अभिव्यक्ति की आजादी के तथाकथित पैरोकार कहे जाने वाले पत्रकार श्रीनिवासन जैन ने अपने पिता पूर्व राजनयिक एल सी जैन के तथ्य का खुलासा होते ही एक स्तंभकार को केस करने की धमकी दे डाली। श्रीनिवासन जैसे लोग अपनी अभिव्यक्ति की आजादी चाहते हैं दूसरों की नहीं। तभी तो अपने पिता से सम्बंधित तथ्य का उजागर होते ही उन्होंने राजीव मंत्री, जो एक स्तंभकार है, क़ानूनी नोटिस भेजकर मानहानि का केस करने की धमकी दी है। राजीव मंत्री ने बस इतना खुलासा किया था कि जिस प्रकार आतंकवादी हाफिज सईद के साथ मंच साझा करने पर फिलिस्तीन ने अपने राजनयिक को पाकिस्तान से वापस बुला लिया, उसी प्रकार पोखरण परमाणु विस्फोट के विरोध करने पर अटल बिहारी वाजपेयी ने दक्षिण अफ्रीका से अपने एक राजनयिक को तुरंत बुला लिया था।
दरअसल 30 दिसंबर 2017 को एक खबर आई कि फिलिस्तीन ने पाकिस्तान के अपने राजदूत वालिद अबू अली को वापस बुला लिया क्योंकि उन्होंने आतंकवादी हाफिज सईद के साथ मंच साझा किया था। इस खबर को कोट करते हुए स्तंभकार राजीव मंत्री ने एक घटना का जिक्र कर दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान हुए पोखरण विस्फोट से जुड़ी यह घटना श्रीनिवासन जैन के पिता एलसी जैन से जुड़ी हुई थी। मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा है कि एक भारतीय राजदूत ने पोखरण परमाणु टेस्ट का विरोध कर खुद को अपमानित किया था। इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि उनके इस व्यवहार से नाराज हो कर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें वापस बुला लिया। उन्हीं का बेटा आज सेक्युलरों के लिए टीवी चैनल में प्रोपेगेंडा फैलाता है।
An Indian ambassador disgraced himself by opposing India while holding office abroad in the aftermath of Pokhran tests. Vajpayee immediately recalled him – today his son propagandizes at a TV channel for the “secular” forces. https://t.co/OvUy3FVzfm
— Rajeev Mantri (@RMantri) December 30, 2017
राजीव मंत्री ने अपने ट्वीट के साथ टेलीग्राफ के उस आलेख को भी जोड़ा है जिससे जाहिर हो होता है कि उन्होंने किस राजदूत या राजनयिक के बारे में लिखा है? बाद में स्वयं स्पष्ट किया कि उनका इशारा दक्षिण अफ्रीका में तत्कालीन भारतीय राजदूत एलसी जैन को लेकर है। उन्होंने उस आलेख को उद्धृत करते हुए लिखा है कि एल सी जैन पोखरण टेस्ट के खिलाफ थे इसलिए उन्होंने दक्षिण अफ्रीकियों के भारत का पक्ष मजबूती से नहीं रखा। उन्ही का बेटा एनडीटीवी में कार्यरत श्रीनिवासन जैन है।
An Indian ambassador disgraced himself by opposing India while holding office abroad in the aftermath of Pokhran tests. Vajpayee immediately recalled him – today his son propagandizes at a TV channel for the “secular” forces. https://t.co/OvUy3FVzfm
— Rajeev Mantri (@RMantri) December 30, 2017
मंत्री ने टेलीग्राफ में प्रकाशित आलेख का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए लिखा है कि उस समय डर्बन में नाम (एनएएम) के सदस्य देशों का सम्मेलन होने वाला था। परमाणु शक्ति वाले देश के रूप में भारत का विरोध करने के लिए इस मंच का उपयोग किया जाना था, क्योंकि दक्षिण अफ्रीका इसकी योजना बना रहा था।
An Indian ambassador disgraced himself by opposing India while holding office abroad in the aftermath of Pokhran tests. Vajpayee immediately recalled him – today his son propagandizes at a TV channel for the “secular” forces. https://t.co/OvUy3FVzfm
— Rajeev Mantri (@RMantri) December 30, 2017
राजीव मंत्री को अपने इसी तीन ट्वीट के लिए श्रीनिवासन जैन ने कानून नोटिस भेजा है। कानूनी नोटिस में कहा गया है कि या तो आप 2017 के अपने वे तीनों ट्वीट को मिटाएं या तो फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। मंत्री ने इस बारे में ट्वीट कर बताया है कि उन्हें इस कानूनी नोटिस को देखकर काफी आश्चर्य हुआ क्योंकि उन्होंने तो सिर्फ टेलीग्राफ में प्रकाशित आलेख को उद्धृत भर किया है। दरअसल यह आलेख वरिष्ठ पत्रकार केपी नायर ने लिखा था। मंत्री का कहना है कि श्रीनिवासन जैन का यह कानूनी नोटिस मानहानि की लिटमस परीक्षा भी नहीं पास कर पाएगा, क्योंकि उनके सारे ट्वीट के स्रोत एक प्रकाशित आलेख है। आश्चर्य की बात तो यह है कि श्रीनिवासन जैन जैसा ताकतवर पत्रकार एक आम नागरिक की आवाज दबाने में लग गया है। राजीव मंत्री का कहना है कि वह इस बारे में कानूनी सलाह ले रहे हैं।
1/ I have received a legal notice from @SreenivasanJain and one Gopal Jain, demanding that I delete three tweets (here: https://t.co/NXIR6kNNGc) and apologize, or face legal action.
— Rajeev Mantri (@RMantri) August 5, 2018
जिस आधार पर श्रीनिवास जैन ने राजीव मंत्री को कानूनी नोटिस भेजा है उस तरह का उल्लंघन वह खुद कई बार कर चुका है। हाल ही में एबीपी न्यूज से निकाले गए पुण्य प्रूसन वाजपेयी को लेकर जैन ने जो ट्वीट और रिट्वीट किए हैं वे बिल्कुल निराधार हैं और उसके सारे तथ्य झूठे साबित हो चुके है। दरअसल श्रीनिवासन जैन आम लोगों की अभिव्यक्ति के खिलाफ हैं। वे अपनी आजादी तो चाहते हैं लेकिन आम लोगों की आवाज को दबाना चाहते हैं।
Depressing to learn of the sh*t that’s gone down in @abpnewstv. By all accounts, yet another casualty of daring to speak truth to power.
— Sreenivasan Jain (@SreenivasanJain) August 2, 2018
URL: ndtv journlist sreenivasan jain double standard on freedom of speech
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हिंदू बनेगा ना वो मुसलमान बनेगा
गद्दार की औलाद है तो गद्दार बनेगा