देश भर में फैले नक्सली गतिविधियों को अपनी विकासपरक योजनाओं तथा साहसिक कार्यवाहियों की बदौलत 30-35 जिलों में समेटने वाली मोदी सरकार अब उसे निर्मूल खत्म करने पर तुल गई है। केंद्र की साहसिक कार्ययोजनाओं के तहत ही सुरक्षबलों ने नक्सलियों के खिलाफ “ऑपरेशन ऑल आउट” चलाने का फैसला किया है। जम्मू एवं कश्मीर की तरह है अब छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में नक्सलियों के खिलाफ अब “ऑपरेशन ऑल आउट” चलाया जाएगा। सुरक्षा बलों ने देश भर में फैले 20 बड़े नक्सलियों की सूची भी तैयार कर ली है, जिसे निपटाना प्राथमिकता होगी। जो नक्सली नरेंद्र मोदी जैसे देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रच सकता है उसके खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई देश के लोकतंत्र के लिए काफी जरूरी भी है।
मुख्य बिंदु
* अब हिंसा को अंजाम देने वाले या भड़काने वाले नक्सलियों की खैर नहीं, जम्मू-कश्मीर की तरह चलेगा “ऑपरेशन ऑल आउट”
* विकासपरक योजनाएं तथा साहसिक कार्यवाई की वजह से नक्सल प्रभाववित क्षेत्रों को समेटने में सफल रही है मोदी सरकार
नक्सलियों के विरुद्ध कश्मीर की तर्ज पर प्रारम्भ होगा ऑपरेशन ऑल आउट। छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र,आंध्र में होगी बड़ी कार्यवाही, 20 बड़े नक्सलियों की लिस्ट तैयार।@ippatel @KapilMishra_IND
— Aayush Goel (@Aayushsgoel) September 6, 2018
वैसे तो अपने विकास कार्य और साहसिक कार्यवाई से मोदी सरकार नक्सली गतिविधियों पर काफी हद तक लगाम लगा चुकी है। केंद्र सरकार की पहल तथा राज्य सरकारों के सहयोग से देश के 290 जिलों में फैली नक्सली गतिविधिया अब महज 45 जिलों में सिमट कर रह गईं हैं। सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या अब घटकर महज 30 बच गई है। मोदी सरकार अब इन जिलों से नक्सलियों को समूल नष्ट करने की योजना पर काम कर रही है। तभी तो सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन ऑल आउट चलाने का फैसला किया है।
नक्सली गतिविधियों पर नकेल कसने में सफल रही मोदी सरकार
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश में नक्सली गतिविधियों में जहां कमी आई है, वहीं नक्सलियों का इलाका भी सिमटा है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार नक्सल से प्रभावित देश के 44 जिलों को सरकार ने नक्सलमुक्त क्षेत्र घोषित किया है। मोदी सरकार के प्रयास से सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 35 से घटकर 30 पहुंच गई है। जिन 44 जिले नक्सलमुक्त हुए हैं उनमें सबसे अधिक तेलंगाना के 19 जिले नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से हटाए गए हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के 3 जिले (प्रकाशम, कर्नूल, अनंतपुर), छत्तीसगढ़ के 3 जिले (सरगुजा, कुरिया और जसपुर), झारखंड के 2 जिले (देवघर और पाकुड़) को भी नक्सलमुक्त घोषित किया जा चुका है। गृह मंत्रालय का कहना है पिछले साढ़े चार साल में नक्सली हिंसा में सराहनीय कमी आई है, जिसका श्रेय सुरक्षा और विकास परक रणनीति को जाता है
इन वजहों से नक्सली हिंसा में आई कमी
गृह मंत्रालय रिपोर्ट के अनुसार नक्सल प्रभावित जिलों में पहले फेज में 2,329 कुल मोबाइल टावर लगाए गए, जिससे इन इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ी। झारखंड में 816 मोबाइल टावर लगाए गए हैं, उसी तरह छत्तीसगढ़ में 519 मोबाइल टावर लगाए गए, जबकि उड़ीसा में 256 मोबाइल टावर लगाए गए। बताया जा रहा है कि दूसरे फेज में भी गृह मंत्रालय 4,000 से ज्यादा मोबाइल टावर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में लगाएगा।
प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश करने वालों का समूल नष्ट जरूरी
हाल के दिनों में नक्सलियों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश का जो खुलासा हुआ है उसे देखते हुए नक्सलियों का समूल नष्ट करना भी जरूरी हो गया है। मालूम हो कि भीमा कोरेगांव हिंसा के बाद ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की ही तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने की साजिश का खुलासा हुआ है। कम्युनिस्ट माओवादी-आतंकियों से मिले पत्र (ईमेल) के आधार पर पुणे पुलिस ने कोर्ट में बयान देकर यह खुलासा किया था। पुलिस का कहना है कि भीमा-कोरेगांव हिंसा के दौरान ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या का षड्यंत्र रचा गया था। पुणे पुलिस ने कोर्ट में कहा कि रोड-शो के दौरान ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या एक मानव बम के जरिए करने की साजिश थी! अदालत को बताया गया कि दिल्ली में रोना विलसन के घर से मिली चिट्ठी में एम-4 राइफल और गोलियां खरीदने के लिए आठ करोड़ रुपये की जरूरत की बात लिखी गई है।
18 अप्रैल 2017 को कॉमरेड प्रकाश को आर (संभवतः रोना विल्सन) द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है कि कॉमरेड किशन एवं अन्य वरिष्ठ कॉमरेड ने बेहद मजबूत योजना बनाई है। इससे मोदी-राज का खात्मा किया जा सकता है। हमें राजीव गांधी की हत्या जैसी घटना को फिर से दोहराने की जरूरत है। वैसे तो यह योजना आत्मघाती है और विफल होने की संभावना भी ज्यादा है, लेकिन पार्टी को हमारे प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उस पत्र में मोदी को मारने के लिए उन्हीं के रोड शो को सबसे कारगर माध्यम बताया गया है। चिट्ठी में लिखा गया है कि हमारे बलिदान से ज्यादा हमारी पार्टी का वजूद महत्वपूर्ण है। इस चिट्ठी से यह भी जाहिर होता है कि मोदी-राज के कारण कम्युनिस्ट माओवादियों का वजूद ही मिटने के कगार पर है, जिसे बचाने के लिए सारे कॉमरेड मिलकर प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साजिशों को अंजाम देने में जुटे हैं।
जिन शहरी नक्सलियों की गिरफ्तारी पर लिबरल ब्रिगेड शोर मचा रहे हैं उन्हें पता होना चाहिए कि पुलिस ने उन पांचों माओवादियों को गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण गिरफ्तार किया है। यह बात पुणे कोर्ट में सरकारी वकील उज्ज्वल पवार ने कही है। पवार ने कोर्ट में कहा कि छापे के दौरान पुलिस को इनके पास से मिली सामग्रियों के आधार पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने की साजिश का खुलासा हुआ है।
URL: Operation All Out against Naxals- security forces prepare list of top wanted commanders
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