ब्रजेश ठाकुर के बाद अब मनीषा दयाल! नीतीश बाबू का सुशासन का पताखा खुब फहरा रहा है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की जुगत में उनके सरकार के मंत्रियों का आसरा गृह की आड़ में चकला घर चलाने वालों संग जुगलबंदी दिखा रहा कि प्रदेश में समाजसेवा की आड़ में सत्ता के दलालों का धंधा खूब फल-फूल रहा है।
मुजफ्फरपुर के पत्रकारिता की आड़ में यौन शोषण का राज्यव्यापी सियासी धंधा करने वाले ब्रजेश ठाकुर के बाद मॉडलिंग के बल पर सियासी रसूख हासिल करने वाली मनीषा दयाल ने बानगी पेश की है कि समाज सेवा कैसे की जा सकती है? अपने एनजीओ के सहारे मॉडलिंग प्रतियोगिता और खेल प्रतियोगिताओं कराकर मनीषा दयाल ने लंबा-चौड़ा सियासी और खाकी कनेक्शन हासिल किया। बड़ी सिफारिश होने के कारण ही मनीषा के एनजीओ को आसरा गृह चलाने का काम मिला था। सत्ता में उसकी ठसक का ही असर है कि चार लड़कियों के भागने की कोशिश करने के बावजूद मनीषा के एनजीओ के ऊपर एफआईआर दर्ज नहीं की गयी थी। पटना के आसरा गृह में दो महिलाओं की मौत को बीमारी से हुई मौत साबित करने की पूरी तैयारी हो चुकी थी यदि मुजफ्फरपुर कांड गर्म न होता मनीषा दलाल का सच भी सामने कभी नही आता।
लेकिन पटना के आसरा गृह में युवतियों की मौत से बिहार में सियासत उबाल पर है। इस घटना से एक बार फिर एनजीओ संचालको का पॉलिटिकल कनेक्शन सामने आया है। सामने आया है कि समाज कल्याण मंत्रालय कैसे किसी ब्रजेश ठाकुर या मनीषा दयाल जैसे यौन शोषण का धंधा चलाने वालों के लिए काम कर रहा है। पटना के जिस आसरा गृह में दो युवतियों की मौत हुई है, उसकी कोषाध्यक्ष मनीषा दयाल का पॉलिटिकल और पुलिस कनेक्शन काफी मजबूत है। वो पटना की हाई प्रोफाइल पार्टियों का नामचीन चेहरा है और राजनेताओं के साथ भी उसके अच्छे ताल्लुकात हैं।
सत्ता में मनीषा के मॉडलिंग के चमक धमक का ही असर है कि रविवार को शेल्टर होम में हुई दो महिली की मौत से पहले जब उसी शेल्टर होम से चार लड़कियों ने भागने की कोशिश की थी तो मामले को अलग मोड़ देकर एक शख्स को गिरफ्तार करवा दिया गया। सत्ता में मनीषा के रसूख का मामला सामने आने के बाद कहा जा रहा है कि आसरा गृह की संचालिका मनीशा दयाल ही है लेकिन वो अपने आप को उस शेल्टर होम की कोषाध्यक्ष बता रही है। सत्ता और विपक्ष के हाईप्रोफाईल लोगों संग मनीषा का पॉलिटिकल कनेक्शन के सबूत साफ करते हैं कि बिहार पावर सेंटर में उसकी ठसक कैसी थी? वारयरल होती तस्वीरों में हाई प्रोफाइल पार्टी और कार्यक्रमों में बीजेपी-जेडीयू और राजद के नेताओं के साथ नजर आ रही हैं। मनीषा ने एनजीओ में काम करने के बाद समाजसेवा के लिये खुद का एनजीओ खोला और साथ ही राजधानी की हर छोटी-बड़ी पार्टियों का हिस्सा बनने लगीं। जिससे उनका पॉलिटिकल कनेक्शन बढ़ता गया। इसी कनेक्शन के आधार पर वो शेल्टर होम चलाती थी। जहां से मुजफ्फरपुर के ब्रजेश ठाकुर की तरह खाखी और खादी संग उसकी पहुंच थी।
मनीषा की तस्वीरें बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा, पीएचडी मंत्री विनोद नारायण झा, पूर्व मंत्री श्याम रजक (जेडयू), पूर्व मंत्री शिवचन्द्र राम (RJD) और आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी के साथ तेजी से वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में वो किसी पार्टी या कार्यक्रम में उन नेताओं के साथ नजर आ रही हैं. वो पटना की हर उस हाई प्रोफाइल पार्टी का हिस्सा होती हैं जिसमें राजनेताओं से लेकर ‘पेज थ्री’ का स्टेटस रखने वाले लोग आते थे।
नेताओं संग मनीषा की तस्वीरें वायरल हुईं तो सवाल भी उठने लगे, लेकिन सभी नेताओं ने एक स्वर में कह दिया कि नेताओं के साथ कोई भी तस्वीर ले सकता है। बस इतना कहने भर से वे तमाम आरोप से मुक्ति चाहते हैं लेकिन सत्ता की आर में मुजफ्फरपुर के बाद पटना का पाप सुशासन सरकार की चूले हीला रहा है। पटना के इस आसरा गृह में दो युवतियों की संदिग्ध मौत के बाद से बिहार का समाज कल्याण विभाग और जिला प्रशासन भी सकते में है। जांच एनजीओ के साथ-साथ मनीषा के उस कनेक्शन की भी हो रही है, जिससे वो बहुत कम समय में एक साधारण महिला से ‘हाई प्रोफाइल’ लेडी बन गई।
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URL: Patna Asra Ghar Case: Manish Dayal’s glamor and political connections
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