म्यांमार के रखाइन प्रांत में हिंदुओं के साथ रोहिंग्या मुसलमानों ने कितने अत्याचार किए हैं इसकी गवाही मानवाधिका संगठन Amnesty International की रिपोर्ट के रूप में सामने आ गई है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि रोहिंग्या मुसलमानों ने अपने आतंकी संगठन अरकान रोहिंग्या सैलवेशन आर्मी (ARSA) के साथ मिलकर हिंदुओं का एक बार नहीं कई बार नरसंहार किया था। 25 अगस्त 2017 की अल सुबह रोहिंग्याओं के आतंकी संगठन ARSA ने उत्तरी रखाइन प्रांत के एक पोस्ट पर हमला कर 30 सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर हिंदुओं के नरसंहार की शुरुआत की थी। 99 हिंदुओं का नरसंहार किया गया, जिसमें 23 तो केवल बच्चे थे।
मुख्य बिंदु
* 25 अगस्त 2017 की अल सुबह आतंकी संगठन ‘ARSA’ ने उत्तरी रखाइन प्रांत के एक पोस्ट पर हमला कर 30 सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी
* 99 हिंदुओं का किया नरसंहार, 20 से अधिक बच्चे शामिल
म्यांनमार में रोहिंग्याओं बहुल वाले इलाकों में हिंदुओं के खिलाफ मानवाधिका की धज्जियां उड़ा दी गईं। क्या सुरक्षा बल, क्या बच्चा, क्या महिलाएं और क्या बूढ़े किसी को भी नहीं बख्शा। आतंकी संगठन ARSA के साथ मिलकर रोहिंग्याओं ने कोई ऐसा सितम नहीं बचा जो हिंदुओं पर न ढाया हो। मानवता को लज्जित करने वाली हत्या हो, बलात्कार, यौन हिंसा, उत्पीड़न, गांवों को जलाना, भूखा रखकर मारने जैसे हर अपराध को अंजाम दिया। Amnesty International ने अगस्त 2017 के हमले के दौरान और उसके बाद ARSA द्वारा हिंदुओं के खिलाफ मानवाधिकार को शर्मसार करने वाली जितनी घटनाओं को अंजाम दिया गया उस सबको सिलसिलेवार ढंग से अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है। इसके साथ ही Amnesty International ने म्यांमार के प्रशासकों से तत्काल संयुक्त राष्ट्र के फैक्ट फाइंडिंग मिशन के साथ स्वतंत्र जांच एजेंसियों को बगैर किसी अवरोध पीड़ित इलाके में जाने देने की अनुमति देने की बात कही है।
मानवाधिकार संगठन Amnesty International ने अपनी जांच रिपोर्ट में खुलासा किया है। म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमान के आतंकी संगठन ARSA ने सैकड़ों निर्दोष हिंदुओं की सामूहिक रूप से हत्या कर दी थी। वैसे तो उसने अपनी रिपोर्ट में हिंदुओं के दो नरसंहारों का ही जिक्र किया है जबकि स्थानीय प्रशासन कई नरसंहारों को अंजाम देने की बात स्वीकार कर चुका है।
रोहिग्याओं ने उसी समय से हिंदुओं की हत्या करनी शुरू कर दी थी जब उसका आतंकी संगठन ARSA ने म्यांनमार की सेना के खिलाफ अभियान चलाया था। ARSA ने इसकी शुरुआत म्यांमार के उत्तरी रखाइन प्रांत के एक पोस्ट पर 30 सुरक्षाकर्मियों की एक साथ हत्या कर की थी। इसके बाद ही सेना ने उसका जवाब देना शुरू किया था। रोहिंग्या मुसलमान अपने आतंकी संगठन के समर्थन में पूरे प्रांत में हिंदुओं और सेना के खिलाफ हिंसा को अंजाम देना शुरू कर दिया था।
आज ये नरसंहार रोहिंग्या दुनिया भर में शरणार्थी बनकर पीडि़त होने का दिखावा कर रहे हैं। भारत में हिंदू बहुत जम्मू की पूरी जनसंख्या को बदलने के लिए इन रोहिंग्याओं को कांग्रेस, कम्युनिस्ट, प्रियंका चोपड़ा जैसे फिल्मी कलाकार और राजदीप सरदेसाई जैसे लुटियन पत्रकारों का समर्थन मिल रहा है। आज जब एमनेस्टी की रिपोर्ट आयी है तो यह दोगली जमात चुप है!
Amnesty International ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि रोहिंग्या मुसलमानों ने ARSA के साथ मिलकर हिंदू बहुल गांवों पर हमला किया था। इस दौरान कई गांवों में आग लगाकर उसे जला दिया गया। इसी दौरान उत्तरी मैंगदा शहर के पास के गांवों में तब हिंदुओं के नरसंहार को अंजाम दिया गया जब ARSA 25 अगस्त 2017 को पुलिस चौकी पर हमला कर 30 सुरक्षाकर्मियों को मार दिया था। ARSA ने महज इसी इलाके में कोहराम मचाने का नहीं, बल्कि अन्य इलाकों में भी हिंदुओं के खिलाफ इसी प्रकार की हिंसंक घटनाओं को अंजाम देने का जिम्मेदार है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में 26 अगस्त 2017 को हिंदुओं के गांव ‘अह नौक खा मौंग सेक’ पर ARSA के हमले और नरसंहार का विस्तार से जिक्र किया है। ARSA के आतंकियों ने गांव को जलाने से पहले वहां के महिलाओं के साथ मानवाधिकार को लांछित करने वाली हर वारदात को अंजाम दिया। सभी की हत्या करने से पहले उनके साथ बलात्कार किया। इस हमले जो हिंदू बच गए उनसे जब Amnesty International ने बात की तो बताया कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने अपने रिश्तेदारों को मरते देखा है और उनकी चीखें सुनी हैं ।
रोहिंग्या मुसलमान ने जो दो नरसंहार किए उनमें 23 बच्चों को मारने का पाप किया था। उन 23 बच्चों में से 14 की उम्र तो महज 8 साल थी। इसके अलावा उसने 20 पुरुषों और 10 महिलाओं की हत्या कर दी थी। पिछले साल ही जांच के दौरान सामूहिक कब्रों से 45 लोगों के शव बरामद हो गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘ये बौक क्यार’ गांव तथा ‘अह नौक खा मौंग सेक’ गांव में एक ही दिन नरसंहार को अंजाम दिया गया था।
रोहिंग्या मुसलमानों द्वारा हिंदू बच्चों के खिलाफ इस अमानवीय कुकृत्य का पर्दाफाश जी न्यूज चैनल ने किया था। लेकिन उस समय लुटियंस पत्रकारों और चैनलों ने जी न्यूज के इस खुलासे का मजाक बना दिया था। दरअसल लुटियंस पत्रकारों जी न्यूज की खबरों को मजाक नहीं बनाया था बल्कि म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के इस नंगे नाच को दबाने का प्रयास किया था। लेकिन आज एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट ने रोहिंग्या मुसलमानों के कुकृत्य के साथ लुटियंस पत्रकार के दोगलेपन की भी कलई खोल दी है।
URL: Rohingya massacred Hindus in Myanmar, Amnesty International report alleges
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