पटियाला हाउस कोर्ट ने दो साल पहले दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए वरिष्ठ पत्रकार अर्णब गोस्वामी, टाइम्स नाउ समूह तथा अन्य कई के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में समन जारी कर दिया है। इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट के वकील विक्रम सिंह चौहान ने अपनी छवि धूमिल करने, करियर को नुकसान पहुंचाने की नीयत से 19 फरवरी 2016 को टाइम्स नाउ न्यूज चैनल पर उनके खिलाफ निराधार आरोप लगाने को लेकर चीफ मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट कोर्ट में याचिका दायर की थी। चौहान ने अपनी याचिका में चैनल के तत्कालीन एंकर और चीफ एडिटर अर्णब गोस्वामी, बेनेट कोलेमैन एंड कंपनी लिमिटेड (टाइम्स नाउ समूह) के अलावा समीर जैन, विनीत जैन, इंदु जैन, श्रीजीत रामांकांत मिश्र तथा शंकर नारायण रंगनाथन को आरोपी बनाया था। गौरतलब है कि जिन दिनों की बात है, उन दिनों अर्णव गोस्वामी ही टाइम्स नाउ के प्रधान संपादक थे। उन्हीं के शो The Newshour Debate (19th Feb 2016) में विक्रम चौहान की मानहानि की गई थी!
मुख्य बिंदु
* विक्रम सिंह की शिकायत पर चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने प्रथम दृष्टि में माना कि आरोपियों पर मानहानि का मामला बनता है
* 19 फरवरी 2016 को टाइम्स नाउ न्यूज चैनल के प्राइम टाइम शो में अर्णब गोस्वामी ने विक्रम सिंह के खिलाफ लगाए थे कई आरोप
चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने चौहान की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले को प्रथम दृष्टया आपराधिक मानहानि का मामला पाया है। इसलिए कोर्ट ने शंकर नारायण रंगनाथन को छोड़कर सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी करने का आदेश दे दिया है। कोर्ट ने बेनेट कोलेमैन एंड कंपनी के सीएफओ रंगनाथन के संदर्भ में कहा कि चैनल पर प्रसारित कार्यक्रम में उनकी कोई भूमिका नही हैं। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि उन्होंने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत किसी प्रकार का दंडनीय अपराध किया है। इसलिए उन्हें इस मामले में समन नहीं जारी किया जा सकता है। लेकिन कोर्ट ने अन्य सभी छह आरोपियों के खिलाफ समन जारी करने के साथ ही 22 अगस्त 2018 को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान पीएफ और आरसी फाइल करने का आदेश दिया है।
विक्रम सिंह चौहान द्वारा दायर याचिका में उनके वकील ने कहा है कि टाइम्स नाउ चैनल ने 19 फरवरी 2016 को प्रसारित अपने एक कार्यक्रम में चौहान के खिलाफ आधारहीन तथा अपमानजनक आरोप लगाए थे। अपने इस कार्यक्रम में चैनल ने चौहान को “गुंडा वकील” तथा “उपद्रवी ” तक बताया था। चैनल पर जो कार्यक्रम प्रसारित हुआ था वह आज भी “why no action againest goon lawayres” कैप्शन के नाम से यू-ट्यूब पर उपलब्ध है, जिसका लिंक नीचे है:-
याचिका में कहा गया है कि इस कार्यक्रम का एकमात्र उद्देश्य चौहान का चरित्र हनन तथा छवि धूमिल कर उनका करीयर बर्बाद करना था। अन्यथा और कोई कारण नहीं है कि उनके खिलाफ इस प्रकार के आरोप लगाए जाएं। आरोपियों ने इस प्रकार के आरोप लगाकर लोगों में संदेश दिया कि चौहान आपराधिक गतिविधियों में शामिल है। याचिका में कहा गया है कि आरोपियो ने अपने कार्यक्रम के तहत चौहान की छवि धूमिल करने तथा उनका करियर बर्बाद करने की हर कोशिश की है।
याचिका में कहा गया है कि ऐसा नहीं कि आरोपी अपने मकसद में कामयाब नहीं हुए। उनकी इस करतूत की कीमत चौहान को चुकानी पड़ी। क्योंकि टाइम्स नाउ चैनल पर प्रसारित यह डिबेट शो चौहान के कई कलिग और उनके क्लाइंट उनके ही चैंबर संख्या 185-बी पटियाला हाउस में देखा था। यह शो देखते ही उनके क्लाइंट ने उनसे नाता तोड़ लिया। इस कार्यक्रम के प्रसारण होने के बाद उनके वकील साथियों में उनकी प्रतिष्ठा पहले जैसी नहीं रह गई। याचिका में तो विपिन शर्मा नाम के एक वकील को भी उद्धृत किया गया है जिनके साथ उनके संबंध इस प्रोग्राम के कारण बिगड़ गए।
जबकि विक्रम सिंह चौहान की छवि एक मेहनती और ईमानदार वकील की थी। क्लाइंट से लेकर उनके सहयोगी और साथी वकील तक काफी इज्जत की नजर से देखते थे। लेकिन टाइम्स नाउ चैनल पर उनके खिलाफ प्रसारित इस कार्यक्रम के बाद सभी ने उनसे आंखें फेरनी शुरू कर दी। इससे उनकी प्रतिष्ठा तो गई ही, छवि भी धूमिल हुई साथ ही उनका करीयर एक प्रकार से बर्बाद हो गया। क्लाइंट भी उनसे अपना पीछा छुड़ा लिया। सभी लोग टाइम्स नाउ पर प्रसारित कार्यक्रम का हवाला देकर उनसे अपनी आंखें फेरनी शुरू कर दी है।
चौहान का कहना है कि टाइम्स नाउ चैनल और अर्णव गोस्वामी ने उनका करियर खराब कर दिया। साथी ही उनकी प्रतिष्ठा और छवि पर ऐसा आघात किया है जिसकी कभी भरपाई नहीं की जा सकती। इसलिए उन्हें उनकी करतूत की सजा दिलाने के लिए ही चौहान ने कोर्ट में याचिका दायर की है।
URL: Summon against journalist Arnab Goswami and Times Now Group
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