भारतीय मीडिया में खुद को ईमानदारी में राज हरिश्चंद्र बताने वाले एनडीटीवी का केरल बाढ़ पर चुनिंदा फोटो छापकर झूठी खबर फैलाने को क्या सीपीआई(एम) की चाकरी नहीं कहा जाएगा? आज सोशल मीडिया का जमाना है किसी की चोरी यहां छिपती नहीं है। एनडीटीवी ने अपने आकाओं को खुश करने के लिए अब फोटो और खबरों के साथ घपला करना शुरू कर दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने उपलब्ध कराई कोई दूसरी तस्वीर लेकिन सीपीआई (एम) को खुश करने के लिए एनडीटीवी ने कोई और तस्वीर लगा दी।
केरल में जिस बाढ़ की वजह से 357 लोगों की जानें चलीं गई उसी केरल में अब काफी तीव्र गति से राहत का काम भी किया जा रहा है। इसके लिए कई संगठन में भी जुड़े हुए हैं। इस संदर्भ ने न्यूज एजेंसी एएनआई ने हो रहे राहत कार्य की कुछ तस्वीरें मीडिया हाउस या अपने क्लाइंट के लिए जारी की है। एएनआई ने जो चार तस्वीरें जारी की है उसमें दो तस्वीरें आरएसएस की सेवा भारती कम्युनिटी सर्विस यूनिट की हैं जिसमें साफ दिख रहा है कि यह संगठन अपने बल पर कितनी राहत सामग्री एकत्रित करने में सफल हुआ है। जबकि दो तस्वीर सीपीआई(एम) द्वारा संचालित सेवा केंद्र की है जहां इक्का- दुक्का लोग ही दिखाई दे रहे हैं।
लेकिन एनडीटीवी ने एएनआई के हवाले से एसी तस्वीर लगाई है जिससे सीपीआई(एम) को जनता का हमदर्द बनाया जा सके। एनडीटीवी ने जिस ट्वीट में ये तस्वीरें दिखाई है उसमें एएनआई की तस्वीर है कि नहीं हैं यह नहीं दिखाता है बल्कि सौजन्य दिया है। इसलिए तो राज्य में सीपीआई (एम) के कार्यकर्ता राहत सामग्री जुटाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। उनका मानना है कि काम करे या नहीं करे लेकिन एनडीटीव जैसे चैनल पर उनका विज्ञापन तो होना ही है। लेकिन इससे साख खत्म होती है, जिसकी चिंता न तो कभी एनडीटीवी को पहले थी और न शायद आज भी है।
Pic 1: Information ANI gave to NDTV
Pic 2: What NDTV decided to selectively publish pic.twitter.com/7D8hXWnAzf
— Rahul Roushan (@rahulroushan) August 19, 2018
URL: NDTV hypocrisy expose, publish only selected Kerala flood photo
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