स्वराज पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव की दोनों बहनों द्वारा रेवाड़ी में संचालित अस्पतालों और नर्सिंग होम पर आयकर विभाग की छापेमारी खत्म हुई। आयकर विभाग के अधिकारियों ने इस संदर्भ में दी अपनी जानकारी में बताया कि उनके परिवार से 27 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई है। हालांकि 29 लाख की नकदी जब्त की गयी थी लेकिन दो लाख की नकदी का हिसाब मिल जाने के कारण उसे छोड़ दिया गया। इसके साथ ही उनके निवास से कुछ ऐसे दस्तावेज और सबूत मिले हैं जिसकी जांच की जा रही है। इस मामले में योगेंद्र यादव ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार जानबूझ कर उसे चुप कराने और डराने के लिए उसके परिवार को निशाना बना रही है।
खुद या परिवार को बचाने के लिए सरकार पर आरोप लगा देना आसान हथियार बनता जा रहा है, सरकार पर आरोप लगाने के लिए लोग अपनी हैसियत इतनी बढ़ा लेते हैं कि वही झूठ का आधार बन जाता है। योगेंद्र यादव ने भी यही किया है, जो उनके झूठ का आधार बन गया है। उन्होंने कहा है कि सरकार उनके आंदोलन से डर कर उन्हें चुप कराने या डराने हेतु उसके परिवार को परेशान कर रही है। सवाल उठता है कि योगेंद्र यादव की भारतीय राजनीति में आज हैसियत क्या है? क्या जांच एजेंसियों की जांच का ठीकरा सीधे सरकार पर फोड़ना उचित है? रेवाड़ी में आंदोलन का असर राज्य सरकार पर पड़ेगा कि केंद्र सरकार पर? योगेंद्र ने सवाल किया है कि रेवाड़ी में इस प्रकार के 150 से भी अधिक अस्पताल और नर्सिंग होम हैं फिर कार्रवाई इन्हीं दोनो अस्पतालों पर क्यों?
गौर से पढ़िए कि योगेंद्र के किसी भी सवाल में कोई दम है? वो अपने परिवार के बचाव में दलील भी दे रहे हैं और कह रहे हैं कि वे अस्पतालों के प्रवक्ता नहीं हैं। तो क्या इसी बहाने वे अपने उस आंदोलन को चर्चा में लाना चाहते हैं, जिसकी अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई? योगेंद यादव को सरकार के खिलाफ अनर्गल और बेदम आरोप लगाने की बजाए उस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिस तरफ आयकर विभाग ने ध्यान दिलाया है।
आयकर विभाग ने कहा है कि छापे के दौरान 15 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी लेन-देन के दस्तावेज मिले हैं, आयकर अधिकारियों ने बेनामी जमीन खरीदने के भी दस्तावेज मिलने का दावा किया है। इसके साथ ही पीएनबी घोटाला के फरार आरोपी नीरव मोदी की कंपनी से नकदी लेनदेन का मामला सामने आया है। आयकर विभाग ने दावा किया है कि नीरव मोदी ग्रुप से मिली सूचना के आधार पर ही यह कार्रवाई की गई है। योगेंद्र यादव को इस ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और सारी सच्चाई के साथ जनता के सामने आना चाहिए। नहीं तो विभाग के खिलाफ कोई कानूनी कदम उठाना चाहिए।
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URL: Income Tax Department seized 27 lakh cash from Yogendra Yadav’s family
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