जो कांग्रेस हमेशा नेहरू-गांधी परिवार के महिमामंडन पर फिजुलखर्ची करती आ रही है उसने मोदी सरकार पर फिजुलखर्ची का आरोप लगाया तो परिणाम उलट उसके खिलाफ आया। उनके इस आरोप पर कांग्रेस के पूर्व नेता शहजाद पूनावाला ने सूचना के अधिकार के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से 2009 से लेकर 2014 तक विज्ञापन पर यूपीए सरकार के खर्च का ब्योरा मांग लिया। मंत्रालय ने जो ब्योरा उपलब्ध करवाया है वह दंग करने वाला है। मंत्रालय के उपलब्ध ब्योरे के मुताबिक यूपीए सरकार ने अपने दूसरे कार्याकाल यानि 2009-14 के दौरान राजीव गांधी, इंदिरा गांधी, जवाहरलाल नेहरू तथा मोतीलाल नेहरू के महिमामंडन में 35 करोड़ रुपये खर्च किए थे। जबकि आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक मोदी के फिटनेस वीडियो बनाने में एक ढेला तक नहीं खर्च हुआ था।
मुख्य बिंदु
* ये आंकड़े सिर्फ प्रिंट विज्ञापन के हैं टीवी और अन्य माध्यमों के नहीं
* पांच सालों में इन नेताओं के जन्मदिन और पुण्य तिथि पर खर्च की गई है यह रकम
एक कहावत है कि जिनके घर शीशे के हों वे दूसरों के घर पत्थर नहीं फेंका करते। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर पत्थर फेंक कर आ बैल मुझे मार वाली कहावत को भी चरितार्थ कर दिया है। मंत्रालय ने आरटीआई के तहत मांगे गए जवाब के तहत जो ब्योरे उपलब्ध कराए हैं वे सिर्फ प्रिंट विज्ञापन के हैं, इनमें टीवी विज्ञापन या अन्य साधनों को जोड़ा भी नहीं गया है। इसमें वे भी विज्ञापन नहीं जोड़े गए हैं जो उन नेताओं के नाम चलाई गई योजना के तहत दिखाए गए हैं। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक 35 करोड़ रुपये तो सिर्फ इन नेताओं के जन्म दिन और पुण्य तिथि मनाने को लेकर दिए विज्ञापन पर खर्च हुए हैं।
मालूम हो कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनाए गए फिटनेस चैलेंज वीडियो को लेकर कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया गया था कि इस वीडियो पर सरकार ने 35 लाख खर्च कर दिए। लेकिन जब इस मामले में आरटीआई से जानकारी ली गई तो पता चला कि इस वीडियो पर मोदी सरकार ने एक ढेला तक खर्च नहीं किया। वहीं कांग्रेस की यूपीए सरकार का सार काला चिट्ठा सामने आ गया।
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक 2009 से लेकर 2014 तक के बीच सिर्फ पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के महिमामंडन करने में सरकार ने प्रिंट मीडिया के विज्ञापन पर 2.36 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इसी प्रकार सोनिया गांधी नियंत्रित यूपीए सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पांच साल के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरागांधी की याद में करीब 15 करोड़ रुपये खर्च किए थे। राजीव गांधी के जन्म दिन और पुण्य तिथि पर विज्ञापन से लेकर पब्लिक रिलेशन सामग्री तक पर करीब 17.35 करोड़ रुपये खर्च किए थे। जबकि जिस व्यक्ति को देश को लोग भूल चुके हैं, जिनकी भारत के उत्थान में कभी कोई भूमिका नहीं रही है उस मोतीलाल नेहरू पर यूपीए सरकार ने करीब 50 लाख रुपये फूंक डाले। इतनी फिजुलखर्ची करने वाली कांग्रेस सरकार मोदी सरकार पर आरोप लगाती है।
URL: during 5 year tenure upa spends 35 crore in print advertising to glorify Congress dynasts
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