कांग्रेस को शर्मसार करने वाला खुलासा हुआ है। यह खुलासा कोई और नहीं बल्कि उसके अपने ही पूर्व कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज ने किया है। उन्होंने कहा है कि दिवंगत कांग्रेस नेता और पूर्व मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह ने उनसे न्यायपालिका को प्रभावित करने को कहा था। बीते शुक्रवार को उन्होंने बताया कि यह वाकया उस समय का है जब 2004-2009 के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व पहली यूपीए सरकार बनी थी।
मुख्य बिंदु
* कांग्रेस के खिलाफ सामने आया बड़ा सबूत, पूर्व कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज ने किया खुलासा
* यूपीए सरकार 2005 बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए कोर्ट से अपने पक्ष में चाहती थी फैसला
* अर्जुन सिंह ने पक्ष में फैसला नहीं आने पर भारद्वाज को मंत्रालय चले जाने की दी थी धमकी
उन्होंने कहा कि जब कोर्ट की यह टिप्पणी आई थी कि इस अपील को खारिज की जा सकती है तब कोई दबाव नहीं था। लेकिन कोर्ट के कमेंट आने के बाद अर्जुन सिंह ने उनसे कहा था कि आप कुछ क्यों नहीं करते ताकि इस केस का निर्णय हमारे पक्ष में आए। लेकिन भारद्वाज ने कहा कि यह निर्णय कोर्ट को लेना है। अंत में कोर्ट का फैसला सरकार के खिलाफ आया। और कोर्ट के फैसले के कारण ही उस समय राष्ट्रपति शासन लागू नहीं हो पाया और आखिरकार बिहार में साल 2005 में मध्यावधि चुनाव हुआ।
एनआई से हुई बातचीत में भारद्वाज ने कहा कि जो लोग कोर्ट से अपने मुताबिक फैसला चाहते हैं वे गलत हैं। सर्वविदित है कि उस समय अर्जुन सिंह का ग्रुप ही ऐसा चाहता था। भारद्वाज ने बताया कि वे सेंट्रल हॉल में अर्जुन सिंह से मिले थे, तभी उन्होंने कहा था कि कोर्ट का फैसला हमारी अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा। अर्जुन सिंह ने तो यहां तक कहा था कि अगर आप इसे ठीक नहीं करते तो आपका मंत्रालय तक जा सकता है। तभी हंसराज ने अर्जुन सिंह से कहा था कि आप हमारे कार्य के बारे में निर्णय करने वाले होते कौन हैं। जब उनसे पूछा कि अगर आप पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरफ से दबाव आता? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी पर दबाव डालना उनका स्वभाव ही नहीं था।
हंसराज भारद्वा ने बताया कि 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने यूपीए सरकार को बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू करने से रोक दिया था। बिहार में जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन ने सरकार बनाने के प्रयास में लगा था। लेकिन यूपीए सरकार उसे रोकने के लिए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती थी। इसी मामले में यूपीए सरकार कोर्ट से अपने पक्ष में फैसला चाहती थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उससे उलट फैसला दिया था।
URL: Former Union law minister said i was asked to influence the judiciary
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