दिल्ली पुलिस की अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज ने दो सांप्रदायिक ट्वीट के जरिए विकासपुरी हत्याकांड को सांप्रदायिक रंग न देने की अपील की थी, लेकिन डॉ नारंग की हत्या में में पकड़े गए आरोपी जिस झुग्गी बस्ती में रहते हैं, वहां के निवासी ही इसे सांप्रदायिक रंग देने में जुट गए हैं! मोनिका भारद्वाज ने टवीट किया था कि विकासपुरी हत्याकांड में 9 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं,जिसमें से पांच हिंदू हैं! सच तो यह है कि केवल 5 आरोपी गिरफ्तार हैं जबकि चार अन्य नाबालिग है, जिसे कानूनी भाषा में गिरफ्तार नहीं कहा जा सकता है!
यही नहीं, पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा आरोपियों के धर्म की पहचान उजागर नहीं की जाती,लेकिन अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज ने यह पहचान उजागर कर एक तरह से अनजाने ही जिस संप्रदायिकता को हवा दी, उसे आज विकासपुरी न्यू कृष्णा पार्क इंदिरा कैंप के निवासी ही बढ़ाने में जुटे हैं! ज्ञात डॉ पंकज नारंग की हत्या के आरोप में पकड़े गए सभी आरोपी विकासपुरी के न्यू कृष्णा पार्क स्थित इंदिरा कैंप झुग्गी बस्ती के रहने वाले हैं.
दिल्ली के विकासपुरी में 23 मार्च की रात हुई डॉ. पंकज नारंग की हत्या के आरोप में गिरफ्तार अभियुक्तों के बचाव में इंदिरा कैंप झुग्गी बस्ती के निवासी उतर आए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि मुख्य अभियुक्त नासिर और उसका परिवार मुसलमान है,इसलिए पुलिस और मीडिया उन्हें टारगेट कर रही है। यदि उस झगड़े में डॉ नारंग की जगह नासिर की मौत हो जाती तो आज कोई इस पर चर्चा भी नहीं करता. हालांकि उत्तरप्रदेश के दादरी में हुई अखलाक की मौत की बात और उसके मीडिया कवरेज की बात पूछने पर स्थानीय निवासी चुप्पी साध लेते हैं!
इंदिरा कैंप झुग्गी बस्ती के लोगों का कहना है कि डॉ नारंग की मौत एक हादसा है न कि हत्या. नासिर और उसके परिवार के बचाव में आगे आते हुए उनका कहना है कि यह मामूली रोडरेज की घटना है. जिसे मीडिया और पुलिस ने हत्या का मामला बता दिया है. स्थानीय निवासी तो यह तक कहते पाए गए कि मुख्य अभियुक्त नासिर मुसलमान है, इसलिए उसे गिरफ्तार किया गया है. यदि उस हादसे में नासिर की मौत हो जाती तो आज न यहां मीडिया आती और न पुलिस!
स्थानीय निवासी तो यह तक कह रहे हैं कि पुलिस ने लाठी के जोर पर उनसे यह गुनाह कबूल करवाया है. वे लोग इतने बुरे इंसान नहीं थे कि किसी की हत्या कर दें.
ज्ञात हो कि २३ तारीख की रात को नासिर ने अपने भाई आमिर अपनी माँ और दोस्तों के साथ मिलकर डॉ नारंग की बेरहमी से हत्या कर दी थी.यहाँ के लोग इसे केवल एक हादसे का रूप देने की कोशिश कर रहे हैं वह तो अच्छा है की पुलिस के पास इसकी सी.सी.टीवी रिकॉर्डिंग है वरना इन लोगों को सड़क पर उतरते देर नहीं लगती.