वामी मीडिया हो, कांग्रेस पार्टी हो या कम्युनिस्ट पार्टी, फेक न्यूज फैलाने में उनका सानी नहीं है। UAE ने अभी तक केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा तक नहीं की है, लेकिन देश के वामपंथी राजनीतिक दलों से लेकर मीडिया तक फेक न्यूज फैलाने में जुटा है। इन लोगों ने यूएई से 700 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा करने से लेकर मोदी सरकार द्वारा उसे वापस करने तक का प्रपंच रच डाला है! ये सब एक साजिश के तहत की गई है, ताकि मोदी सरकार को बदनाम किया जा सके!
लेकिन इनकी साजिशों की धज्जियां स्वयं संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत अहमद अलबाना ने कर दी है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को स्पष्ट रूप से बताया है कि यूएई ने अभी तक न तो केरल बाढ़ पीड़ितों की आर्थिक मदद करने की घोषणा की है न ही कोई रकम का ऐलान किया है। यूएई की आर्थिक मदद की जितनी भी बातें की जा रही हैं वह सिर्फ अफवाह और झूठ है। अपनी झूठ की बदौलत इन लोगों ने देश में यूएई की 700 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद स्वीकारने या लौटाने को देश में बहस का मुद्दा तक बना दिया है। इसी को तो कहते हैं ‘न जूट न जोलहा, बेमतलब का लट्ठम-लट्ठ!’
मुख्य बिंदु
* यूएई के राजदूत अहमद अलबाना ने कहा कि अभी तक आर्थिक मदद की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है
* वामी मीडिया से लेकर कांग्रेस पार्टी व कम्युनिस्ट पार्टी मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए 700 करोड़ आर्थिक मदद का हल्ला मच्चा रखा है
700 करोड़ आर्थिक मदद की सच्चाई
भारत में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राजदूत अहमद अलबाना ने इंडियन एक्सप्रेस से हुई बातचीत के दौरान कहा कि केरल में आई बाढ़ और उसके बाद के हालात के लिए जरूरी राहत का आकलन किया जा रहा है। जहां तक आर्थिक मदद की रकम की घोषणा करने की बात है तो अभी तक तय नहीं की गई है, क्योंकि उस पर भी अभी विचार ही किया जा रहा है। जब उनसे पूछा गया कि आपका मतलब यह है कि यूएई ने अभी तक आर्थिक मदद के रूप में 700 करोड़ रुपये की घोषणा नहीं की। इस पर अलबाना का कहना था कि बिल्कुल हां, यही सही है, क्योंकि अभी तक कुछ तय ही नहीं हुआ है तो फिर कैसे रकम की घोषणा की जा सकती है?
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का फरेब
आपने यूएई के राजदूत का बयान पढ़ लिया, अब केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का झूठ और फरेब पढ़िए। इस सप्ताह के शुरू में ही केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा था कि अबू धाबी के राजकुमार शेख मोहम्मद बिन जयाद अल नाह्यान ने 700 करोड़ रुपये आर्थिक मदद करने की पेशकश की थी।
पिनाराई ने कहा कि अल नाह्यान ने यह पेशकश तब की थी जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी। देखिये विजयन का फरेब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम इसलिए लिया ताकि मोदी सरकार को बदनाम किया जा सके। अगर नाह्यान ने मोदी से पेशकश की थी तो फिर अभी तक आर्थिक मदद की रकम पर विचार क्यों किया जा रहा है? केरल में आई बाढ़ से हुए नुकसान और उसके बाद के हालात का आकलन क्यों किया जा रहा है? अभी तक आधिकारिक रूप से आर्थिक मदद करने की घोषणा क्यों नहीं की गई?
वामी मीडिया बना फेक न्यूज प्रचारक
एक बयान यूएई के राजदूत अहमद अलबाना का आया और दूसरा बयान केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का आया। देश के वामी मीडिया ने अलबाना के बयान को तरजीह नहीं दी लेकिन विजयन के बयान को पूरे देश में बहस का मुद्दा बना दिया। यह मोदी सरकार को बदनाम करने की साजिश नहीं तो और क्या है? जो आर्थिक मदद देने वाला है वह कह रहा है कि अभी विचार चल ही रहा है, वहीं जिसे मदद की जानी है वह कह रहा है कि आर्थिक मदद की पेशकश तो की गई लेकिन उसे ठुकरा दिया गया!
विजयन ने अपने एक साक्षात्कार के दौरान यूएई के प्रति अपने राज्य की प्रतिबद्धता का उदाहरण देते हुए कहा कि यूएई को किसी अन्य देश की तरह नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि अल नाह्यान और मोदी के बीच हुई बातचीत के कुछ ही घंटों बाद विदेश मंत्रालय ने यूएई की आर्थिक मदद की पेशकश को ठुकरा दिया। विजयन ने कहा कि मंत्रालय ने भारत की नीति को रेखांकित करते हुए कहा कि केरल में आई बाढ़ की वजह से हुए नुकसान को देखते हुए आवश्यक राहत और पुनर्वास के कार्य घरेलू प्रयास से पूरे किए जाएंगे।
सवाल उठता है कि जब अभी तक यूएई की तरफ से आधिकारिक तौर पर कोई आर्थिक मदद की घोषणा की ही नहीं गई है तो फिर उसे ठुकराने या अपनाने की बात कहां से आती है? लेकिन देश में ऐसा माहौल पैदा किया जा रहा है ताकि मोदी सरकार के साथ देश की बदनामी देश से लेकर विदेश तक में किया जा सके।
हाल ही में जिस प्रकार राहुल गांधी ने जर्मनी में देश को नीचा दिखाया है, केरल में आई बाढ़ के लिए हाय-तौबा मचाया जा रहा है, इससे साफ लग रहा है कि लिबरल और वामी राजनीतिक दल के साथ मीडिया देश और मोदी सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने में जी जान से जुटा है।
URL: UAE says nothing official to amount of financial aid for Kerala floods
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