स्वामी विवेकानंद के शिकागो में ऐतिहासिक भाषण की 125वीं वर्षगांठ के मौके पर एक बार फिर शिकागो में ही विश्व हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया। अपने ऐतिहास संबोधन में विवेकानंद ने हिंदू धर्म को सर्वोत्तम बताते हुए हिंदुओं को संगठित होने की बात कही थी। शिकागो में आयोजिन विश्व हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने भी एक बार हिदुओं से संगठित होने का आह्वान किया। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान हिंदू समुदाय से एकजुट होकर मानव कल्याण के लिए काम करने की अपील की। भागवत ने कहा कि हिन्दू समाज में प्रतिभावान लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है लेकिन उसके बावजूद वे कभी साथ नहीं आते हैं। इस संदर्भ में उदाहरण देते हुए कहा कि अगर आप किसी हिंदू से संगठित होने की बात कहें तो उनका कहना होता है कि शेर कभी झूंड में नहीं चलते। जबकि वे नहीं जानते कि अगर जंगल में बंगाल का रॉयल टाइगर भी अकेले मिले तो शिकारी कुत्ते उसका शिकार कर लेते हैं। इसलिए अगर अपने उत्कर्ष को पाना है तो हिंदुओं को संगठित होना होगा।
मुख्य बिंदु
* देश और विश्व का कल्याण करने के लिए हिंदुओं को संगठित होना ही होगा, लेकिन हिंदुओं को संगठित करना मुश्किल भी है
* भागवत ने अपने संबोधन के दौरान हिंदू समुदाय को एकजुट होकर मानव कल्याण के लिए काम करने का आह्वान किया
7 से 9 सितंबर तक आयोजित होने वाले विश्व हिंदू सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान संघ प्रमुख ने कहा कि समुदाय के रूप में काम करने पर ही समाज समृद्ध होता है और आगे बढ़ता है। उन्होंने मानव जाति के सुधार के लिए एकजुट होकर काम करने के बारे में समुदाय के नेताओं से आग्रह किया। भागवत ने कहा कि हमे यह नहीं भूलना चाहिए कि हम दुनिया को बेहतर बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आज हिंदू समाज भटक गया है उन्हें एक साथ आने की जरूरत है। हिन्दू समाज में प्रतिभावान लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है, परंतु वे कभी साथ नहीं। हिन्दुओं का साथ आना अपने आप में मुश्किल है।उन्होंने कहा कि हिन्दू हजारों वर्षों से प्रताड़ित हैं क्योंकि वे अपने मूल सिद्धांतों का पालन करना और आध्यात्मिकता को भूल गए हैं। इसलिए हमें साथ आना ही होगा, तभी देश का कल्याण होगा और विश्व का कल्याण भी होगा। क्यों पूरी दुनिया का कल्याण करने का सामर्थ्य आज किसी एक देश में है तो वह भारत ही है। क्योंकि हमारी सोच आज भी सर्वोत्तम है।
गौरतलब है कि विवेकानंद के ऐतिहासिक शिकागो भाषण के 125 वर्षगांठ पर
7 से 9 सितंबर तक विश्व हिंदू सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। शिकागो में आयोजिनत इस सम्मेलन में 80 देशों से करीब ढाई हजार से अधिक प्रतिनिधि तथा ढाई सौ से ज्यादा वक्ता हिस्सा ले रहे हैं। इस सम्मेलन में अर्थनीति, शिक्षा, मीडिया तथा अन्य विषय आधारित सत्र का आयोजन किया जा रहा है। ज्ञात हो कि 11 सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में आयोजित विश्व धर्म संसद में ऐतिहासिक भाषण दिया था। विश्व हिंदू कांग्रेस के संयोजक अभय अस्थाना का कहना है कि यह सम्मेलन हिंदुओं को आपस में जोड़ने, विचारों का आदान-प्रदान करने, एक-दूसरे को प्रेरित करने का वैश्विक मंच है। अस्थाना विश्व हिंदू परिषद की अमेरिका इकाई के अध्यक्ष है।
URL: If excellence to be achieved then Hindus will have to be organized.-Mohan bhagwat
Keywords: Swami Vivekananda, World Hindu summit, Parliament of World Religions, swami vivekanand chicago speech, rss, mohan bhagwat, स्वामी विवेकानंद, विश्व हिंदू शिखर सम्मेलन, विश्व धर्म संसद, स्वामी विवेकानंद शिकागो भाषण, आरएसएस, मोहन भागवत