आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के टकराव और नकारात्मक राजनीति के बावजूद भाजपा शासित तीनों दिल्ली नगर निगम ने अपने कार्यकाल में कई ऐसे महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे आम लोगों के जीवन में गुणात्मक बदलाव आया है। दिल्ली नगर निगम को वित्त आयोग के द्वारा मिलने वाले बजट और उसके अधिकार पर दिल्ली सरकार ने बार-बार कुठराघात किया, 9000 करोड़ रुपये में से केवल 2800 करोड़ रुपया जारी किया, कर्मचारियों का वेतन रोका गया, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली की जनता के हितों के लिए दिल्ली नगर निगम ने कई महत्वपूर्ण पहल किए, जिससे शासन में पारदर्शिता की बहाली हुई, आम लोगों का जीवन सुविधाजनक बना, बिजली संरक्षण को बढ़ावा मिला, अभावग्रस्त व्यक्तियों के स्वास्थ्य व उनके बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता दी गई और दिल्ली के पर्यावरण को सुरक्षित बना कर प्रदूषण मुक्त दिल्ली के सपने की दिशा में हम आगे बढ़े। उदाहरण के लिए-
– भाजपा शासित तीनों दिल्ली नगर निगम ने प्रशासन में पारदिर्शता लाने और इससे बिचौलियों को हटाने के लिए ई-गर्वेंस की सुविधाओं को बहाल किया। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, संपत्ति कर का भुगतान, जनरल ट्रेड, स्टोरेज लाइसेंस, फैक्ट्री लाइसेंस, स्वास्थ्य लाइसेंस, पार्कों एवं समुदाय भवनों की बुकिंग, ई-टेंडरिंग आदि के कारण प्रशासन भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी बन सका।
– ई-गर्वेंस और ‘क्षमादान योजना’ के कारण संपत्ति कर का दायरा बढ़ा, जिसके कारण स्वतःस्फूर्त रूप से जनभागीदारी बढ़ी और जनता संपत्ति कर जमा कराने के लिए आगे आयी। किसी पर कोई अतिरिक्त भार नहीं डाला गया। मकानों का नक्शा पास कराना आसान बनाया गया।
– कूड़े से बिजली पैदा करने की योजना पर कार्य हुआ और इसमें सफलता मिली।
-भलस्वां लैंडफिल जैसे कूड़े के पहाड़ को कम करने के लिए केंद्र सरकार के परिवहन मंत्रालय के साथ मिलकर योजना पर कार्य आरंभ हुआ। दिल्ली-मेरठ राजमार्ग के निर्माण में जमीन को भरने के लिए इसी कूड़े का उपयोग आरंभ हुआ, जिससे निकट भविष्य में इस लैंडफिल और इससे होने वाले पर्यावरण के नुकसान पर रोक लगने की संभावना बढ़ी।
– स्वास्थ्य, शिक्षा, पार्किंग और सामुदायिक सेवा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए, जिससे लोगों के जीवन में गुणात्मक बदलाव आने की संभावना बढ़ी।
– आइए नजर डालते हैं, तीनों नगर निगम के कुछ महत्वपूर्ण निर्णयों और उपलब्ध कराई गई सेवाओं पर, जिसके कारण जनता के जीवन में सुखद बदलाव देखने को मिला है। इन्हें जानने के बाद आप जान जाएंगे कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं उनकी पार्टी भाजपा और दिल्ली नगर निगम को लेकर कितना झूठ बोल रही है।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के प्रमुख कार्य
– विद्युत संरक्षणः कूड़ा से बिजली का निर्माण आरंभ किया। पूरे दक्षिणी निगम क्षेत्र में 3000 मिट्रिक टन कूड़े की निकासी होती है, जिसमें से 2000 मिट्रिक टन कूड़े से बिजली बनाया जा रहा है।
-दो लाख एलईडी बल्ब लगाकर जनता के जीवन में रौशनी बिखेरने की कोशिश की गई।
– सभी स्कूलों व निगम की अन्य 600 बिल्डिंगों पर सोलर पैनल लगाकर बिजली बनाने की योजना की शुरुआत की गई।
– बेहतर स्वास्थ्य सबके लिएः जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हार्ट अटैक आदि से साधारण व अभावग्रस्त लोगों को बचाने के लिए 250 ओपन जिम का निर्माण किया गया। अभी 300 ओपन जिम का निर्माण और होना है।
– बच्चों के स्वास्थ्य व उनके जीवन में खेलकूद की प्राथमिकता सुनिश्चित करने के लिए 1500 झूले लगाए गए।
– अस्पतालों और बड़े आवासीय परिसरों में मल शोधन संयंत्र स्थापित किया गया और पानी के रि-साईकलिंग को शुरू कराया गया।
-स्मार्ट शिक्षाः निगम विद्यालयों के प्रत्येक जोन के एक-एक विद्यालय में स्मार्ट कक्षाएं चालू। विद्यालयों में चार ई-टॉयलेट्स का निर्माण। हर स्कूल में सीसीटीवी लगाने का कार्य शुरू।
– औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्री लाइसेंस को समाप्त करने के लिए दो बार प्रस्ताव पास कर दिल्ली सरकार के पास भेजा गया, लेकिन आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने फाइल को केंद्र सरकार के पास आगे नहीं भेजा। ज्ञात हो कि निगम द्वारा सेक्शन-416 के अंतर्गत जारी किए जाने वाले फैक्ट्री लाइसेंस की समाप्ति की सिफारिश की जाती है, जिसे लागू करने के लिए एक्ट में संशोधन हेतु फाइल दिल्ली सरकार के पास भेजी जाती है और वह इसे केंद्र को भेजती है, लेकिन अभी भी फाइल दिल्ली सरकार के पास ही लंबित है।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के प्रमुख कार्य
