हमेशा मोदी पर आरोप लगाने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विवादों में घिर गए हैं। पंजाब चुनावों के मद्देनजर पंजाब में डेरा डाले हुए केजरीवाल पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने सरकारी आवास छोड़कर खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के पूर्व आतंकी गुरविंदर सिंह की कोठी में रात गुजारी।
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान की मोंगा में चल रही रैली को छोड़कर वह पूर्व खालिस्तानी आतंकवादी के नजदीकी के साथ उसके आवास पर ठहरे। सवाल यह उठता है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के प्रचार के लिए दिल्ली छोड़कर पंजाब में डेरा डालने वाले केजरीवाल को ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी थी कि वह गुरविंदर जैसे आतंकवादी के घर रूकने चले गए? हरविंदर सिंह मोगापुराना में 2003 बम ब्लास्ट करवाने के आरोपी थे और कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा भी घोषित कर रखा था! हाँ वह अलग बात है कि जो अक्सर इस देश में होता है उन्हें इस आरोप से बरी कर दिया गया! उन पर बाद में भी आतंकवादी संलिप्तता के कई कैसे दर्ज थे!
आपको याद दिला दूं कि सितंबर 2016 में एक न्यूज़ वेब ने आरोप लगाते हुए कहा था कि” रोम में मदर टेरेसा को संत की उपाधि देने वाले समारोह में शिरकत करने बहाने केजरीवाल ने खालिस्तान समर्थकों से लंबी बातचीत की थी।” ऐसा ही कुछ आरोप दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिशोदिया पर भी लगा था कि वह अपनी फ़िनलैंड यात्रा के दौरान पंजाब चुनावों में फंडिंग के लिए खालिस्तान समर्थकों से मिले थे। वैसे भी आम आदमी पार्टी की नींव विदेशी चंदे से पड़ी है यह बात जगजाहिर हो चुकी है!
पटियाला से आम आदमी के सांसद धर्मवीर भारती भी यह आरोप लगा चुके हैं कि “आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पंजाब का चुनाव जीतने के लिए बेहद खतरनाक खेल खेलने जा रहे हैं! वे खालिस्तानी नेताओं के समर्थन और पैसे के बदले जेलों में बंद खालिस्तानी आतंकवादियों को जेल से रिहा करवा देंगे।”
भगवंत मान जैसे आम आदमी के मुख्य नेता की रैली को छोड़कर किसी आतंकवादी के घर जा कर ठहरना केजरीवाल की मजबूरी थी या पंजाब में किसी नयी पठकथा का प्रारम्भ यह भविष्य के गर्त में हैं! लेकिन यह तय है कि शांत हो चुके पंजाब में आतंकवाद का खेल केजरीवाल को बहुत महंगा पड़ेगा!