कुछ सो कॉल्ड प्रगतिशील पत्रकार व बुद्धिजीवी लव जिहाद जैसी किसी भी घटना से हमेशा इनकार करते हैं! कहते हैं, लव खालिस व्यक्तिगत मामला है! हिन्दूवादी संगठन जानबूझ कर व्यक्तिगत मामलों पर नफरत व सांप्रदायिकता भरी राजनीति करते हैं!
लव जिहाद है ही नहीं, इसे साबित करने के लिए अंग्रेजी अखबारों और एनडीटीवी जैसे प्रो-पाकिस्तानी चैनलों पर कई शो मैंने देखे हैं! यदि लव जिहाद है ही नहीं और यह खालिस प्रेम है तो कोई मुस्लिम युवक हिंदू युवती से अपना नाम, अपनी पहचान छुपा कर क्यों मिलता है? कुछ मुलाकातों में ही शारीरिक संबंध बनाने की जल्दी में क्यों रहता है? प्रेम से तो सम्मान जुड़ा है, लेकिन वह उस संबंध का वीडियो क्यों बनाता है? यदि शादी करता है तो लड़की का धर्म बदलवाने की उसे जल्दी क्यों होती है? यदि प्रेम और सम्मान है तो वह उसे उसकी धार्मिक मान्यताओं को मानने की आजादी क्यों नहीं देता है? एक आजाद ख्याल हिन्दू लड़की को पत्नी बनाते ही बुर्का क्यों पहना देता है? यदि यह विशुद्ध प्रेम है तो फिर इस प्रेम में किसी हिन्दू प्रेमिका के लिए मुस्लिम प्रेमी के द्वारा अपने मजहब को छोड़ने की एक भी घटना क्यों नहीं मिलती है?
मैं आज यह सब इसलिए लिख रहा हूं कि एक लड़की की आत्महत्या की खबर ने मुझे विचलित कर दिया है। पहचान छुपाकर मुस्लिम लड़के ने हिन्दू लड़की के साथ प्रेम का नाटक किया, फिर शारीरिक संबंध बनाया, उसकी वीडियो बनाई और उसे अपने दोस्तों में बांट दिया!
गौरतलब है कि हाल ही में सूरत, गुजरात के डीआरबी कॉलेज की स्टूडेंट दीपिका खत्री की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार उसके प्रेमी मोइन ने दीपिका की जानकारी के बिना उसका एमएमएस बना लिया था। सेक्स रिलेशन वाटर पार्क की होटल में बनाए गए थे,वाटर पार्क जाने की कई तस्वीरें दीपिका के मोबाइल से मिली हैं।
दीपिका को इस बात की जानकारी नहीं थी कि मोइन मुस्लिम धर्म का है! मोइन ने उसे खुद को हिंदू बताया था। दीपिका के सुसाइड नोट के अनुसार मोइन ने उसे फंसाने के लिए अपना नाम ‘रावण’ बताया था! इसका पता उसे कई महीनों बाद पता चला, जब उसके हाथ मोइन का ड्राइविंग लाइसेंस लगा। इस बात को लेकर भी दोनों के बीच काफी विवाद हुआ था ।
रवीश कुमार ने अपने एक शो में लव जिहाद को प्रेम ठहराया था, अब जरा एक शो करके यह समझाएंगे कि यह किस तरह का प्रेम है