भले ही आप यकीं न करें, लेकिन यह वैज्ञानिक रूप से यह सच सामने आया है कि दो घंटे से ज्यादा समय तक मोबाइल के इस्तेमाल पर शरीर के अंदर खून में बायोलॉजिकल यानि जैविक बदलाव के सबूत मिले हैं। हालांकि इस पर रिसर्च करने वाले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक अभी इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाए हैं कि बायोलॉजिकल बदलाव से कैसी बीमारी हो सकती है? वैज्ञानिक का शुरुआती जांच के बाद इतना कहना है कि बीमारी के लक्षण मिले हैं और आगे की स्टडी जारी है।
आईसीएमआर के वैज्ञानिक डॉक्टर आर एस शर्मा का कहना है कि ज्यादा देर तक जो लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं उनके शरीर में काफी अधिक जैविक बदलाव पाया गया है। लेकिन इस तरह के बदलाव स्वास्थ्य के लिए कितने हानिकारक हैं यह जानने के लिए और भी अधिक शोध की जरुरत है।
आईसीएमआर और एम्स ने मिलकर यह स्टडी की है। डॉक्टर शर्मा का कहना है कि इस स्टडी में 4500 लोगों को शामिल किया गया है। इन्हें तीन ग्रुप में बांटा गया है। पहले ग्रुप में आधे घंटे तक बाल करने वाले को रखा गया है, दूसरे ग्रुप में दो घंटे तक और तीसरे ग्रुप में दो घंटे से ज्यादा समय तक बात करने वाले को रखा गया है। इसमें जो लोग दो घंटे से ज्यादा समय तक मोबाइल पर बात कर रहे हैं, उनमें बॉयोलॉजिकल बदलाव देखा गया है।
वैज्ञानिक का कहना है कि मोबाइल को लेकर डब्ल्यूएचओ ने पहले ही खतरनाक बताया है। लेकिन हम अपनी स्टडी के जरिए इसे साबित करना चाह रहे थे, इसलिए यह स्टडी की है। यह स्टडी साल 2013 में शुरु हुई थी। पांच साल की स्टडी में हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं। अभी इस पर और काम करने की जरूरत है, ताकि हम सबूत के साथ यह कह सकें कि इसके ज्यादा इस्तेमाल से क्या बीमारी हो सकती है। हालांकि वैज्ञानिक का यहां तक कहना है कि जानवरों पर की गई स्टडी में बीमारी साबित हो चुका है, अब इंसानों पर स्टडी अंतिम स्टेज पर है।
URL: More than two hours of mobile phone use may be a biological change in blood
Keywords: Indian Council of Medical Research, ICMR, Biological changes, use of mobile, cell phone radiation, Biological Effects of Cell-Phones, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, आईसीएमआर, जैविक परिवर्तन, मोबाइल का उपयोग, सेल फोन विकिरण, सेल फोन के जैविक प्रभाव