– ऑनलाइन संपत्ति कर जमा करने के कारण 2013-14 में जहां 334.36 करोड़ रुपए का संपत्ति कर जमा हुआ, वहीं 2016-17 में यह 426 करोड़ तक पहुंच गया। इसमें ‘क्षमा दान योजना‘ की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिसके कारण जनता ने बढ़-चढ़ कर व भयमुक्त होकर संपत्ति कर जमा किया।
– कूड़ा प्रबंधनः भलस्वां में एक लाख 30 हजार मिट्रिक टन कूड़े के कारण 50 मीटर का उंचा पहाड़ बन चुका है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने केंद्र सरकार की योजना के तहत इस कूड़े को कम करने की योजना पर काम शुरू किया। इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-24 के निर्माण में इस कूड़े का फिलर के रूप में उपयोग किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण का संरक्षण होगा, कूड़े से दिल्ली वालों को मुक्ति मिलेगी और सभी का स्वास्थ्य बेहतर बनेगा।
– कूड़े से बिजली का उत्पादनः हर दरवाजे से कूड़ा उठाने पर ध्यान देते हुए ‘बेस्ट टू एनर्जी’ प्लांट को पूरी क्षमता से क्रियान्वित किया गया है। यह कार्य भी भलस्वां लैंडफिल पर चल रहा है। इससे 24 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी शुरू हो चुका है।
– बेहतर स्वास्थ्य सबके लिएः 5 बड़े अस्पताल, एक कॉलोनी अस्पताल, 15 पोली क्लिनिक, आठ मातृ-शिशु केंद्र, 79 बाल कल्याण केंद्र, 7 चेस्ट क्लिनिक और 11 मोबाइल वैन शुरू किया गया।
– हिंदू राव अस्पताल के प्रांगण मंे स्थित श्री अटल बिजारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज में सीटों की संख्या को 50 से बढ़ाकर 150 कर दिया गया है।
– औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्री लाइसेंस को समाप्त करने के लिए दो बार प्रस्ताव पास कर दिल्ली सरकार के पास भेजा गया, लेकिन आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने फाइल को केंद्र सरकार के पास आगे नहीं भेजा। ज्ञात हो कि निगम द्वारा सेक्शन-416 के अंतर्गत जारी किए जाने वाले फैक्ट्री लाइसेंस की समाप्ति की सिफारिश की जाती है, जिसे लागू करने के लिए एक्ट में संशोधन हेतु फाइल दिल्ली सरकार के पास भेजी जाती है और वह इसे केंद्र को भेजती है, लेकिन अभी भी फाइल दिल्ली सरकार के पास ही लंबित है। इसके पास होते ही करीब एक लाख से अधिक छोटे तथा मध्यम श्रेणी के फैक्ट्री मालिकों को राहत मिलेगी।
– दिल्ली सरकार के अड़चनों के कारण रानी झांसी रोड ग्रेड सैपरेटर का कार्य ढाई साल तक रुका रहा। टायर मार्केट को उठाकर 150 दुकान के लिए जगह आवंटित किया गया, वहीं 6 मंदिर को उठाकर उसके निर्माण के लिए भी जगह दे दी गई, लेकिन दिल्ली सरकार के कारण यह योजना आगे नहीं बढ़ सकी। ओल्ड रोहतक रोड में आर.यू.बी के निर्माण में भी दिल्ली सरकार ने बाध उत्पन्न कर रखी है।
– गांधी मार्केट, कमला नगर में तीन मंजिला भूमिगत पार्किंग का निर्माण किया गया है, जिससे वहां यातायात जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी।
– रानीबाग स्थित सेवा मार्केट में 74 करोड़ राशि के फ्री होल्ड प्लाट आवंटित किए गए हैं।
– मॉडल टाउन में भूमिगत पार्किंग व उसके उपर कैफिटेरिया का निर्माण आरंभ किया गया है।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के प्रमुख कार्य
– सर्वक्षमा योजना के तहत संपत्ति कर का सरलीकरण किया गया, जिससे कर का दायरा बढ़ा। जनता पर किसी तरह का कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डाला गया। मकान का नक्शा पास कराने को पारदर्शी बनाया गया है।
– बेहतर स्वास्थ्य सबके लिएः स्वामी दयानंद अस्पताल में 120 बिस्तर वाले जच्चा-बच्चा केंद्र का निर्माण, 40 प्राइवेट कमरों युक्त पर्सनल केयर ब्लॉक की स्थापना और नर्सिंग स्कूल की स्थापना की गई।
– पटपड़गंज स्थित चेस्ट क्लीनिग में एक डिजीटल एक्स-रे मशीन लगवाया गया है।
– करावल नगर में 50 बिस्तरों सहित ओपीडी सुविधा जनता को समर्पित किया गया है।
– बच्चों में खून की कमी को दूर करने के लिए ‘स्कूल हेल्थ स्कीम’ के तहत 50 डिस्पेंसरी को अस्पताल से संबद्ध किया गया है।
– कूड़ा प्रबंधनः कूड़ा उठाने के लिए ऑटो ट्रिपर, ट्रक, लोडर की व्यवस्था बहाल की गई।
– 96 स्कूलों ने सुरक्षा प्रमाण पत्र प्राप्त किया। बच्चों की दुर्घटना पॉलिसी कराई गई।
-विद्युत संरक्षणः 97 हजार स्ट्रीट लाइट को एलईडी बदला, जिससे 50 प्रतिशत बिजली की बचत होगी।