लंदन दौरे पर गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 25 अगस्त को बगैर किसी का नाम लेते हुए मोदी सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री पर देश छोड़कर भागने से पहले विजय माल्या से मिलने का आरोप लगाते हैं। और फिर राहुल गांधी की वही बात भगोड़ा विजय माल्या उसी लंदन से दोहराता है। बस फर्क इतना है कि राहुल गांधी ने जानकारी होने के बाद भी इससे पहले कभी जेटली का नाम नहीं लिया! विजय माल्या ने वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाम लेकर कहा कि देश छोड़ने से पहले उसने जेटली से भेंट की थी और उन्हें यह जानकारी दी थी। माल्या के इस बयान के बाद राहुल ने माल्या के सुर से सुर मिलाते हुए वित्त मंत्री का इस्तीफ़ा तक मांग लिया! हालांकि माल्या कुछ ही देर बाद अपने बयान से मुकर गया।
क्या यह महज़ इत्तेफाक है कि जो बात राहुल गांधी ने 25 अगस्त को लंदन में कही वही बात माल्या ने दोहरा दी? क्या इससे यह साबित नहीं होता है कि विजय माल्या और राहुल गांधी एक ही गाड़ी में सवार हैं? भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने सवाल किया है कि यूपीए सरकार के दौरान बैंकों से हजारों करोड़ ऋण लेने के बाद देश छोड़कर भागने वाले विजय माल्या को कांग्रेस खासकर राहुल गांधी बचाने के प्रयास में नहीं जुटे हैं? अब सवाल उठ रहा है कि अमेरिका में ड्रग्स और डॉलर रखने के आरोप में गिरफ्तार राहुल गांधी को बचा कर उस समय जो गलती तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलजी ने की वही गलती मोदी सरकार भी दोहरा रही है?
A deliberate accosting by Vijay Mallya in the corridors of Parliament and Arun Jaitley Ji rebuffing him to talk to the banks for repayment of loans in just half sentence is sought to be made an issue by the Congress Party.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) 13 September 2018
अगर ऐसा नहीं है तो क्या वजह है कि राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता का मामला आज तक गृह मंत्रालय तथा संसदीय आचार समिति के पास लंबित है। आखिर अब तक राहुल गांधी के खिलाफ इस मामले में कार्रवाई क्यों नहीं की गई? जबकि लंदन स्थित यूके रजिस्ट्री कंपनी के सामने राहुल गांधी ने खुद ही स्वीकार किया था कि वह ब्रिटिश नागरिक हैं। सबूत के तौर पर उन्होंने अपना लंदन का पता भी प्रस्तुत किया था। अब सवाल उठता है कि आखिल उस मामले की जांच का परिणाम क्या निकला? ज्ञात हो कि इसी प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अमेरिका में गिरफ्तार हुए राहुल गांधी को रिहा कराकर उसकी मदद की थी। राहुल गांधी को ड्रग्स और डॉलर रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। तभी सोनिया गांधी के अनुरोध पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति से बात कर राहुल गांधी को रिहा कराया था।
Just asking – What happened to Rahul Gandhi's Brtish Citizensip case pending with MHA and Parliament's Ethics Committee? Rahul himself declared that he is a British Citizen to UK Company Registry with a London address. What happened to that case probe?
Cc : @Swamy39 https://t.co/zdGegOg1t0
— J Gopikrishnan (@jgopikrishnan70) 13 September 2018
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी ने राहुल गांधी की मदद की, लेकिन परिणाम उनके प्रतिकूल आया। कांग्रेस और सोनिया गांधी अटल-आडवाणी को बदनाम करने की वो साजिश रची कि अटलजी के बेहतरीन काम करने के बावजूद भाजपा को 10 साल का बनवास भोगना पड़ा। जबकि अटलजी जैसा कार्य आज तक किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया था। अब अटल जी के रास्ते पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद चल रहे हैं। राहुल गांधी के विदेशी नागरिक होने के उसके खुद के सबूत के बावजूद उसके खिलाफ जांच तक आगे नहीं बढ़ रही है। परिणाम सामने है। कांग्रेस और राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए झूठ और फरेब का जाल बिछाना शुरू कर दिया है। राहुल गांधी तो एक कदम आगे बढ़कर देश तोड़ने वालों के साथ मिलकर साजिश करने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।
विजय माल्या और राहुल गांधी के एक प्रकार के बयान से यह साबित होता है कि राहुल गांधी के लंदन दौरे के दौरान दोनों के बीच जरूर कोई खिचड़ी पकी है। इसी के परिणामस्वरूप एक बार फिर मोदी सरकार को बदनाम करने का खेल शुरू हुआ है।
URL: PM Modi is repeating the mistake of Atal ji to save Rahul gandhi
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