प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव जीतने के बाद देशवासियों से दो बातें कही थीं। पहला यह कि वह देश के चौकीदार है और उन्हें प्रधानमंत्री नहीं प्रधानसेवक समझा जाए। अगर उनकी इन दोनों भूमिकाओं को काम के आधार पर आंका जाए तो पूरे तथ्य के साथ कहा जा सकता है कि उन्होंने अपनी दोनों भूमिकाएं बखूबी निभाई है। यह तर्क के आधार पर नहीं तथ्य के आधार पर साबित होता है। जिस प्रकार उन्होंने 2.5 लाख फर्जी कंपनियों से लेकर पांच करोड फर्जी राशन कार्ड, तीन करोड़ से भी अधिक एलपीजी कनेक्शन तथा 2 करोड़ मनरेगा कार्ड पर शिकंजा कसा है और उसका सदुपयोग गरीबों के लिए किया है इससे साबित हो जाता है कि उन्होंने देश की चौकीदारी भी की है प्रधानसेवक बनकर गरीबों की सेवा भी की है।
मुख्य बिंदु
* मोदी सरकार ने ढाई लाख कंपनियों को बंद करने का दिखाया साहस
* पांच करोड़ फर्जी राशन कार्ड निरस्त कर जमाखोड़ी पर लगाई लगाम
* तीन करोड़ फर्जी एलपीजी कनेक्शन बंद कर गरीबों के घर पहुंचाया धुआं मुक्त चूल्हा
2.5 lakh shell companies
5 crore fake ration cards
3 crore fake LPG connections
2 crore fake MGNREGA cards struck off
50 lakh fake students,
10 lakh fake teachers and
40 lakh illegal immigrants exposed
All these mighty tasks have been accomplished
In just 4 years of MODI GOVT
— Mahesh Vikram Hegde (@mvmeet) August 3, 2018
ढाई लाख फर्जी कंपनियों पर जड़ दिया ताला
जिस प्रकार मोदी सरकार ने एक झटके में करीब 2.5 लाख कंपनियों पर ताला जड़ने का दुस्साहसिक कार्य किया है, अगर ये कंपनियां सही होतीं तो देश में कोहराम मच गया होता। लेकिन मोदी सरकार जानती थी कि यहीं फर्जी कंपनिया आज भ्रष्टाचार की जननी बनी हुई हैं। देश भर में चल रही फर्जी कंपनियां न सिर्फ काले धन को सफेद करने के धंधे में संलिप्त थी बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को घुन की तरह खा रही थी। तभी सरकार ने कार्रवाई करते हुए करीब ढाई लाख कंपनियों को बंद कर दिया है। वाणिज्यिक मंत्रालय के अनुसार 2.24 लाख फर्जी कंपनियों के पंजीकरण रद्द किए जा चुके हैं जो दो या उससे अधिक साल से ऐसी ही पड़ी हुई थी। मालूम हो कि 35,000 कंपनियों के 58,000 बैंक खातों से नोटबंदी के बाद 17,000 करोड़ रुपये जमा हुए हैं।
5 करोड़ राशन कार्ड निरस्त कर जमाखोरी पर की चोट
देश में फर्जी राशन कार्ड से जहां गरीबों तक राशन नहीं पहुंच पाता था वहीं देश में जमाखोरी बढ़ रही थी। लेकिन मोदी सरकार के उपभोक्ता और खाद्य मंत्रालय ने आधार कार्ड से राशन कार्ड को लिंक कर दिया। मंत्रालय के इस कदम से एक झटके में ही देश से 5 करोड़ फर्जी राशन कार्ड चलन से बाहर हो गया। मोदी सरकार के इस कदम से देश को 14 हजार करोड़ रुपये का लाभ मिला है। इस पैसों को दूसरी सुविधाओं में लाकर अन्य लाभ देने की तैयारी की जा रही है। डिजिटल सिस्टम होने से 33 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ताओं को जोड़ा गया है।
Aadhaar Exposes 5 Crore Ghost Accounts: Govt, after making Aadhaar mandatory, has captured fake 3.5 cr LPG connections & 1.6 cr ration cards pic.twitter.com/3hblnbh8yo
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 4, 2017
3.3 करोड़ फर्जी एलपीजी कनेक्शन किए गए रद्द
जब से मोदी सरकार ने डायरेक्ट कैश ट्रांसफर की शुरुआत की है तब से करीब 3.3 करोड़ फर्जी एलपीजी कनेक्शनों को बंद कर दिया गया है। सरकार के इस कदम से करीब 21 हजार करोड़ की बचत हुई है। इस संदर्भ में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि जब 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता संभाली तो पता चला कि जो सब्सिडी के हकदार नहीं थे उन्हें भी बेवजह सब्सिडी दी जा रही है। सब्सिडी के चक्कर में भारी संख्या में फर्जी एलपीजी कनेक्शन बनाए गए और इन्हें औद्योगिक क्षेत्रों को हस्तांतरित कर दिया गया। इससे गरीबों को एलपीजी कनेक्शन तक नहीं मिल पा रहा था। देश की आधी आबादी के पास एलपीजी कनेक्शन ही नहीं थे। लेकिन मोदी सरकार ने 2014 में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांफसर योजना शुरू कर बैंक खातों में सब्सिडी पहुंचाने लगी। इससे फर्जी खातों में सब्सिडी जानी रुक गया। इससे दो साल में ही सरकार को 21 हजार करोड़ से ज्यादा की बचत हुई। बाद में सरकार ने फर्जी कनेक्शन की पहचान कर तीन करोड़ तैंतीस लाख फर्जी कनेक्शनों को बंद कर दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के एक आह्वान पर लाखों लोगों ने स्वयं सब्सिडी छोड़ दी। इससे करोड़ों लोगों के घर एलपीजी गैस पहुंच गई।
मनरेगा के तहत दो करोड़ फर्जी जॉब कार्ड रद्द!
