जितेन्द्र प्रताप सिंह। नरेंद्र मोदी का मुन्नारगुडी माफिया शशिकला को सात्वना देना मुझे बेहद अजीब लगा। क्योकि नरेंद्र मोदी इस धूर्त महिला की पूरी कुंडली जानते थे और उसे दुनिया के सामने भी लाये थे।
मित्रो 2011 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तब वो जयललिता के घर पोयस गार्डन में एक समारोह और पूजा के लिए दो दिन थे। मोदी के स्टॉफ में कई मद्रासी भी थे, उनके निजी सचिव कैलाश नाथन खुद मद्रासी थे। जयललिता के एक रसोइये ने मोदी जी के एक स्टाफ को बेहद चौकाने वाली बात बताई। उसने कहा की शशिकला और इसकी बहन हर रोज खाने में जयललिता को स्लो प्वाइजन देते है। मोदी जी को यह बात उनके स्टाफ ने बताई। मोदी जी ने उस रसोईये से जयललिता को दिया जाने वाला खाना ले लिया और उसे गांधीनगर एफएसएल लैब में जाँच के लिए भेजा। रिजल्ट बेहद चौकाने वाला था,जयललिता को ठीक वही जहर दिया जा रहा था जो अमेरिका के ओरेगन जेल में ओशो को दिया जा रहा था! यानी स्लो प्वाइजन!
मोदी जी तुरंत खुद चेन्नई गये और जयललिता को यह बात बताई। शशिकला को भनक लग चुकी थी और वो फेमिली के साथ फरार हो गयी। उसे बंगलौर में पकड़ा गया, वो जेल भी गयी। जयललिता ने उसे पार्टी और घर से निकाल दिया। बाद में कुछ ही सालो बाद जयललिता और शशिकला में फिर से दोस्ती हो गयी। फिर शशिकला ने पोयस गार्डन में डेरा जमा लिया।
जयललिता के एक ही भाई थे। जयललिता उन्हें बहुत चाहती थी। उनके मरने के बाद वो अपनी सगी भतीजी दीपा जयकुमार से बेहद स्नेह रखती थी। लेकिन शशिकला दीपा को जयललिता से मिलने ही नही देती थी। एक दिन दीपा किसी तरह एक समारोह में जयललिता से मिली। जयललिता ने पूछा की “तुम अब मिलने क्यों नही आती तो उसने बोला मुझे मिलने नही दिया जाता”। जयललिता ने तुरंत अपने एक सचिव को बुलाया और कहा ये दीपा जब भी मेरे से मिलना चाहे उसे तुरंत मुझसे मिलवाया जाए। बाद में वो सचिव अपने आवास पर मृत पाए गये!
अपोलो में जयललिता को शशिकला ने पूरी तरह कब्जे में लिए हुए था। दीपा ने कई बार मिलने की कोशिस की तो शशिकला ने उसे धक्के मारकर भगा दिया। दीपा ने मद्रास हाईकोर्ट में अपील भी किया। फिर भी शशिकला ने दीपा को अपनी सगी बुआ जयललिता को देखने तक नही दिया। अब जयललिता के मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार शशिकला ने ही किया और उनके घर में वो आज भी रहती है! अब एआईएडीएम्के पार्टी सहित जयललिता की पूरी सम्पत्ति वो हडप रही है। एक जमाने में जयललिता के बेहद करीबी रहे और उनके राजनितिक सचिव चो रामास्वामी भी शशिकला की वजह से जयललिता से दूर हो गये। उन्होंने ही मन्नारगुडी माफिया शब्द कहा था! क्योकि शशिकला मन्नारगुडी की थी।
अब देखते है शशिकला का आगे क्या होता है? क्या ये अपने मकसद में कामयाब होती है या इसकी सच्चाई सामने आती है।
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