नेशनल हेरॉल्ड केस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी के बीच तलवारें खिच गई हैं। एक तरफ स्वामी नेशनल हेराल्ड केस के मामले में मूल दस्तावेज जमा कराने पर अड़े हुए हैं वहीं सोनिया गांधी और राहुल गांधी इस मामले में शुरू से ही दस्तावेज पेश करने के खिलाफ हैं। कांग्रेस के वकील और स्वामी के बीच कोर्ट में इस मामले पर तीखी बहस होने के बाद कोर्ट ने अपना आदेश 26 मई तक के लिए सुरक्षित कर लिया है। 26 मई की सुनवाई के दौरान कोर्ट इस मामले में अपना कोई आदेश देगा। लेकिन सवाल उठता है कि अगर कोर्ट ने मूल दस्तावेज पेश करने का आदेश दे दिया तो फिर कांग्रेस क्या करेगी? लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण सवाल यह है कि आखिर कांग्रेस कोर्ट में मूल दस्तावेज पेश करने से डर क्यों रही है?
मुख्य बिंदु
*पहले हुइ सुनवाई को दौरान दोनों पक्षों में हुई तीखी बहस के बाद कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया है अपना फैसला
*26 मई को यदि कोर्ट ने दस्तावेज की मूल कॉपी पेश करने का आदेश दे दिया तो क्या करेंगी सोनिया गांधी
स्वामी ने हाल ही में कहा है कि इस केस से संबंधित जितने भी दस्तावेज उन्हें चाहिए वे सारे दस्तावेज सोनिया गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दिया है। सोनिया गांधी को यह बात अब स्वीकार करना चाहिए या फिर इससे इनकार करना चाहिए लेकिन इस प्रकार के ओछे बयान देकर कोर्ट की प्रक्रिया को लटकाना नहीं चाहिए। स्वामी ने अपने बयान में कहा है कि “इस मामले के मुख्य आरोपी सोनिया गांधी के हलफनामे के मुताबिक सारे मूल दस्तावेज उनके पास है क्योंकि उन्होंने दस्तावेज की छाया प्रति ही जमा करवाई है ” मुझे उनकी सत्यापित प्रति की जरूरत है। मैं ने भी यंग इंडिया पर आय कर विभाग द्वारा लगाए गए 249 करोड़ के जुर्माने के दस्तावेज की छाया प्रति जमा करवाई है। उन्होंने भी हाईकोर्ट के समक्ष वही दस्तावेज पेश किया है और हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करने के लिए उनसे 10 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा है। अब तो उन्हें कोर्ट के समय को नष्ट किए बगैर कोर्ट के समक्ष इस दस्तावेज को स्वीकार करना है या फिर अस्वीकार करना है।
स्वामी की दलील पर कांग्रेस के दोनों वकीलों आर एस चीमा तथा रेबेक्का जॉन ने कड़ी आपत्ति की है। उनका कहना है कि स्वामी अपनी ओछी मांग के लिए अदालत का समय बर्बाद कर रहे हैं। उनका कहना है कि अधिकांश दस्तावेजों की फोटोकॉपी ही हैं। दूसरी बात यह है कि दस्तावेजों की मांग को लेकर उन्होंने जो आवेदन दिए हैं उनमें कई खामियां है।
स्वामी ने कहा है कि “वे तो सुप्रीम कोर्ट में दूसरे आरोपियों के जमा मूल दस्तावेज के सत्यापित प्रतियों की मांग के लिए अर्जी दायर करेंगे। उन्होंने कांग्रेस के वकीलों से कहा कि फोटोकॉपी है या फोटोकॉपी नहीं है इससे क्या मतलब है आप इसे स्वीकार या अस्वीकार क्यों नहीं कर सकते हैं? मूल कॉपी तो आपके पास ही है।” दोनों पक्षों के बीच आधे घंटे तक हुई बहस के बाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 26 मई तय कर दी। अब 26 मई को कोर्ट के आदेश के बाद यह तय हो जाएगा कि कांग्रेस कोर्ट में जमा दस्तावेज को स्वीकार करती है या फिर उससे इनकार करती है या फिर मूल दस्तावेज कोर्ट में पेश करती है।
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URL: Why Congress avoiding presenting National Herald document?
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