अगर ये बात सच है की इश्क़ और जंग में सब कुछ जायज़ है तो फिर ये भी सच है कि जूनून अगर सर चढ़ जाए तो कुछ भी करा सकता है। ऐसा ही कुछ हुआ चैन्नई के अनंत नारायणन के साथ। उनका शौक कुछ ऐसा जूनून बना कि उन्होंने लोगों से कुछ अलग ही कर डाला।
आइये आपको अनंत से मिलवाते हैं
फ्लिपकार्ट के स्वामित्व वाली फैशन ईकॉमर्स पोर्टल Myntra (Online Shopping for Women, Men, Kids Fashion & Lifestyle) के CEO के रूप में अनंत अब बेंगलुरु में रहते हैं, लेकिन इससे भी ख़ास बात है कि शिकागो में उनका वाइन का एक बड़ा संग्रह है। एक साधारण वाइन पीने वाले से एक असाधारण वाइन पारखी बनने कि अनंत कि कहानी बहुत दिलचस्प है। आज अनंत वाइन की क़्वालिटी उसे देख कर बता सकते हैं! ये ही नहीं कौन सी वाइन किस अवसर पर प्रयोग करनी है और कलेक्शन किस प्रकार का होना चाहिए इन सब में भी अनंत पारंगत हैं!
अनंत की वाइन से दोस्ती
अनंत की वाइन से दोस्ती तब शुरू हुई जब वे सेन-फ्रांसिस्को में बतौर विश्लेषक काम कर रहे थे। अनंत इस बारे में खुद स्वीकार करते हैं कि साल 2000 में उनके एक क्लाइंट के साथ उनकी भी वाइन पीने की आदत बन गयी। उनका क्लाइंट हर शाम ऑफिस के कार्य ख़त्म होने के बाद वाइन ज़रूर पीता। उसमें यह हुनर था कि वो वाइन को देख कर और पीकर बता देता कि उसे कहाँ बनाया गया होगा? अपने क्लाइंट की संगत में अनंत को वाइन के बारे में बहुत सी जानकारी सीखने को मिली।
वाइन का अनंत कलेक्शन
अनंत ने केवल वाइन पीना ही नहीं सीखा बल्कि उसके गुण और स्वाद के बारे में भी धीरे-धीरे जानकारी इकट्टा की और उन लोगों से दोस्ती की जो वाइन बनाने की कला जानते हैं! वर्ष 2001 से अनंत ने वाइन का कलेक्शन करना शुरू किया। अनंत का मानना है कि वाइन एक ऐसा पेय है जो काफी पसंद किया जाता है और अवसर चाहे जैसा भी ही अगर हाथ में एक बेहतर गिलास वाइन का हो तो लोगों से मेलजोल का मज़ा दोगुना हो जाता है।
बेटियों को जन्मदिन का गिफ्ट वाइन
अनंत का वाइन का शौक कुछ इस कदर हैं कि वो अपने ज़िन्दगी के भविष्य के पलों को यादगार बनाने में भी वाइन का साथ छोड़ना नहीं चाहते। इसके लिए उन्होंने अपनी तीन बेटियों जिनकी वर्तमान उम्र 12,9 और 6 साल है के जन्म के समय फ्रांस में निर्मित वाइन खरीदी! इस एकत्रित वाइन को वह अपनी बेटियों के इक्कीसवें जन्मदिवस पर गिफ्ट करना चाहते हैं! वो मानते हैं कि यह एक शानदार कहानी हो सकती है!
वाइन खरीदने के लिए विदेश भ्रमण
अनंत का वाइन प्रेम कुछ ऐसा है कि अब तक वो 40 -50 देशों में घूम चुके है, वो भी इसलिए ताकि वह विभिन्न प्रकार की वाइन खरीद सकें, जो अब तक उनके संग्रह में नहीं हैं! उनकी ये मेहनत कुछ यूँ रंग लायी कि आज उनके संकलन में 1500 वाइन की बोतलें हैं! जो अलग स्वाद, अलग परिवेश से सम्बंधित हैं। उनके इस कलेक्शन में फ्रांस, इटली, कैलिफ़ोर्निया, बोर्डेक्स, अर्जेंटीना, चिली आदि की वाइन शामिल है। अनंत के पास दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में बनी वाइन ज्यादा नहीं है, लेकिन उनकी संख्या बढ़ाना भी अनंत का आगामी स्वप्न है।
अनंत की पारिवारिक छुट्टियां अंगूर के चारों ओर घूमती हैं
रोचक बात ये है कि अनंत कभी भी वाइन कि बॉटल खरीदते समय उसका नाम, तारिख और स्वाद देखने तक सीमित नहीं रहते बल्कि इससे कहीं अधिक वाइन के बारे में जानकारी जुटाते हैं जैसे अंगूर की कौन सी प्रजाति का प्रयोग किया गया है? उस क्षेत्र कि मिटटी कि उर्वरता? किस वर्ष में वाइन को बनाया गया? क्या उस साल मौसम और फसल सब कुछ अनुकूल था? इन बातों पर बारीकी से ध्यान देकर ही अनंत कोई वाइन खरीदते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं अनंत की अधिकांश पारिवारिक छुट्टियां अंगूर के चारों ओर घूमती हैं वो ऐसे जगह पर ही जाना पसंद करते हैं जहाँ की वाइन बहुत मशहूर हो।
वाइन पारखियों के समूह का हिस्सा
अनंत बेंगलौर में वाइन पारखियों के समूह (TWC) का हिस्सा हैं, जिसके सदस्य महीने में एक बार मिलते हैं। हर कोई अपनी बैठकों में वाइन की एक बोतल लाता है, जो एक रिवाज़ जैसा हो गया है। अनंत उन लोगो से भी दोस्ती पसंद करते हैं जिनको शराब में इंट्रेस्ट हो या उसकी बेहतर जानकारी हो। अपनी नौकरी के अलावा उनका ये पैशन लोगों के बीच चर्चा का केंद्र है। TWC समूह मैं बेंगलोर के उद्यमी, लेखक और कई जानी मानी हस्तियाँ शामिल हैं।
सबसे महंगी वाइन चातेऊ पामर
अनंत ने फ्रांस में सबसे महंगी वाइन चातेऊ पामर (Château Palmer) पी है जो 1961 में बनी थी! वाइन के बारे में उनकी कुछ भविष्यगामी योजनाएं हैं। वो कहते हैं कि अगर उनको और अधिक समय मिले तो वो भारत में बुटीक वाइनरी खोलने की शुरुआत करेंगे। वैसे तो अनंत चेन्नई से आते हैं और वाइन के अपने इस अद्भुद शौक को वो साउथ इंडियन भोजन के साथ ही पसंद करते हैं। उनका वाइन प्रेम इतना प्रसिद्ध हो चुका है कि अब लोग अपने घरों में होने वाले पारिवारिक, उत्सवों, पार्टीज आदि में वाइन का चुनाव उनसे पूछ कर ही करते हैं।
अनंत से पूछने पर की वाइन के बारे में वो क्या सलाह देते हैं। वो कहते हैं कि “असल बात स्वाद को जानने और पहचाने की होती है, फिर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की उसका दाम क्या है? सही स्वाद ढूंढ़ना ही सब कुछ है।”
URL: Story of ananth narayanam true wine connoisseurs
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