्यूनिख में है। मैसेसिंग सर्विस प्रोवाइड करने वाली यह कंपनी 2015 में बनी है। इसके प्रबंध निदेशक- Franz Buchenberger and Max Tietz हैं। ध्यान दीजिए, यह सारे देश राहुल गांधी के ननिहाल इटली के आसपास ही हैं! यह कंपनी अपनी सर्विस के बारे में लिखता है-
WhatsBroadcast is a leading provider of messaging services for companies active in the end-customer communication sector. Offers include solutions for WhatsApp, Facebook Messenger, Telegram and Insta. We recently added innovative chatbots for messaging apps to our service range. Chatbots enable automized 1:1 communication in areas like customer service, shopping, recruiting, information services and entertainment.
इस बारे में WebNet Creatives के CEO और तकनीकी विशेषज्ञ राकेश ओझा कहते हैं
यह साफ-साफ डेटा चोरी का मामला है। व्हाट्सअप डाटा में आपके नंबर की वजह से आपके मोबाइल के सारे कंटेक्ट, आपके अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म का डाटा, व्हाट्सअप में आप उस नंबर से जिस-जिस भी ग्रुप में जुड़े हैं, उसके सारे कंटेंट, डाटा, ग्रुप के अन्य सदस्यों का पूरा डिटेल-सबकुछ नेशनल हेराल्ड सब्सक्राइव करते ही उस जर्मनी की कंपनी के पास जा रहा है। यही नहीं, आप व्हाट्सअप के विभिन्न ग्रुप में किस विषय पर चर्चा कर रहे हैं, इस तक पर इसके जरिए नजर रखी जा सकती है। इस समय व्हाट्सअप सबसे तेज सोशल मीडिया नेटवर्क है, ऐसे में यदि कोई कंपनी भारतीयों के व्हाट्सअप में सेंध लगा ले तो समझिए उसके पास डेटा रूपी सोना पहुंच गया, जिसका वह जब चाहे मनचाहे तरीके से उपयोग कर सकता है। वह कंपनी मार्केटिंग से लेकर चुनाव तक में इसका आसानी से उपयोग कर सकती है। यह कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा फेसबुक का डाटा चुराने से बड़ा मामला है। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है।
National Herald uses marketing automation services from www.whatsbroadcast.com which is based in Germany.
दरअसल इस बारे में इंडिया स्पीक्स पर खबर प्रकाशित करने के लिए मैं खुद जून से जुटा हुआ था। इसीलिए 7 जून को ही मैंने नेशनल हेराल्ड को सब्सक्राइव कर लिया था और इस पर नजर बनाए हुए था। इसे मैंने कई बड़े अखबार व न्यूज चैनल के रिपोर्टरों से भी साझा किया। मेरी मंशा थी कि कोई बड़ा मीडिया हाउस इसे उठाए, लेकिन सबसे इसे ढंकने का प्रयास किया। अचानक से 24 जुलाई को इसे नेशनल हेराल्ड से हटा लिया गया। लेकिन हमारी तकनीकी टीम ने जब जांच किया तो पाया कि नेशनल हेराल्ड पर यह अभी भी सक्रिय है।
If you go to this link to subscribe to their WhatsApp alerts, it will finally take you to a screen on your mobile where it shows National Herald (NH) and the number you will be subscribing to which is a +49 15792452499. Please open the link and check…
शायद किसी मीडिया हाउस या पत्रकार ने इसे कांग्रेस को लीक कर दिया, जिसके कारण 24 जुलाई के बाद से सब्सक्राइव करने वाले लोगों को व्हाट्सअप पर न्यूज भी नहीं भेजा जा रहा है। कांग्रेस इसे ढंकने के प्रयास में है। इससे पहले की यह पूरी तरह से ढंके, एक पत्रकार के नाते मेरी कोशिश है कि आप सब सच से वाकिफ हों। इसलिए मैंने स्क्रीन शॉट भी ले लिया, जिसमें नेशनल हेराल्ड का डीपी है और नीचे जर्मनी का वह नंबर भी दिख रहा है। यही नहीं, जर्मनी की उस कंपनी का लिंक भी मैंने इसीलिए डाला कि लोग खुद ही इसकी जांच कर सकें। इससे पहले कि यह पूरी तरह से हटे, आप खुद नीचे दिए लिंक पर जाकर इसे देख सकते हैं।
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ज्ञात हो कि यह वही नेशनल हेराल्ड है, जिसके मालिकाना हक को लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी अदालत से जमानत पर चल रहे हैं। इसके घोटाले को लेकर डॉ. सुब्रहमनियन स्वामी ने दोनों मां-बेटे पर मुकदमा दर्ज करा रखा है। इन मां-बेटे पर नेशनल हेराल्ड के नाम पर करीब दो हजार करोड़ की संपत्ति हड़पने का आरोप है। नेशनल हेराल्ड पूरी तरह से कांग्रेस का मुखपत्र है और यह केवल कांग्रेस के प्रचार तंत्र का हिस्सा है। ऐसे में पत्रकारिता के नाम पर भारत के लोगों के व्हाट्सअप डाटा को हासिल करना और उसे जर्मनी की एक कंपनी के हवाले करना, कांग्रेस और उसके मुख पत्र द्वारा पत्रकारिता के नाम पर भारतीयों के साथ किया गया धोखा है!
URL: Congress National Herald uses marketing automation services from Germany based company
Keywords: Congress, National Herald, congress conspiracy, cambridge analytica, Sonia Gandhi, Rahul Gandhi,