जिस राज्य में भूख से तड़प कर तीन बच्चों की मौत हो गई हो, अगर उस राज्य के मुख्यमंत्री के बारे में पता चले कि उसने महज दो घंटे में 80 हजार रुपये की शराब पी ली, तो आपको कैसा लगेगा? किसी को भी बुरा लगेगा। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एकदम बुरा नहीं लगेगा, क्योंकि यह कारनामा उनका खुद का है!
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने एचडी कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने गए अरविंद केजरीवाल ने 24 घंटे से भी कम समय में 1 लाख 85 हजार रुपये खर्च कर दिए। आरटीआई से हुए खुलासे के मुताबिक महज दो घंटे के लिए शराब पर केजरीवाल का बिल 80 हजार रुपये का था। स्वामी ने अपने इस समारोह में बुलाए गए गैर एनडीए नेताओं पर कर्नाटक सरकार के 42 लाख रुपये फूंक डाले। कर्नाटक के आम करदाताओं के खून पसीने की कमाई को इस तरह फूंकने में न तो मेजवान को शर्म आई न ही उन मेहमानों को फुंकवाने में शर्म आई।
दिल्ली में भूख़ से तीन बच्चियों की मौत,
दूसरी तरफ CM केजरीवाल बैंगलोर में दो घण्टे में ₹1 लाख 85 हजार खर्च कर देते हैं
उसमे से भी ₹ 80,000 सिर्फ शराब में ख़र्च
ये कैसी बेशर्म ऐय्याशी हैं?
काजू भुने पलेट में, विस्की गिलास में
उतरा है पूर्ण स्वराज, केजरीवाल निवास में
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) August 9, 2018
मुख्य बिंदु
* आम करदाताओं की खून-पसीने की कमाई उड़ाते हुए न तो मेहमानों को शर्म आई न ही मेजवानों को
* केजरीवाल ने जहां एक लाख 85 हजार रुपये खर्च कराए वहीं चंद्रबाबू नायडू ने 8.72 लाख रुपये डकार गए
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी स्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली के मालिक का जाना वहां की जनता के लिए काफी महंगा पड़ा। इस समारोह में शिरकत करने के लिए सिर्फ अरविंद केजरीवाल 1.85 लाख रुपये के पड़े। उनका होटल में खाने का बिल जहां 76 हज़ार का था वहीं दो घंटे पीने का बिल 80 हजार रुपये का था। यह उस दिल्ली के मुख्यमंत्री के खाने और पीने का बिल था जिसके राज्य में तीन बच्चों की भूख से तड़प कर जान चली जाती है। ऊपर से आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक पृथ्वी की हिमाकत देखिये कि वे अपने नेता अरविंद केजरीवाल के बचाव में भी आ गए है। उन्हें अपने नेता की करतूत पर शर्म नहीं आती है। निर्लज्जता की सीमा तोड़कर कह रहे है कि केजरीवाल या अन्य मेहमानों पर हुए इस बेतहाशा खर्च की जिम्मेदारी राजनीतिक दलों को उठानी चाहिए।
अगर तेरी नीयत में सच हैं
तो दिल्ली को चलाकर दिखा
नहीं तो साथ बैठ, दो घूँट पी
और देख दिल्ली को चलता हुआ #DarubaazKejri
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) August 9, 2018
शाही खर्च कराने के नाम पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री तो दिल्ली के मुख्यमंत्री के भी बाप निकले। अकेले आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू पर कर्नाटक के मेजबान विभाग ने 8.72 लाख रुपये उड़ा दिए। आरटीआई से हुए खुलासे के मुताबिक चंद्र बाबू नायडू ताज वेस्ट इंड में 23 मई को 9.49 बजे प्रेवश करते हैं और 24 मई की अल सुबह 5.34 बजे खाली कर देते हैं। लेकिन इतनी ही देर में वे 8.72 लाख रुपये उड़ा देते हैं। हालांकि इसकी जांच होनी चाहिए कि उन्होंने इतने कम समय में 8.72 लाख रुपये में क्या किया? स्वामी ने अपने मेहमानों को ठहराने का इंतजाम बेंगुलुरू के पांच सितारा होटल ताज वेस्ट इंड तथा सिंगरी ला होटल में किया था।