इसी प्रकार मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले मनरेगा (महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना) जैसी अहम केंद्रीय योजना में भी फर्जीवाड़ा का राज कायम था। जरूरतमंदों को रोजगार नहीं मिल पा रहा था लेकिन पैसों का बंदरबांट जारी था। जब मोदी सरकार सत्ता में आई तो फर्जी मनरेगा जॉब कार्ड पर शिकंजा कसना शुरू किया। घर-घर जाकर जांच कराई गई। इससे करीब 2 करोड़ फर्जी मनरेगा जॉब कार्ड मिले। जिसे तत्कार रद्द कर दिया गया। सरकार के इस कदम से जहां जरूरतमंदों को पर्याप्त काम मिलना शुरू हो गया है वहीं पैसों का बंदरबांट भी रुक गया है।
लाखों फर्जी छात्रों के नाम पर मची लूट पर नकेल
मोदी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी चौकीदारी दिखाई है। देश भर में छात्रों के नाम पर व्यापक रूप से फर्जीवाड़े व्याप्त थे। कहीं सर्टिफिकेट के नाम पर तो कहीं छात्रवृत्ति के नाम पर सरकारों को चूना लगाने का काम जारी था। चूंकि शिक्षा देश की समवर्ती सूची का विषय है। इसलिए इसपर अकेले केंद्र सरकार कोई फैसला नहीं ले सकती है। तभी प्रदेश सरकारों से समन्वय बैठकर फर्जी छात्रों पर नकेल कसने का फैसला किया। अकेले उत्तर प्रदेश में महज एक साल में साढ़े छह लाख फर्जी छात्रों को परीक्षा से बाहर किया गया है। छात्रवृत्ति के नाम पर देश में कई ऐसे स्कूल और मदरसे सामने आए हैं जहां फर्जी छात्रों के नाम पर सरकार को चूना लगाया जा रहा था। फर्रुखाबाद के कमाल गंज स्थित एक मदरसे में चल रहे बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया। यहां बच्चों के पंजीकरण के नाम पर सरकार को गुमराह कर स्कॉलरशिप के पैसे ऐंठे जा रहे थे। जब इस राज से पर्दा उठा तो मदरसे का कोई भी जिम्मेदार आदमी इस पर बोलने के लिए सामने नहीं आया। इस प्रकार मोदी सरकार ने करीब 50 लाख फर्जी छात्रों के माध्यम से मची लूट को बंद किया है।
40 लाख घुसपैठियों की पहचान करने में मिली सफलता
देश में अभी तक घुसपैठियों का मुद्दा तो उठता था लेकिन कभी कोई ठोस कार्यवाई नहीं हुई। यहां तक की सख्त मिजाज कही जाने वाली पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी इस पर सख्त बयान तो दिया लेकिन काम कभी नहीं किया। एक साक्षात्कार के दौरान इंदिरा गांधी ने कहा था “मैं पूरी तरह से इस बात पर दृढ़ संकल्पित हूं कि सारे घुसपैठियों को देश छोड़कर जाना होगा क्योंकि इन्हें मैं अपने देश की आबादी में शामिन नहीं कर सकती”। राजीव गांधी ने असम छात्र आंदोलन के भय से 14 अगस्त 1985 असम समझौता किया हो, लेकिन उन्होंने भी उसपर अमल नहीं किया। किसी सरकार में इतनी हिम्मत नहीं थी कि घुसपैठिए की पहचान तक कर सके। लेकिन मोदी सरकार ने घुसपैठिए की पहचान कराने के लिए एनआरसी सूची जारी करवाई।
इससे साफ है कि मोदी सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में जहां देश को आगे बढ़ाया है वहीं कांग्रेस शासन काल के गड्ढे को भी भरने का काम किया है। क्योंकि उपरोक्त सारे कारनामें कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के थे।
URL: What Narendra Modi government achieved since coming to power?
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