ईमानदार और 2जी व सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा का जमीन घोटाला उजागर करने वाली पत्रकार शालिनी सिंह ने मोदी सरकार द्वारा फेक न्यूज फैलाने वाले पत्रकारों की सरकारी मान्यता रद्द करने के निर्णय का स्वागत किया था! लेकिन अफसोस, खुद पीएम मोदी फेक पत्रकारों के दबाव के आगे झुक गये!
अवधेश कुमार मिश्र। पत्रकारों का जो एक वर्ग फेक न्यूज के नाम पर सरकार को आड़े हाथ लेता था। आज वही गाइडलाइन लाए जाने से चिंतित क्यों है? मामला स्पष्ट है कि वह नहीं चाहता है कि फेक न्यूज की उनकी दुकानदारी बंद हो। वो यही चाहता है कि उसकी दुकानदारी चलती रहे और नाम बदनाम किसी और का होता रहे। तभी तो खासकर अंग्रेजी पत्रकारों का एक वर्ग सरकार के इस कदम की आलोचना करने में जुट गए हैं।
मुख्य बिंदु
* सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने गठित की एक समिति
* पत्रकारों की एक्रेडिएशन निरस्त करने का है प्रावधान
* फेक न्यूज रोकने के लिए समिति तैयार करेगी गाइडलाइन
दरअसल भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति फेक न्यूज चलाने वालों और बनाने वालो पर लगाम लगाने के लिए एक दिशानिर्देश (गाइडलाइन) बनाएगी। गाइड लाइन में फेक न्यूज फैलाने वालों और उसे बढ़ावा देने वाले पत्रकारों का एक्रेडिएशन निष्कासित करने का प्रावधान है।
Doctor Modi's Cure for Fake News is Worse Than the Disease | My piece on @smritiirani's new guidelines for press accreditation https://t.co/zLz0Fwq5K7 … via @thewire_in
— Siddharth (@svaradarajan) April 3, 2018
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के इस कदम को अंग्रेजी के कुछ स्वयंभू पत्रकार स्वतंत्र पत्रकारिता पर आघात बता रहे हैं। अब समझने वाली बात ये है कि जो कल तक फेक न्यूज के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहरा रहे थे आज फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए उठाए जा रहे कदम को पत्रकारिता के खिलाफ दमनकारी बता रहे हैं।
Sagarika & Pallavi : Rape over Beef
Rajdeep: BHU VC attending Modi's Rally
Nidhi: Debate on False News
Rifat of Janta Ka Reporter is Faker
Quint forced Jawan to Suicide
The Print: False Doklam Agenda
So, Journos saying Action on #FakeNews is Attack on Media by Govt, is Expected.
— Anshul Saxena (@AskAnshul) April 3, 2018
जज लोया के निधन को हत्या ठहराने का मामला हो या फिर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी के सालाना टर्नओवर को लाभ बताने का मामला हो ये सारे फेक न्यूज पत्रकारिता की स्वतंत्रता की आड़ फैलाए जा रहे हैं। और अब जब सरकार फेक न्यूज रोकने के लिए एक गाइडलाइन लाने वाली है तो ये लोग सरकार को ही तानाशाह बताने वाला फेक न्यूज चलाने लगे हैं।
A fake news supporting government moves to “suspend” journalists for fake news. What a pathetic, bizarre joke ! https://t.co/dkGIzMB3BS
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) April 3, 2018
URL: Ministry of information and broadcasting drafts regulations on fake news
Key Words: Fake news, Ministry of information and broadcasting, Journalists, Reporting, Smriti Irani, Press Council of India, pib, फेक न्यूज, फर्जी खबर