सुलगते कश्मीर के मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठाकर पाकिस्तान जो दांव खेलना चाह रहा था उस पर अमेरिकी सांसदों ने पानी फेर दिया. कश्मीर में आतंकी संघटन हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से घाटी में जो तनाव का माहौल बना हुआ है पाकिस्तान उसके पीछे राजनीति करने से बाज नहीं आ रहा है.
भारत के अंदरूनी मुद्दे पर अपनी कुटिलनीति के जरिये UN के स्थायी सदस्यों से दखल की मांग करने वाल पाकिस्तान अगर अपने घर में रोज होने वाली घटनाओं पर ध्यान दे तो शायद ज्यादा अच्छा हो, एक कश्मीरी आतंकवादी के प्रति अपनी हमदर्दी जताने के पीछे उसका जो मकसद है शायद अब दुनिया से छिपा नहीं है इसलिए अमेरिकी सांसदों ने पाकिस्तान की इस मांग को खारिज करते हुए कहा है कि पाकिस्तान आतंकवादिओं को शह देना बंद नहीं करेगा तो उसे आतंकवादी प्रायोजित देश घोषित कर दिया जाए ! अमेरिकी सांसदों ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता राशि में भी कटौती करने की भी मांग की है.
एक आतंकवादी के लिए इतनी हमदर्दी जताने वाले पाकिस्तान ने कभी मानवता के नाते बांग्लादेश में हो रही निर्दोष हिन्दुओं की निर्मम हत्याओं के लिए UN का दरवाजा नहीं खटखटाया.सिर्फ कश्मीरी आतंकवादी के लिए इतनी हमदर्दी क्यों? पाकिस्तान के दोहरे चरित्र का पता इस बात से भी लगाया जा सकता है. एक तरफ आतंकवादियों और आतंक के विरोध का दिखावा करने वाला पाकिस्तान अपने ही देश में बुरहान जैसे आतंकवादी के लिए श्रद्धांजलि सभायें आयोजित कर रहा है. वाह रे पाकिस्तान ! तू और तेरा छलावा !