स्वामी ने अपने सात मिनट के शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रदेश के करदाताओं के 42 लाख रुपये अपने राजनीतिक हित साधने के लिए बर्बाद कर दिए। हालांकि कर्नाटक सरकार के जिस प्रदेश मेजबान संगठन ने स्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में पानी की तरह पैसा बहाया, इसी संगठन ने 2013 में सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में और न ही 17 मई 2018 को बीएस येदुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह में कोई पैसा खर्च किया था। स्वामी ने अपने इस समारोह में भाजपा मुख्यमंत्रियों को छोड़कर देश के सारे प्रदेश के मुख्यमंत्रियों समेत कुल 42 नेताओं को आमंत्रित किया था।
खास बात है कि पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हुए खर्च का ब्यौरा उपलब्ध नहीं है। वैसे एक अनुमान के आधार पर कहा जा रहा है कि उनपर करीब साढ़े तीन लाख रुपये खर्च हुआ है! वैसे भी शपथ ग्रहण समारोह तक पहुंचने के लिए थोड़ी दूर पैदल चलने को लेकर दीदी बिफर पड़ी थी। शायद इसलिए कुमार स्वामी डर गए हों।
अन्य किस मेहमान पर कितना किया खर्च
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादवः 1,02,400
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावतीः 1,41,443
केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजियनः 1,02,400
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत: 1,02,400
सीपीएम लीडर सीताराम येचुरी: 64,000
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन : 38,400
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) नेता शरद पवार : 64,000
एआईएमआईएण सुप्रीम असदुद्दीन ओवैसी : 38,400
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी : 45,952
कर्नाटक की नई सरकार की इस फिजुलखर्ची पर कई गणमान्य लोगों ने तीखी आलोचना की है। कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति संतोष हेगड़ ने कहा कि सरकार को इस प्रकार की फिजूलखर्ची की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी राजनीतिक पार्टी ने इतने मेहमानों को बुलाया है तो फिर उसका खर्च भी उसे ही उठाना चाहिए। कर्नाटक सरकार को इन सारे मेहमानों को बेंगलुरु स्थित सरकारी रेस्ट हाउस में ठहराना चाहिए था।
वहीं स्वतंत्रता सेनानी एचएस डोरेस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह पर हुए राजशाही खर्च के बारे में सुनकर दंग रह गए। उन्होंने कहा कि इस समारोह में भाग लेने के लिए आने वाले नेताओं को भी इस प्रकार की फिजूलखर्ची करने से पहले दो बार अवश्य सोचना चाहिए था। उन्हें यह महसूस करना चाहिए था कि उन्हें इस प्रकार करदाताओं के पैसों को नहीं उड़ाना चाहिए। लेकिन इस मामले में न तो मेहमानों न ही मेजमानों ने करदाताओं के पैसे को ईमानदारी से खर्च करने के बारे में सोचा।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में “दिल्ली के मलिक” का जाना जनता को 1.85 लाख का पड़ा। सिर्फ़ 2 घंटे में होटेल के कमरे में खाने पीने का बिल 76 हज़ार का था। ये उस राज्य के मुख्यमंत्री के खाने का बिल है जहाँ 3 बच्चे भूख से मार जाते हैं। pic.twitter.com/R0sPD8KPEd
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) August 9, 2018
URL: Three children died in hunger in Delhi and Chief Minister Kejriwal drank 80 thousand liquor in two hours
keywords: kumar swamy Oath taking ceremony, HD Kumaraswamy swearing Cost, N. Chandrababu Naidu, Mamata Banerjee, arvind kejriwal, delhi cm, Karnataka, bangalore, कुमार स्वामी, कुमार स्वामी शपथ ग्रहण समारोह, अरविन्द केजरीवाल, दिल्ली, ममता बनर्जी, कर्नाटक