सबरीमाला मंदिर में पूजा करने के लिए गिरफ्तार निरपराध हिंदुओं को बेल देने पर सवाल उठाने वाले केरल कोर्ट को शर्म तक नहीं आती। जबकि उसने खुद रेप के आरोपी पादरी फैंको मुल्लकाल को जमानत दी थी। उससे क्यों नहीं पूछा जाना चाहिए कि आखिर उसने रेप के आरोपी पादरी फ्रैंको मुल्लकाल को किस बिना पर जमानत दी थी? जिस प्रकार देश का न्यायालय हिंदुओं की भावनाओं को चोट पहुंचाने वाले आदेश देने लगे हैं इससे जनमानस में यह संदेश जाने लगा है कि कोर्ट हमेशा से ही सामन्य लोगों के खिलाफ और विशेष लोगों के पक्ष में निर्णय करता रहा है। जो अभी तक चल रहा है। सभी के लिए न्याय की कहावत को धूमिल करते हुए न्यायपालिका को भी bharsht कर दिया है।
Giving bail to ordinary Hindus arrested for the crime of praying at #sabarimala would send a ‘wrong message’ says Kerala court. In another news, Kerala court gives bail to Christian Bishop Franco Mullakal accused of raping a nun!! #SuchJusticeMuchFairness pic.twitter.com/HjNMGmV31m
— Shefali Vaidya (@ShefVaidya) November 5, 2018
इस संदर्भ में स्वराज्य में स्तंभ लिखने वाली स्तंभकार शैफाली वैद्य ने ट्वीटर पर लिख है कि सबरीमाला में पूजा करने के दौरान गिरफ्तार किए गए सामान्य हिंदुओं को जमानत दिए जाने पर केरल कोर्ट ने नाराजगी जताई है। केरल कोर्ट का कहना है कि इससे देश में एक गलत संदेश जाएगा। शेफाली ने अपने ट्विटर में लिखा है कि जबकि सच्चाई यह है कि केरल की एक नन के साथ कई बार रेप करने के आरोपी पादरी फ्रैंक मुल्लकाल को यह केरल कोर्ट ने जमानत दी है।
सवाल उठता है कि आखिर केरल कोर्ट इस प्रकार के भेदभावपूर्ण क्यों कर रहा है? जिस प्रकार केरल कोर्ट हिंदू और क्रिश्चियन को देखकर भेदभावपूर्ण फैसला करता है इससे आम लोगों का न्याय से विश्वास उठने लगा है। यहां के लोगों में न्याय से विश्वास उठने में सबसे बड़ा हाथ कोर्ट के कुछ जजों द्वारा भेदभावपूर्ण फैसला रहा है।
साफ है कि केरल में सामान्य हिंदुओं को किसी अपराध में नहीं बल्कि सबरीमाला मंदिर में पूजा करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ कोई अपराध साबित नहीं होने पर उन्हें जमानत दे दी गई। केरल कोर्ट ने हिंदुओं कों मिली जमानत पर सवाल उठाकर हिंदुओं की भावनाओं को चोट पहुंचाई है। इसी को देखते हुए लोगों ने केरल कोर्ट के उस फैसले पर सवाल करना शुरू कर दिया है, जिसमें उन्हों रेप के आरोपी पादरी को जमानत दी है।
URL: Why this discrimination? bail for rape accused bishop and prison for sabarimala devotees
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