रांची के मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम से बच्चे बेचने का खुलासा जगजाहिर हो गया है। चैरिटी होम की सिस्टर ने कैमरे के सामने स्वीकार किया है कि यहां से बच्चे बेचे गए हैं। इस खुलासे से जाहिर हो गया है कि यहां बच्चा बेचने का धंधा काफी पुराना है। इससे पहले भी दस्तावेज के सहारे यह खुलासा हो चुका है कि यहां बच्चे बेचने के लिए पूरी रणनीति बनाई गई थी। रिपब्लिक टीवी चैनल ने बच्चे बेचने में शामिल लोगों के मुंह से यह कहते हुए दिखाया है कि यहां से कई बच्चे बेचे गए हैं, जिसके लिए अलग-अलग कीमतें ली गई हैं।
#WATCH: A nun of Missionaries of Charity says," I have sold two more babies. I don't know where they are now." She is one of the two nuns who was arrested by Ranchi police on charges of child trafficking on July 9. Police say '3 out of 4 children have been recovered.' #Jharkhand pic.twitter.com/V9DO2pQrbW
— ANI (@ANI) July 14, 2018
मुख्य बिंदु
* मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम की बच्चा बेचने वाली नन का कबूलनामा आया सामने
* रिपब्लिक टीवी के रिपोर्टर से कैमरे के सामने सिस्टर ने एक लाख 20 हजार रुपये में बच्चा बेचने की बात कबूली
रिपब्लिक टीवी के वीडियो से यह भी खुलासा हुआ है कि वे लोग एक खास रणनीति के तहत बच्चा बेचने की अपनी करतूत को अंजाम देते थे। इससे यह भी साफ हो गया है कि रांची स्थित मिशनरीज होम काफी दिनों से बच्चा बेचने का रैकेट चला रहा है। तभी तो वह कानून को ताक पर रखकर यहां प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं के अभिभावक ने हलफनाम लिया जाता। अजन्मे बच्चे से संबंधित सारे अधिकार चैरिटी होम को सौंपने, कभी बच्चे पर अधिकार न जताने तथा किसी अनहोनी की सूरत में सारे दायित्व लेने जैसे हलफनामे अभिभावक से लिए जाते थे। जबकि ऐसा हलफनामा लेना कानूनी रूप से गलत है।
रिपब्लिक टीवी ने मिशनरीज चैरिटी होम के उन सारे लोगों को खोज निकाला है जिनका संबंध बच्चा बेचने से है। कैमरे के सामने सभी ने स्वीकार किया है कि यहां से बच्चे बेचे गए हैं। किसी ने तीन बच्चे बेचने की बात कही तो किसी ने चार बच्चे बेचने की बात कही है। लेकिन एक बच्चें को 1.20 लाख रुपये में बेचने की बात सभी ने कही है। पैसे के बंटवारे का भी खुलासा हुआ है। इतने गंभीर मामले सामने आने के बाद भी चैरिटी होम के प्रबंधन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के लेकर संदेह और भी गहरा हो गया है। वैसे भी प्रबंधन की सहमति और जानकारी के बगैर इतने बड़े कांड को अंजाम दिया ही नहीं जा सकता है।
जब चैरिटी होम से जुड़ी सिस्टरों को इस घटना को अंजाम देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि किस प्रकार यहां से बच्चे को बेचा गया? मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम की नन ने अपनी करतूतों की माफी मांगते हुए बताया कि किस प्रकार यहां से बच्चे बेचे जाते रहे हैं? इस संदर्भ में चैरिटी होम की नन सिस्टर कोनसिलिया ने बच्चा बेचने की पूरी कहानी बताई है। उन्होंने कहा कि बेचे गए बच्चे की मां करिश्मा, जो अकेली महिला है, 19 मार्च 2018 को रांची के जेल रोड स्थित चैरिटी होम आई थी। उन्होंने रोते हुए कहा कि हमारे इस बच्चे को कोई मदद नहीं करेगा। मैं इसे कैसे और कहां पढ़ाऊँगी? उसकी बात सुनकर मैंने चैरिटी होम की कर्मचारी अनिमा से कहा कि वह करिश्मा को पैसे दिलवाए। इसलिए अनिमा ने इसकी व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि इससे आगे उन्हें कुछ पता नहीं है। बाद में मुझे पता चला कि वह बच्चा किसी दंपति को दिया गयाI नन ने कहा कि उन्हें 1.20 लाख रुपये में बच्चे बेचने की बात नहीं मालूम थी, उन्हें सिर्फ 90 हजार रुपये की बात बताई गई थी।
इस मामले में नन अनिमा पहले ही स्वीकार कर चुकी थी कि चैरिटी होम के गार्ड के माध्यम से उन नवजात बच्चें को बेचा गया था। दबाव देने पर अनिमा ने यह भी कबूल किया है कि बच्चा उन्होंने ही बेचा था। उन्होंने चैरिटी होम के प्रबंधन तथा अन्य कर्मचारियों को बचाते हुए सारा दोष अपने ऊपर ले लिया। उन्होंने कहा कि बच्चा बेचने के मामले में वह स्वयं, गार्ड और बच्चे की मां शामिल थी, इसके अलावा कोई इसमें शामिल नहीं था। बाद में आरोपी नन सिस्टर कोनसिला ने स्वीकार किया कि इस नवजात बच्चे को बाल कल्याण समिति को सौंप देना चाहिए। लेकिन बाल कल्याण समिति को सौंपने की बजाय एक जोड़े के हाथों उसे बेच दिया गया।
गौरतलब है कि करिश्मा नाम की एक अकेली महिला रांची के सदर अस्पताल में एक मई 2018 को जन्म देती है। दो दिन बाद अस्पताल से उसे छुट्टी दे दी जाती है। वह अपने बच्चे के साथ मिशनरीज चैरिटी होम आती है। यहां वह 22 मई तक रहती है। इसके बाद वह एक हलफनामे के साथ अपना बच्चा चैरिटी होम को सौंप देती है, जिसे चैरिटी होम को अपने कर्मचारियों के साथ बाल कल्याण समिति को भेजना चाहिए था। लेकिन बाल कल्याण समिति के पास बच्चे को भेजने की बजाय उसे एक दंपति जोड़े को दे दिया जाता है। इतना कुछ हो जाता है कि लेकिन चैरिटी होम की सिस्टर को यह नहीं पता चल पाता है कि बच्चे को सीडब्ल्यूसी भेजा ही नहीं गया बल्कि बच्चे को बेच दिया गया है। आरोपी नन का कहना है कि उसे तो इस मामले के बारे में एक सप्ताह पहले यानि पिछले शनिवार को ही पता चला है। जबकि अनिमा ने खुद स्वीकार किया है कि वह अभी तक तीन बच्चे बेच चुकी है।
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URL: Missionaries of Charity Nun admits selling of children on camera
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