कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी जिस प्रकार नेशनल हेराल्ड मामले से लेकर टैक्स चोरी के मामले में व्यवहार कर रहे हैं इससे साफ जाहिर होता है कि वे खुद को देश की हर व्यवस्था से ऊपर मानती हैं। अभी तक देश की तमाम संस्थाएं और एजेंसियां भी नेहरू गांधी परिवार के साथ दासवत बर्ताव करती आ रही हैं। जबकि यहीं संस्थाएं और एजेंसियां सेवक होने के बावजूद आमलोंगों के साथ माय-बाप जैसा बर्ताव करती है। लेकिन हाल के दिनों में जिस प्रकार कर विभाग से लेकर न्यायालय तक में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की कारस्तानी देश के सामने आई है ऐसे में अब उन्हें भी समझ लेना चाहिए कि अब न तो उनकी चोरी चलेगी और न सीनाजोरी चलेगी। उन्हें भी अपनी करतूतों का फल भुगतना ही होगा। मालूम हो कि राहुल गांधी ने पर्याप्त साक्ष्य होने के बावजूद कर विभाग की कार्रवाई को धत्ता बताते हुए अपने ऊपर कर चोरी के लगे आरोपों को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन हाईकोर्ट ने दोनों मां-बेटे की याचिकाएं खारिज कर दी हैं।
मुख्य बिंदु
* दिल्ली हाई कोर्ट ने राहुल-सोनिया के टैक्स केस मामले को निरस्त करने की रिट याचिका खारिज कर दी
* राहुल और सोनिया गांधी ने साल 2011-12 के कर पुनर्मुल्यांकन मामले को कोर्ट में दी थी चुनौती
हिंदी का एक मुहावरा है-“चोरी ऊपर से सीनाजोरि”
National Herald Case में यह मुहावरा सटीक बैठता है।
“चोरी”- राहुल गांधी और सोनिया गांधी द्वारा 5000करोड़ का ग़बन!
“सीनाज़ोरी”- राहुल गांधी और सोनिया गांधी द्वारा 250 करोड़ की Tax चोरी!
— Sambit Patra (@sambitswaraj) 11 September 2018
ध्यान रहे कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी महज आयकर मामले के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं। वे लोग इससे बड़े मामले से बचने को लेकर लड़ रहे हैं। जिसका जिक्र आरबीआई के नन ऑफिशियल नेदेशक स्वामिनाथन गुरुमूर्ति ने राजेश घोष के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए किया है। जिसमें कहा गया है कि क्या गांधी परिवार आयकर मामले से लड़ रहा है? जवाब देते हुए कहा गया है कि नहीं। अगर आय कर विभाग को जांच करने की अनमति मिली तो मनी लॉंडरिंग केस का मामला उजागर होगा। क्योंकि कांग्रेस ने एक फेक कंपनी के माध्यम से नेशनल हेराल्ड को 90 करोड़ रुपये का ऋण दिया है, जिसका खुलासा पहले ही हो चुका है। इस मामले के उजागर होने से गांधी परिवार के खिलाफ निश्चित रूप से पीएमएलए का मामला बनता है। इसलिए यह कहना कि राहुल और सोनिया गांधी महज आय कर मामले में फंसे हैं यह एक अर्धसत्य होगा। पूरा सच तो जांच के बाद ही खुलासा होगा।
Is the Gandhi family fighting Income Tax case? No. If IT proceedings are allowed to go on what will follow is money laundering case. The 90 cr loan from INC to NH was from fake companies (cheque for cash) which got exposed from AAP returned the fake donations. Certain PMLA case. https://t.co/uu5NfolORM
— S Gurumurthy (@sgurumurthy) 10 September 2018
गौरतलब है कि आयकर विभाग द्वारा मार्च में जारी नोटिस को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और ऑस्कर फर्नांडिस ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति ए के चावला की पीठ ने आयकर विभाग के वित्तीय 2011- 2012 के टैक्स के पुनर्मूल्यांकन नोटिस के खिलाफ राहुल गांधी, सोनिया गांधी तथा ऑस्कर फर्नांडिस की दायर रिट याचिकाएं सोमवार को खारिज कर दीं। आयकर विभाग के टैक्स के पुनर्मूल्यांकन नोटिस के खिलाफ इन तीनों की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने 16 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान सोनिया गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम ने आयकर विभाग पर आरोप लगाते हुए आयकर की गणना गलत तरीके से करने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और ऑस्कर फर्नांडिस के साथ भेदभाव करने का भी आरोप लगाया। उनके जवाब में आयकर विभाग की ओर से अतिरिक्त सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वे कोर्ट के सामने मूल दस्तावेज पेश करने को तैयार हैं। वैसे तो दिल्ली हाईकोर्ट ने तो आठ अगस्त को ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस मामले में कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया था। सुनवाई के दौरान आयकर विभाग की ओर से एएसजी तुषार मेहता ने कहा था कि जब आयकर विभाग ने राहुल गांधी से पूछा कि क्या वे इन कंपनियों के डायरेक्टर हैं तो राहुल गांधी ने जवाब दिया कि नहीं। इसलिए इन कंपनियों की जांच की जरूरत है, क्योंकि इसमें कर चोरी की आशंका है। सुनवाई के दौरान जब राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट से मांग की थी कि इस मामले की रिपोर्टिंग मीडिया में न की जाए तो कोर्ट ने उसे भी खारिज कर दिया था।
मालूम हो कि हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करने के लिए 19 मार्च को आदेश दिया था कि यंग इंडिया कंपनी दो किश्तों में 15 अप्रैल तक दस करोड़ रुपये आयकर विभाग को जमा करे। लेकिन यह रकम अभी तक जमा नहीं की गई। क्या कोर्ट का आदेश का पालन नहीं करना यह नहीं दर्शाता है कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी खुद को हर व्यवस्था से ऊपर मानते हैं? लेकिन अब वह समय चला गया जब यह परिवार खुद को सबसे ऊपर मानता था। अब देश के कानून और जांच एजेंसियों के आगे इन्हें भी अपना सिर झुकाना ही पड़ेगा।
URL: Herald case: High Court rejects Rahul & Sonia Gandhi’s pleas against tax reassessments
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