समय बदल चुका है, वोट देने वाला वोटर अब मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक की खबर लेना जानता है। समय सोशल मीडिया का है, आपको किसलिए वोट दिया है वह बार-बार जताना जानता है? ऐसे में मतदाताओं की अवहेलना पार्टी को काफी भारी पड़ सकती है। इस बार वोटरों के निशाने पर विदेशमंत्री सुषमा स्वराज आ गई हैं। विकास मिश्रा जैसे ईमानदार अधिकारी के खिलाफ उनकी एकतरफा कार्रवाई उन्हें अपने मतदाताओं की नजरों से न गिरा दे। सोशल मीडिया ने अपना फैसला सुना दिया है, तभी तो उनकी रेटिंग 5 से घटाकर 1.4 पर आ गई है। अब सुषमा जी को तय करना है कि वे जिस मतदाता की बदौलत संसद में पहुंची हैं उसकी सुननी है या फिर जिसने हमेशा उनकी पार्टी को सांप्रदायिक कहा है उसका तुष्टिकरण करना है!
मुख्य बिंदु
* लखनऊ में पासपोर्ट को लेकर हुए विवाद मामले में सुषमा की एकतरफा कार्रवाई की हो रही आलोचना
* स्वराज को अब जागृत सोशल मीडिया को देना होगा जवाब, मुसलिम तुष्टीकरण की तरफ क्यों बढ़ रही भाजपा
लखनऊ के रतन स्क्वायर स्थित पासपोर्ट ऑफिस में दस्तावेज जांच अधिकारी विकाश मिश्रा के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई है उससे सोशल मीडिया पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा है। लोगों के गुस्से का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि सुषमा स्वराज के खिलाफ लोगों ने जमकर फेसबुक पर कम रेटिंग देने का अभियान चलाया, जिससे उनकी रेटिंग पांच से घटकर 1.4 तक पहुंच गई है।
सोशल मीडिया यह वह तरीका है, जो सत्ता में बैठे लोगों के बहरे कानों तक जनता की आवाज पहुंचाने का माध्यम बनकर उभरी है। जिस सोशल मीडिया के पावर का उपयोग कर एक धुर्त पति-पत्नी ने सुषमा स्वराज को प्रभावित किया और गलत तरीके से अपना पासपोर्ट बनवाया उसी सोशल मीडिया ने यह बताने में देर नहीं की कि सुषमा स्वराज अपने पद का दुरुपयोग कर रही हैं और कानून के पालन करने वाले एक अधिकारी को प्रताडि़त कर रही हैं। प्रधानमंत्री हो या मंत्री, संविधान और कानून से उपर नहीं है। जनता विदेश मंत्री द्वारा किए गये मुसलिम तुष्टिकरण का जवाब इस तरह से देगी, सुषमा स्वराज ने सपने में भी नहीं सोचा होगा।
सुषमा स्वराज को सोचना चाहिए कि उनके एक गलत कदम का खामियाजा 2019 में पूरी पार्टी को भुगतनी पड़ सकती है। जिसके वोट पर उनकी पार्टी सत्ता में आई है, आज वह मतदाता उनसे जानना चाहता है कि आखिर उन्होंने इस प्रकार की एकतरफा कार्रवाई क्यों की? क्या इसलिए कि उनके इस कदम से उन तबकों का वोट उन्हें मिल जाएगा जो हमेशा से उनकी पार्टी को दुत्कारता आ रहा है?
मालूम हो कि बुधवार को पासपोर्ट रिन्यू कराने गई तन्वी सेठ से पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने उनसे जब वाजिब दस्तावेज मांगे तो वह भड़क गई। विकास मिश्रा ने दस्तावेज के अनुरूप नाम बदलवाने को कहा था। इस मामले की शिकायत तन्वी ने ट्वीटर के जरिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से कर दी। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट रीजनल कार्यालय पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद ही रीजन पासपोर्ट अधिकारी ने पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा का ट्रांसफर कर दिया और उनसे जवाब तलब किया गया है। सुषमा स्वराज के इसी कार्रवाई से सोशल मीडिया पर लोग उनसे नाराज होकर उनकी रेटिंग घटा रहे हैं।
URL: Social media angry against Sushma Swaraj, her ratings fall
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