इस्लाम के प्रचार की आड़ में जेहादी आतंकी निर्माण के आरोप से घिरे मौलवी जाकिर नायक की जाँच से नए- नए खुलासे हुए हैं जो बहुत चौकाने वाले हैं. कहते हैं मुम्बई कभी नहीं सोती लेकिन अब लगता है की मुम्बई कभी जगती ही नहीं, न वहां की सरकारें न वहां के सामाजिक संगठन और न देश की मीडिया.
कुछ दिन पहले पकडे जाकिर नायक की संस्था से जुड़े एक मौलवी ने खुलासा किया है, किस तरह भारत में अवैध धर्मांतण का खेल खेल जा रहा है? वह भी तथाकथित हिन्दू पार्टी शिवसेना की नाक के नीचे. जरा सोचिये मुम्बई जैसे महानगर में धर्मान्तरण का व्यापार खुल्ले आम चल रहा है तो हम और आप सोच सकते हैं कि देश के सुदूर प्रान्तों में इस बीमारी ने क्या रूप धारण कर रखा होगा ? मुस्लिम देशों से पैसा लाकर भारत में अवैध धर्मान्तरण का गन्दा खेल इन जैसे मौलवियों द्वारा किया जा रहा अब जब की यह आरोप प्रमाणित हो गया है. भारत में हिन्दू संघटनो ने समय-2 पर धर्मांतरण और इसी श्रेणी से जुड़े लव जिहाद पर भारत में बाहर से आ रहे धन के बारे में आरोप लगाए हैं लेकिन सरकारें कानो में तेल डाले बैठी रहती हैं.
लव जिहाद का और जबरन धर्मांतरण के आरोप मिथ्या नहीं, अपितु एक कटु सत्य है, एक हिन्दू के धर्मान्तरण पर निश्चित धन राशि तय की गयी है, जो हिंदुओं को लालच व जबरन धर्मांतरण के लिए दी जाती है,केरल में पकड़े गए एक आरोपी ने यह स्वीकार भी किया था परन्तु देश की एजेंडा पत्रकार और इसमें लिप्त मौलवी इसे साजिश करार देते हैं. देश को घुन कि तरह खोखला करने वाला सेकुलर माफिया गैंग,तथाकथित बुद्धिजीवी धड़ा,और हमारे देश के चौथे स्तम्भ के विवादित चैनल इन आरोपों को नकार कर हिन्दू संगठनो पर प्रश्न चिन्ह लगा देते हैं.
जाकिर नायक जैसे के मंसूबों को मुकाम तक पहुँचाने वाले भारत के सभ्य समाज के स्वघोषित सभ्य वर्ग के चेहरों पर से सेकुलरिज्म का नकाब उतर चुका है, फिर भी कोई हल्ला नहीं, कोई न्यूज़ नहीं सब कुछ सामान्य सा चल रहा है टॉक शो,चर्चायें, प्राइम टाइम सबने मौन धारण कर रखा है भारत में धर्मांतरण का खेल बहुत पुराना है यह तथ्य सर्वविदित है कि भारत के मुस्लिम और इसाई समाज के लोगों में से अधिकांश के पूर्वज हिन्दू थे जिनको कभी लालच से और कभी डरा कर जबरन धर्मांतरण का गन्दा खेल खेला और बदस्तूर जारी है. भारतीय संविधान स्वेच्छा से हुए धर्म प्रवर्तन को अवैध नहीं ठहराता, भाषा, धर्म, स्थान को स्वेच्छा चुनने का अधिकार सभी नागरिकों को मिला है लेकिन जबरन दूसरे धर्म पर घुसपैठ स्वीकार्य नहीं होना चाहिए,केंद्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय को इस बारे में संज्ञान लेना चाहिए.
विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता के अनुसार धरमांतरण पर राष्ट्रीय बहस का समय आ गया है, इस अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र में शामिल लोगो को उजागर कर उनको दण्डित किया जाना चाहिए और अवैध धर्मान्तरण को रोकने के लिए केन्द्रीय कानून लाना चाहिए , यही देश हित में है