राजस्थान में वंसुधरा राजे सरकार के शासन से ग्रामीणों में सांस्कृतिक चेतना जागी है। राजस्थान के कई गांवों के लोगों ने सरकार पर दबाव डलवाकर अपने गांवों के नाम बदलवाने शुरू कर दिए हैं। ग्रामीणों की शिकायत थी कि हिंदू बहुल गांव का नाम मुसलिम होने के कारण गांव के बेटे-बेटियों की शादी होने में दिक्कत होती है। ग्रामीणों की बात सुनने में वसुंधरा सरकार भी कोई कोताही नहीं बरत रही है। ग्रामीणों की मांग पर वसुंधरा सरकार ने प्रदेश के आठ मुसलिम नाम वाले गांवों का नाम बदल दिया है।
इसी अभियान के तहत वसुंधरा सरकार ने राजस्थान के बाड़मेड़ जिले के “मियों का बाड़ा” गांव का नाम बदल कर “महेश नगर” कर दिया है। मालूम हो कि इस गांव का नाम स्वतंत्रता से पहले पहले “महेश रो बाड़ो” ही था, लेकिन स्वतंत्रता के बाद इसका नाम “मियों का बाड़ा”कर दिया गया। सही मायने में देखा जाए तो वसुंधरा सरकार ने इस गांव का नाम बदला नहीं है बल्कि उसके पुराने नाम को नया रूप दिया है। जो भाषाई दृष्टि से भी सहज और सरस है।
मुख्य बिंदु
* केंद्रीय गृह मंत्रालय को वसुंधरा राजे सरकार ने 27 गांवों के नाम बदलने का भेजा था प्रस्ताव
* जिन गांवों का नाम बदला है उसका पहले हिंदू आधारित नाम था लेकिन बाद में बदल दिया गया
राजस्थान में वसुंधरा राजे सरकार ने गांवों को पुराना गौरव दिलाने के इस अभियान के तहत प्रदेश के 27 ऐसे गांवों की सूची केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी है, जिसके नाम बदले जाने हैं। लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अभी आठ गांवों के नाम बदलने पर मुहर लगाई है। केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि वे सूची में शामिल अन्य गांवों के नाम पर भी गंभीरता से विचार कर रहे हैं। जल्द ही अन्य गांवों के नाम फर निर्णय लिया जाएगा।
वसुंधरा सरकार ने कहा है कि गांव वालों की तरफ से स्थानीय प्रशासन पर नाम बदलने को लेकर काफी दबाव था। ग्रामीणों का कहना है कि नाम के कारण उन्हें सामाजिक सरोकार स्थापित करने में परेशानी हो रही है। “मियों का बाड़ा” गांव में रहने वाले कई हिंदू परिवार के सदस्यों का कहना है कि उनके यहां दूसरे गांव वालों ने शादी विवाह करने से मना कर दिया है। नाम की वजह से अन्य गांव के लोग हमारे गाँव से सम्बन्ध नहीं करना चाहते हैं। जबकि इस गांव में रह रहे 1,400 लोगों में बहुलता हिंदूओं की है। फिर भी इसका नाम बदलकर मुसलमान आधारित कर दिया गया।
लेकिन कभी जनता की आवाज पर ध्यान नहीं देने वाली कांग्रेस और एनसीपी जैसी पार्टी इसमें भी वोट बैंक की राजनीति घुसेड़ दी है। एनसीपी ने वसुंधरा राजे सरकार पर मुसलिम आबादी को अलग-थलग करने का आरोप लगाया है। एनसीपी ने कहा है कि जिस प्रकार उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मुगलसराय रेलवे स्टेशन जंक्शन का नाम बदल कर दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया है उसी प्रकार वसुंधरा राजे की सरकार राजस्थान में मुसलिम को अलग-थलग करना चाहती है।
URL: Rajasthan’s vasundhra govt renames villages with Muslim names
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