कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मानसरोवर यात्रा शुरू से विवादास्पद रही है। तीर्थ यात्रा के दौरान पहले उनके द्वारा काठमांडू में मांसाहार की खबर आयी, और अब सवाल उठ रहे हैं कि वह कैलाश मानसरोवर गये ही नहीं! आधे रास्ते से लौट आए हैं!
इस पर विवाद तब बढ़ा जब राहुल के आफिशियल हैंडल से कैलाश मानसरोवर की गूगल ट्वीट किया जाने लगा! सवाल उठने लगा कि आखिर वह अपनी यात्रा के फोटो क्यों ट्वीट नहीं कर रहे? जब राहुल गूगल के फोटो ट्वीट कर सकते हैं तो अपना सेल्फी भी कर सकते हैं? फिर अभी तक नहीं क्यों नहीं किया है? यही नहीं चीन में ट्वीटर काम नहीं करता तो क्या चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने राहुल को ‘डोकलाम’ का गिफ्ट देते हुए ट्वीट करने के लिए स्पेशल अरेंजमेंट किया था? तीसरी बात, राहुल कौन से बोईग विमान से गये थे कि इतनी जल्दी कैलाश मानसरोवर से लौट भी आए? पढ़िए इसी पर सनोज पारिख का विश्लेषण!
Why is @RahulGandhi tweeting mansarovar pictures from google image search? Is he actually there or still enjoying pig meat in Nepal? ? pic.twitter.com/O7vnf7UMqA
— Vikas Pandey (@MODIfiedVikas) September 5, 2018
सनोज पारिख। मीडिया के अनुसार, राहुल 31 अगस्त को काठमांडू पहुंचे और 5 सितंबर को वापस दिल्ली। क्या वह, वास्तव में मानसरोवर झील से आगे गया! वे सभी जो कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जा चुके हैं वे जानते हैं, पैदल यात्रा करके 13-14 दिन में पूरी होने वाली यात्रा 4 दिन में सम्पूर्ण नहीं हो सकती।
इस यात्रा के कुछ आवश्यक पहलू हैं
* 1-2 दिन उच्च ऊंचाई (high altitude) के अनुकूल होने में
* 1 दिन मानसरोवर झील के लिए
* 4 दिन कैलाश पर्वत की पैदल परिक्रमा करने के लिए
* 6-7 दिन सड़क मार्ग से यात्रा के लिए लगने वाला समय
इस पर भी अगर राहुल हेलीकॉप्टर से यात्रा पूरी करता तो भी उसे 8-9 दिन का समय लगना चाहिए था। 4-5 दिनों में तीर्थयात्रा करने का कोई तरीका नहीं है। संभव है, स्वास्थ्य कारणों से पप्पू आधे रास्ते से ही वापस लौट आया हो। High Altitudes की वजह से कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान कई तीर्थयात्रियों को ऑक्सीजन की कम उपलब्धता के कारण खतरे का सामना करना पड़ता है।
महाकाल शिव के आज्ञा के बिना कोई उनके निवास स्थान कैलाश मानसरोवर नही पहुंच सकता। महाकाल का तीसरा नेत्र सब देख रहा है, जल्द हमे सच्चाई पता चल जाएगी।
The waters of lake Mansarovar are so gentle, tranquil and calm. They give everything and lose nothing. Anyone can drink from them. There is no hatred here. This is why we worship these waters in India.#KailashYatra pic.twitter.com/x6sDEY5mjX
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 5, 2018
नोट: राहुल की मानसरोवर यात्रा प्रारम्भ से ही विवादों में रही पढ़िए कैसे?
साभार: सनोज पारिख के फेसबुक वाल से
URL: Rahul Gandhi’s ‘Fake’ Kailash Mansarovar Yatra
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