पाकिस्तान हमारे सैनिकों की बर्बरतापूर्ण ह्त्या कर देता है और हमारी फिल्म इंडस्ट्री उसके भेजे कलाकारों को काम देती है। उसके कमतर गायक हमारे बेहतरीन गायकों को घर बैठाकर इंडस्ट्री के स्टार बन बैठते हैं और हम उनकी गरीब टीम के साथ क्रिकेट मैच खेलते हैं। कई साल हो गए ये सिलसिला चलते हुए लेकिन कोई सरकार पाकिस्तानी कलाकारों पर रोक नहीं लगा सकी। बात हैरान करने वाली है कि इस साल की शुरुआत में ही फेडरेशन ऑफ़ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लाइज ने पाकिस्तानी कलाकारों पर किसी भी तरह का काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध काम नहीं कर सका क्योंकि पाकिस्तानी कलाकारों को पनाह तो इंडस्ट्री का सुपर स्टार ही दे रहा है।
देश जानता है कि सलमान खान पर फिल्माए गीत या तो राहत फ़तेह अली खान गाते हैं या आतिफ असलम। उनके प्रोडक्शन हाउस से पाकी कलाकारों को सबसे अधिक काम मिलता है। सलमान के सम्पर्कों का लाभ लेकर ये कलाकार न केवल इंडस्ट्री में काम पा रहे हैं बल्कि विभिन्न शहरों में होने वाले स्टेज शो में भी अच्छा ख़ासा पैसा कमा रहे हैं। किस कीमत पर हमें ये पाकिस्तानी कलाकार मिले हैं।
हमने उदित नारायण, अभिजीत और सोनू निगम जैसे अत्यंत प्रतिभाशाली गायकों को इन पड़ोसियों के बदले घर बैठा दिया। अब तो कश्मीरी कलाकार भी इंडस्ट्री में थोक में प्रवेश कर रहे हैं। यदि ये सिलसिला नहीं रोका गया तो आने वाले कुछ साल में इंडस्ट्री के आधे हिस्से में पाकिस्तानी और कश्मीरी कलाकारों का बोलबाला होगा।
पिछले दिनों केरल में भयावह बाढ़ आई थी। फिल्म इंडस्ट्री के अधिकांश कलाकारों ने केरल में मदद के लिए अपनी ओर से मदद की लेकिन आतिफ असलम और राहत फ़तेह अली खान की गांठ से बाढ़ पीड़ितों के लिए एक पैसा नहीं निकला। इसी आतिफ असलम ने अपने देश पाकिस्तान में बांधों की हालत सुधारने के लिए पंद्रह करोड़ की मदद कर दी।
क्या इन कलाकारों को काम देने वाले प्रोड्यूसरों को आतिफ असलम की असंवेदनशीलता दिखाई नहीं देती। इस साल की शुरुआत में जब पाकिस्तानी कलाकारों को बैन किया गया तो लगा था कि इंडस्ट्री इस पर कायम रहेगी। दुःख की बात है कि प्रतिबंध को सबसे पहले नकारने वाले इंडस्ट्री के सुपर स्टार सलमान खान ही रहे।
सलमान खान, करण जौहर, महेश भट्ट जैसे निर्माता कथित भाईचारे के चक्कर में अपने देश के कलाकारों के साथ ही अन्याय करने पर तुले हुए हैं। इनकी फिल्मों में पाकिस्तानी और कश्मीरी कलाकारों को लगातार काम मिल रहा है। और ये भी कैसी विडंबना है कि कश्मीर में एक आम भारतीय प्रॉपर्टी तक नहीं खरीद सकता लेकिन भारत ने उनके कलाकारों को काम देने का ठेका ले रखा है।
जिसे देखो मुंह उठाए भारत में प्रवेश कर जाता है। आगामी फिल्म ‘नमस्ते इंग्लैण्ड’ में भी आतिफ असलम से गाने गवाए गए हैं। आप पाकिस्तानियों को काम दो और वह जब चाहे हमारे सैनिक मार दे, हमारी फिल्मों को अपने यहाँ बैन कर दे। हमारे निजी मामलों में दखल दे।
सवाल तो वही खड़े हैं। प्रतिबंध के बावजूद फिल्म निर्माता पाकिस्तानी कलाकारों को काम क्यों दे रहे हैं? साल की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के आवाज उठाने के बाद भी अब तक इन कलाकारों को सरकार की ओर से प्रतिबंधित क्यों नहीं किया गया? हमारे सैनिकों की शहादत के बावजूद आतिफ असलम लाखों रूपये की फीस लेकर गाने गा रहा है। क्या एक दिन हम अपने सभी प्रतिभाशाली कलाकारों को घर बैठाने जा रहे हैं।
URL: Despite ban of Federation of Western India Cine Employees, Pakistani artists are getting work in bollywood
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