मुद्रास्फीति अब नीचे हो गई, विदेशी मुद्रा भंडार ऊंचाई पर है, राजकोषीय घाटा नियंत्रण में है और विकास भी तेजी से बढ़ रहा है। इस सरकार ने विकास को काफी हद तक समावेशी बनाया है। यह बयान किसी और का नहीं है वल्कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलने वाली सरकार के चार साल के प्रदर्शन को तो उन्होंने चमत्कारी बताया है। उन्होंने कहा कि चार साल में इस सरकार ने व्यापक आर्थिक क्षेत्र में जो उपलब्धि हासिल की है उसके बारे में किसी भी सरकार के लिए सोचना भी मुश्किल होता क्योंकि यह सोचना भी उसके लिए असंभव था।
मुख्य बिंदु
* मुद्रास्फीति से लेकर विदेशी मुद्रा भंडार, राजकोषीय घाटा से लेकर समावेशी विकास करने में सरकार सफल
* चार साल पहले जिसके बारे में सोचना असंभव था उस आर्थिक क्षेत्र में इस सरकार ने उपलब्धि हासिल की है
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि आप व्यापक आर्थिक व्यवस्था का कोई भी मापदंड उठा लीजिए चाहे वह मुद्रास्फीति हो या फिर विकास दर, राजकोषीय घाटा हो या विदेशी मुद्रा भंडार एनडीए सरकार के चार साल के कार्यकाल को बेहतर ही पाएंगे। इन चार सालों में मोदी सरकार ने देश का सही मायने में चहुंमुखी विकास किया है। देश के हर मोर्चे पर सरकार का काम न केवल सराहनीय रहा है बल्कि फलदायी भी रहा है।
उन्होंने तुलनात्मक दृष्टि से बताया जहां इससे पूर्व की सरकार नीति निर्माण के मामले में एक प्रकार से लकवाग्रस्त थी वहीं यह सरकार स्टैंडमोड की स्थिति में हमेशा तत्पर रहती है। देर होने की तो बात ही नहीं। इसका अंदाजा इससे ही आप लगा सकते हैं कि पहले की सरकार विदेश नीति और सुरक्षा जैसे मसलों पर नीति निर्माण तो दूर पहले से बनी नीति को भी लागू करने में हिचकिचाती थी। जबकि यह सरकार जनता से योजनाएं मंगवानी शुरू की, अब सोच सकते हैं कि क्रियान्वयन के लिए यह सरकार कितनी तत्पर है। इसिलिए नीति निर्माण की बात हो या फिर उसके क्रियान्वयन की इस सरकार ने हर मोर्चे पर शानदार काम कर के दिखाया है।
चार साल पहले नरेंद्र मोदी ने जब 26 मई 2014 को 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी, उस समय देश की आर्थिक व्यवस्था एक प्रकार से ढलान पर थी। बैंकों की गैर निष्पादित संपत्तियां (NPA) पहले से ही आकाश चढ़ चुकी थी, ऊपर से नीति निर्माण को लेकर सरकार बिल्कुल लकवाग्रस्त हो चुकी थी। देश में सबकुछ भगवान भरोसे चल रहा था। देश की जनता भी उस सरकार से निरुत्साहित हो चुकी थी। मोदी सरकार को यही सबकुछ विरासत में मिली थी। ऐसे में चार साल पहले की स्थिति को आज के हालात से तुलना करेंगे तो इसे चमत्कारी नहीं तो और क्या कहेंगे? राजीव कुमार ने कहा है चार साल में इस सरकार ने व्यापक आर्थिक क्षेत्र में जो उपलब्धि हासिल की है उसके बारे में किसी भी सरकार के लिए सोचना भी मुश्किल होता क्योंकि यह सोचना भी उसके लिए असंभव था।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने हालांकि यह भी स्वीकार किया है कि कुछ क्षेत्रों में सरकार को अपेक्षित सफलताएं नहीं मिल पाई हैं। उदाहरण के लिए बैंकों की गैर निष्पादित संपत्तियों के मामले में सरकार ने ठोस कदम जरूर उठाया है लेकिन अभी उतनी सफलता नहीं मिल पाई जितनी मिलनी चाहिए थी।
पीटीआई को दिए साक्षात्कार के दौरान कुमार ने कहा कि निश्चित रूप से जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तब तेल गिरती अंतरराष्ट्रीय कीमत हमें सुविधा हुई थी, लेकिन एक बार फिर तेल की कीमत बढ़ने लगी है, ऐसे में हमे एक बार फिर व्यापक आर्थिक व्यवस्था पर ध्यान देना होगा। ताकि हम अपने विकास की गति को कायम रख सकें। उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में कॉरपोरेट सरकार की जरूरत पर बल दिया है ताकि हम निवेश में सुधार कर सकें।
उन्होंने कहा कि आशा है कि मुद्रास्फीति बढ़ने की खबर अब सूर्खियां नहीं बनेंगी, क्योंकि यह सरकार मुद्रास्फीति को काबू में रखेगी। उन्होंने कहा कि किसानों की स्थिति बेहतर करने के लिए सरकार को किसानों की फसल खरीदने में निजी व्यापारियों को शामिल करने पर भी विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हमलोग अपनी इस नीति को लागू कर सकते हैं तो किसानों की स्थिति सुधरने में भी वक्त नहीं लगेगा।
URL: Niti Aayog said four years of Prime Minister Narendra Modi’s government as a miracle!
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