मोदी सरकार के केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमान अवैध रूप से आए अप्रवासी हैं, उन्हें भारत में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। केंद्र सरकार ने पहले ही सभी राज्य सरकारों को आदेश जारी कर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी भी रोहिंग्या मुसलमानों को कोई भारतीय दस्तावेज नहीं मिलना चाहिए। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के इस सख्त बयान से साफ है कि रोहिंग्या को लेकर भारत का रुख साफ और स्पष्ट है।
मुख्य बिंदु
* केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि रोहिंग्याओं को कोई भारतीय दस्तावेज नहीं मिलना चाहिए
अवैध तरीके से भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर एक बार फिर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू का सख्त बयान सामने आया है। बुधवार को इस मामले पर दिए अपने बयान में उन्होंने कहा है कि भारत में रोहिंग्याओं को ज्यादा दिनों तक रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा है कि यहां जो भी रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं वे सभी अवैध अप्रवासी हैं इसलिए उन्हें देश में रहने देने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उनका आशय स्पष्ट है कि रोहिंग्या मुसलमानों को ज्यादा दिनों तक किसी भी रूप में रहने देना सही नहीं होगा। तभी तो मोदी सरकार ने सभी राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि किसी भी रोहिंग्या मुसलमानों को कोई भी भारतीय दस्तावेज नहीं जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत ज्यादा दिनों तक रोहिंग्या मुसलमानों को बर्दाश्त नहीं कर सकता है
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी जानकारी दी है कि सरकार ने सभी प्रदेश सरकारों को आदेश जारी कर रोहिग्याओं को कोई भारतीय दस्तावेज नहीं जारी करने को कहा गया है। जम्मू-कश्मीर सरकार को भी विशेष हिदायत दी गई है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन को कहा गया है कि म्यांमार से आने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को जम्मू-कश्मीर में अवैध रूप से प्रवेश पर रोक लगाने को सुनिश्चत करे। हाल ही में भारत दौरे पर आई बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि रोहिंग्याओं को सुरक्षित तरीके से म्यांमार पहुंचाने में भारत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।
इस साल 11 मई से लेकर अब तक मुसलाधार बारिश के कारण 3,303 शेल्टर, 22 जल केंद्र, 300 शौचालय तथा एक स्वास्थ्य सुविधा केंद्र क्षतिग्रस्त हो गई है। 14 स्वास्थ्य केंद्रों को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। इसके अलावा 2,15,000 शरणार्थी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में रह रहे हैं। इनमें से 42,000 शरणार्थी तो सबसे अधिक खतरे वाले इलाकों में रह रहे हैं। 17 जून से तक अभी तक 32 हजार शरणार्थियों को दूसरी जगहों पर बसाया गया है। बांग्लादेश सरकार की योजना जून के अंत तक और 3,500 लोगों को बसाने की है। म्यांमार से आए अल्पसंख्यक समुदाय के रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध रूप से आए अप्रवासी माना जाता है।
एक आंकड़े के मुताबिक अभी भी बांग्लादेश में सात लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमान देश के अलग-अलग शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। म्यांमार के रखाइन प्रांत में जब वहां की सेना ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ अभियान चलाया तो ये लोग वहां से भागकर बांग्लादेश आ गए थे।
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URL: Rohingyas will not be allowed to reside in India: Kiren Rijiju
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