मीडिया की खोजी रिपोर्टिंग से यह तो साफ हो गया है कि जिस दानिश शाह को पाकिस्तान के आईएसआई का जासूस बताया जा रहा है वह पूरी तरह से गलत है। दरअसल वह जासूस है ही नहीं। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह बात भी साफ हो गई है कि एयरसेल-मैक्सिस घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राजेश्वर सिंह को हटाने के लिए रॉ का इस्तेमाल किया गया था। सूत्रों ने यह भी बताया कि इस मामले में रॉ का इस्तेमाल पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ईडी के ईमानदार अधिकारी राजेश्वर सिंह को अपने रास्ते से हटाने के लिए किया था।
It is confirmed now:A senior CBI officer from HQ called the fmr encounter Gujarat Police specialist and also Thane CP asking them to persuade arrested Dawood relative (Kasgar?) in a plea bargain to state that ED's Rajeshwar was in contact with Dawood. Both declined
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 29, 2018
मुख्य बिंदु
*जिस दानिश शाह को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का जासूस बताया जा रहा है वह दरअसल जासूस है ही नहीं
*एयरसेल-मैक्सिस मामले की जांच से ईडी अधिकारी राजेश्वर सिंह को हटाने के लिए राव का लिया गया था सहारा
दानिश ने संडे गार्जियन को दिए इंटरव्यू में उन्होंने खुद स्वीकार किया है कि मधु कोड़ा मामले में कुछ जानकारी साझा करने के लिए ही उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह को फोन किया था। इससे साफ है कि पी चिंदबरम ने ही अपने आदमी के द्वारा एयरसेल-मैक्सिस घोटाले में चल रही जांच रद्द करने के लिए ही रॉ के डेटा को लीक कराया था।
पी गुरु वेबसाइट ने तो इतने साक्ष्य मिलने के बावजूद यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम को गिरफ्तार नहीं करने के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उसने मोदी को उनका अपना ही नारा ‘न खाऊंगा और न खाने दूंगा’ याद दिलाते हुए कहा कि कार्रवाई करने पर ही यह सही साबित होगा, न तो यह जुमला ही रह जाएगा। पीगुरू ने तो यहां तक कहा है कि आज सत्ता भले ही केंद्र में एनडीए की हो, लेकिन नियंत्रण यूपीए सरकार दौर के अधिकारियों का ही चल रहा है।
सवाल उठता है कि राजेश्वर सिंह जैसे ईमानदार अधिकारी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाकर मोदी सरकार ईमानदार अधिकारियों को क्या संदेश दे रही है?
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने हाल में कहा था कि आज भी पी चिंदबरम के अधिकारी उन्हें बचाने में जुटे हैं। उन्होंने वित्तीय सचिव हसमुख अधिया पर चार अधिकारियों का गिरोह बनाकर पी चिदंबरम को बचाने और राजेश्वर सिंह जैसे ईमानदार अधिकारियों को बदनाम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आईएसआई से साठगांठ होने का आरोप लगाकर राजेश्वर सिंह को नौकरी से निकलवाने तक का प्रयास किया गया। इसके लिए रॉ तक का इस्तेमाल करने की बात सामने आई है।
अगर इतना सबकुछ होने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाथ-पर -हाथ धरकर बैठे रहेंगे तो फिर इस सरकार का भी भगवान ही मालिक। मोदी सरकार के लिए यही उचित समय है कि भ्रष्टाचार करने वालों पर करारा प्रहार करे। प्रधानमंत्री मोदी को चाहिए कि सांदर्भिक मंत्रालयों से ईमानदार अधिकारी राजेश्वर सिंह को पी चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति देने को कहे। मोदी को समझना होगा कि ये लोग ही आपके भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान को कमजोर करने में लगे हैं। साथ ही आपकी सत्ता को भी अस्थिर करने में लगे हैं। मोदी को समय रहते फैसला लेना होगा अन्यथा कहीं देर न हो जाए।
नोट: सारी सूचनाएं PGURUS द्वारा उपलब्ध जानकारी के अनुसार ली गयी हैं।
URL: P. Chidambaram had used RAW to trap an honest officer
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